Home News National News गांधीनगर में दादी जानकी जी का आगमन (GUJ.)

गांधीनगर में दादी जानकी जी का आगमन (GUJ.)

0 3063

गांधीनगर की फुलवारी - श्रोतागण

गार्ड ओफ ऑनर

स्वागत प्रवचन करते हुए कैलाश दीदी
सन 1937 से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी इश्वरीय विश्व विध्यालय के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्माबाबा के साथ रहते 80 साल की लम्बी राजयोग तपस्या के बल से आज 101 वर्ष की आयु में भी समग्र विश्व के 147 देश में आध्यात्मिक क्रांति के लिये कटीबद्ध सेवाकेंद्रो का सक्रियता से आदर्श संचालन करते मुख्य प्रशासिका विश्व वंदनिय दादी जानकीजी गांधी बापु के गुजरात के केपिटल गांधीनगर में 6 फरवरी को विशेष पधारे थे ।
आदरणीय दादीजी के स्वागत में गांधीनगर सेक्टर-28 स्थित सेवाकेंद्र के आगे बहुत बडा 30 फीट X 20 फीट के स्टेज के साथ 1,000 कुर्सी में बैठ सके उतना बडा मंडप और दुसरी और ब्रह्माभोजन के लिये भी बहुत बडा मंडप बनवाया गया था । पुरा सेन्टर रोशनी से सजाया गया था । दोपहर के बाद दादीजी का आगमन हुआ, दो नन्ही परीओं सहित भव्य स्वागत किया गया ।

दादीजी काफि समय के बाद गांधीनगर सेवाकेंद्र पर पधारे थे अत: उन्होने बडी रुची से बाबाका कमरा, दादीजी का कमरा, सेंटर के तीनो मजले पर स्थित सभी वीआईपी रुम्स,क्लास रुम, पीस पार्क होल आदि देखा । तत्पश्चात दादीजी के अचानक लोटरी के रुप में आगमन में आमंतत्रित वीआईपी की उपस्थिति में स्वागत केक काटी गयी ।

उसके बाद प्यारी दादीजी के स्टेज पर पधारने पर उपस्थित 800 जितने ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने अपनी जगह पर खडे होकर गार्ड ओफ ऑनर दिया । स्टेज पर दादीजी, हंसाबेन, राजयोगिनि सरलादीदी, बी.के. अमरबेन दादीजी की साथी सभी बहन भाईओ का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया । गांधीनगर सेवाकेंद्र संचालिका बी.के.कैलाश दीदी ने स्वागत प्रवचन किया ।

आध्यात्मिक अनुशासन के हिमायति दादीजी ने अपना वक्तव्य शुरु करने के पहले सभीको ओम शांति महामंत्र का तीन बारी उच्चारण कराया तब वाकेही विश्व रचयिता परमपिता परमात्मा शिवबाबा अपना परमधाम छोड कर नीचे धरा पर उतर आया हो ऐसा अहेसास हुआ था । दादीजी ने देश के राष्ट्रपिता गांधी बापू को खास याद किया । साथ ही साथ सहन शक्ति, समाने की शक्ति और समेटने की शक्ति पर भार रखते हुए सदा उमंग उत्साह और राजी खुशी में रहनेका आशीर्वाद भी दिया था ।
ईस मौके पर राष्ट्रपति एवार्ड विजेता,बी.के.पुरणभाई यादव(पी.एस.आई. रेल्वे पोलीस ) एवम उपस्थित अन्य वीआईपीज का दादीजी ने स्वागत सन्मान किया गया । अंत में दादीजी ने अपनी व्यापक जागृति एवम खुल्ले दिव्य नेत्रो की योगयुक्त, विदेही तथा वरदानी द्रष्टी से सभी को योगाभ्यास भी कराया । कार्यक्रम के अंत में सभी ने बाबा की याद में बनाया देवी देवताओं को भी दुर्लभ ब्रह्माभोजन बडे प्यार से स्वीकार किया। और दादीजी से भेंट की खुशी का ईजहार करते हुए सभी ने मिलकर खुब गरबा भी किया । ​
​​