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Daily Archives: Jul 30, 2018

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आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ) २७ जुलाई २०१८.

आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” व्यापार तथा उद्योग प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय व्यापार और उद्योग सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था – ” आध्यात्मिक ज्ञानोदय द्वारा व्यापार में स्वर्णिम युग ” . इस सम्मलेन में भारत वर्ष के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उदघाटन सम्पन्न हुआ।

ज्ञान सरोवर की निदेशक राजयोगिनी निर्मला दीदी ने भी आज सम्मेलन को अपना आशीर्वचन दिया। आपने कहा कि आज के संसार में व्यापार में काफी चोरी और झूठ चलता रहता है। मगर सतयुगी दुनिया में हर व्यापार में लगे हुए लोग अपना कर्म तो करेंगे मगर वहाँ कोई भी चोरी और लूट नहीं होगी। सतयुग में कोई चोरी और लूट नहीं होती है। वह श्रेष्ठ संस्कार आज यहां इस दुनिया में अपने जीवन में अपने अंदर स्थापित करने की जरूरत है। अपने संस्कारों को उत्तम बनाने के लिए आत्मा को परमात्मा के आचरण को अपनाना होगा। राजयोग का अभ्यास करना होगा। आत्म अनुभूति के साथ साथ ईश्वर पर अपने मन को टिका कर उनकी शक्तियां अपने जीवन में भर लेने की जरूरत है।

प्रख्यात मोटिवेटर और राजयोगिनी, ब्रह्मा कुमारी शिवानी ने आज के सम्मेलन को सम्बोधित किया। आपने बताया की ज्ञान सरोवर के इस परिसर में पवित्रता , त्याग और तपस्या का वाइब्रेशन पसरा हुआ है। यही वजह है की हम सभी को यहां इतना सुकून और आनंद प्राप्त हो रहा है।

हमें अपने संस्कारों को दैवीय बनाना है। इस परिसर के सैकड़ों भाई बहनें आपस में प्यार से मिलकर इस प्रकार निवास करते हैं की हम सभी को यहां ऐसा सुन्दर सुन्दर महसूस हो रहा है जैसे की यह पृथ्वी पर एक स्वर्ग है। हम सभी को अपने अपने घरों को भी ऐसा ही स्वर्ग बनाना होगा। करना सिर्फ इतना है कि अपने संस्कारों को आत्मिक बना लें , दैवीय बना लें।

व्यापार तथा उद्योग प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी योगिनी दीदी ने सम्मेलन को परमात्म अनुभूति करवाई। कहा की परमात्मा के अनेक नाम हैं और सभी नाम उनके गुणों को प्रकट करते हैं। दुनिया की तरह नहीं कि नाम तो अमीर चंद मगर है बेचारा फ़कीर। ईश्वर के सारे नाम उनके गुणों को दिखलाते है – प्रकट करते हैं।
परमात्मा की सारी शक्तियों को आत्माएं ग्रहण करती हैं। परमात्मा सभी शक्तियों के दाता और सोर्स हैं। परमात्मा सभी सूक्ष्म शक्तियों के भण्डार हैं।
आज सूर्य से गर्मी प्राप्त करने के लिए मांगने की जरूरत नहीं हैं मात्र उनके सामने जाने की जरूरत है। उसी प्रकार परमात्मा के सामने जाने पर उनकी शक्तियां हमारे अंदर खुद ब खुद समाने लगती हैं। यह बहुत आसान है। मात्र ईश्वर को ठीक से जानने और पहचानने की जरूरत है।

मदन मोहन शर्मा जी , व्यापार और उद्योग प्रभाग के उपाध्यक्ष ने अपने जीवन के अनुभवों को सभी के सामने रखा। आपने कहा की साकार बाबा की एक ही दृष्टि नें मेरा जीवन पूरी तरह बदल दिया। मात्र एक महीने के ही सम्पर्क से मैं पूरी तरह राजयोगी बन गया। जीवन में पवित्रता समा गयी। व्यापार में दिन दूनी और रात चौगुनी वृद्धि होती रही। अभी २ वर्ष पूर्व कैंसर से ग्रस्त हुआ मगर आज पूरी तरह स्वस्थ्य हूँ। बाबा ने बढ़िया स्वास्थ्य प्रदान किया। ८७ वर्ष की इस उम्र में भी पहले से अधिक स्फूर्त खुद को महसूस करता हूँ। बाबा आप सभी को भी पूरा मदद देंगे। आप सभी बाबा से पूरा सौदा करके जायें। बाबा गारंटी देंगे जीवन को स्वर्णिम बना देने की। मात्र बाबा के लिए दिल में मुहब्बत चाहिए।

किरण मणि , गूगल रिटेल के प्रबंध निदेशक ने आज के अवसर पर सभी को सम्बोधित किया। आपने कहा कि आज संसार में साधनो और धन की कमी नहीं है मगर हर तरफ अराजकता हावी है। ब्रह्माकुमारियाँ ही दुनिया को देने की बात कर रहीं है। जबकि सभी किसी ने किसी रूप में लेने की ही आकांछा रखते हैं। यहां की कार्य प्रणाली , गूगल की कार्य प्रणाली भी अधिक सटीक है।

“स्टेट्स” से पधारे हुए वैश्विक सकारात्मक चिंतक पीयूष भाई ने अपने उदगार इस प्रकार प्रकट किये। कहा मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ खुद को यहां। साधन और धन बढ़ रहे हैं और चिंताएं , परेशानियां भी बढ़ रही हैं। सकारात्मकता अपना कर हम बड़ी से बड़ी दिक्कतों को भी आसान बना सकते हैं। आपने डेट्स (अवसर ) से जुडी परेशानिओं का सन्दर्भ लिया और साबित किया की डेट्स (खजूर ) तो मीठे हैं , पाष्टिक हैं , स्वास्थ्य को बढ़ाते है , अतः ये परशान कैसे कर सकते हैं ??

मधु चोपड़ा , प्रख्यात प्रियंका चोपड़ा की माँ ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। मैं तो भाव विभोर हूँ यहां। योगिनी दीदी और शिवानी बहन को मैं रोज़ सुनती रहती हूँ और उनके जीवन को देखकर सोचती हूँ की ऐसा क्यों और कैसे है ?? शायद इस लिए आप सभी के लिए ये व्यापार नहीं है, आध्यात्म है। आध्यात्मिक होकर हम संस्कारों को उत्तम बना सकते हैं।

राजयोगिनी गीता बहन ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। आपने कहा कि आप सभी जो यहां पधारे हैं , अत्यंत भाग्यशाली हैं क्योंकि आने वाले ३ दिनों तक आध्यात्मिक रूप से परिपक्व राजयोगियों और तपस्विनियों द्वारा आपको आध्यात्मिकता की गहराई और ऊंचाई पर लेकर जाने का भरपूर प्रयास किया जायेगा।