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National Conference on IT Professionals at Brahma Kumaris HQ

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सामाज के आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें: शर्मा
आईटी व्यावसायियों के सम्मेलन में जुटे प्रतिनिधि

आबू रोड, 7 जनवरी, निसं। आज पूरी दुनिया मुट्ठी में हो गयी है। सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से विश्व के किसी भी कोने में कुछ ही मिनटों में सूचना का आदान प्रदान सम्भव है। परन्तु मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक विकास के लिए आध्यात्मिकता को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। उक्त उदगार क्यूए इंफोटेक के संस्थापक तथा सीईओ मुकेश शर्मा ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के मनमोहिनीवन ग्लोबल आडिटोरियम में आयोजित आईटी व्यवसाय के लिए आयोजित सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे।​ ​

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उन्होंने ​​आईटी प्रोफेसनल्स का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य को आंतरिक विकास और आन्तरिक सूचना के प्रवाह पर सोचना चाहिए​​। क्योंकि जब अन्दर का प्रवाह ठीक रहता है तभी बाहर की संचार व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलेगी। इसलिए राजयोग मेडिटेशन एक ऐसा शस्त्र है जिससे ही इस पर इस तरह की आंतरिक प्रकियाा को आगे बढ़ाया जा सकता है। आज जरूरत है कि लोगों में भाईचारा और प्रेम बढ़ाने पर कार्य किया जाये।

​सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे​ तन्मय चक्रबर्ती ​, ग्लोबल हेड, टी सी एस, दिल्ली​​ ने ​कहा कि आई टी प्रोफेसनल्स को तकनिकी के साथ मैडिटेशन पर जोर देना चाहिए​। ​
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच आज हर किसी के पास तक है। परन्तु मरती मानवीय संवेदना चिंता का विषय है। जरूरी है कि हम सब मिलकर समाज और परिवार में व्यक्तिगत स्तर पर आध्यात्मिक शक्ति के आत्मसात के लिए प्रयास करें। परमात्मा ने हमें एक अच्छा अवसर दिया है। इसका उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर संस्था के महासचिव राजयोगी बीके निर्वेर ने कहा कि आज हर किसी के हाथ में आधुनिक तकनीकी से लैस मोबाईल और यंत्र है जिससे वह हर पल दुनिया से जुड़ा रहता है। परन्तु सूचनाओं के जाल में इतना लुप्त हो गया है कि उसका जीवन केवल पुतला बनकर रह गया है। आंतरिक सूचना तंत्र को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए​​।
कार्यक्रम में जेनपैक्ट उपाध्यक्ष तथा ग्लोबल आपरेटिंग लीडर आलोक अग्रवाल ने कहा कि आज सूचना के प्रवाह में गलत सूचनायें ज्यादा प्रसारित हो रही है जिससे समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में लगातार बड़ी संख्या में युवाओं के उपर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में राजयोग का अभ्यास जरूरी है। इस अवसर पर आईटी प्रभाग की अध्यक्षा डा0 बीके निर्मला, कोआर्डिनेटर बीके यशवन्त पाटिल, आईटी विंग की फैकल्टी कोलकाता की बीके पदमा समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।