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Monthly Archives: November 2016

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This event consisted of a blend of panel discussions and self-reflection that enabled individuals discover their inner peace through positive thinking and meditation. The programme hosted eminent personalities like Ajinkya Rahane – International Cricketer and Vice-Captain of the Indian Cricket team, Dr. Shailesh Shrikhande – India’s renowned oncologist and Shashikiran Shetty – Founder and chairman of Allcargo Logistics, who shared their personal stories of having overcome crisis successfully.

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सामाजिक सदभाव के लिए आध्यात्मिकता का मार्ग जरूरी-स्वामी याोगी अमरनाथ
संतों का आह्वान सर्वधर्मों के लोग मिलकर बनायें नया समाज
 
आबू रोड, 23 नवम्बर, निसं। समाज के सभी वर्गों के लोगों के सहयोग बिना एक बेहतर समाज की परिकल्पना कठिन है। सामाजिक सदभाव और शांति के लिए आध्यात्मिकता का मार्ग जरूरी है। इससे ही समाज में समरसता आयेगी। उक्त विचार इन सर्च ऑफ पीस फाउण्डेशन ऋषिकेश के संस्थापक स्वामी योगी अमरनाथ ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में आयेाजित सर्व धर्म सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे। 
 
उन्होंने कहा कि भारत देश में जब भी कभी मूल्यों का संकट आया है तब संत महात्माओं ने आध्यात्मिक शक्ति से मुक्ति दिलाने का महान कार्य किया है। जिससे नये समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने संतों महात्त्माओं से आह्वान किया कि सभी को मिलकर बुराईयों से मुक्त भारत का निर्माण करना चाहिए। जिसकी शुरूआत ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रारम्भ हो गयी है। 
 
ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि राजयोग और ध्यान मनुष्य को आध्यात्मिक उंचाईयों की ओर ले जाता है। यही एक रास्ता है जो परमात्मा के समीप ले जायेगा जहॉं से मनुष्य अपना भाग्य बना सकता है। वर्तमान समय समाज और दुनिया की हालत तेजी से बदल रही है। ऐसे में तेजी से हो रहे मूल्यों की गिरावट को रोकना समय की मांग है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी आन्तरिक स्थिति को बढ़ायें। इसके लिए राजयोग से बेहतर दूसरा कोई उपाय नहीं है।
 
अखिल भारतीय साध्वी शक्ति परिषद दिल्ली की उपाध्यक्ष श्री महंत साध्वी विभानन्द गिरी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान में माताओं बहनों ने यह सिद्ध कर दिया है कि परमात्मा ने भारत माता और वन्देमातरम क्यों कहा था। क्योंकि माताओं-बहनों से ही परमात्मा नयी दुनिया बनाने का महान कार्य कर रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी ने कहा कि जब हम अपने आप को जानेंगे तभी परमात्मा को पहचानेंगे। बिना परमात्मा के पहचान के जीवन में सकारात्मक बदलाव नहीं आ सकता है। 
बेलगॉम के श्री राजचोटेश्वर महास्वामी ने कहा कि विश्व में समस्त मानवजाति केवल मूल्यों से ही जानी जाती है। वह मूल्य सिर्फ परमात्मा ने ही दिया है। जिससे जीवन में मनुष्य बदलाव कर सकेंगे। ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि मनुष्य का जीवन महान कार्यों के लिए हुआ है इसलिए हमेशा श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए।
कार्यक्रम में शांतिवन की कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी, वेदान्ताचार्य सिद्धपीठ भरतपुर के डॉ स्वामी कौशल किशोरदस जी महाराज, प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ, बीके मनोरमा समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
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