Home News National News पोत परिवहन, वैमानिकी और पर्यटन प्रभाग के अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन

पोत परिवहन, वैमानिकी और पर्यटन प्रभाग के अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन

0 3119

जीवन में सफलता के लिए प्रभु का साथ चाहिए : राजयोगिनी नलिनी दीदी

set.jpg3

ज्ञान सरोवर ( आबू पर्वत ),०५ अगस्त , २०१६। आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था , पोत परिवहन , वैमानिकी और पर्यटन प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था – ” शांति और विकास की यात्रा -एकता और अनेकता की ओर ” . इस सम्मलेन में भारत के विभिन्न प्रान्तों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया . दीप प्रज्वलित करके इस सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।

आज के कार्य क्रम की अध्यक्षा राजयोगिनी नलिनी दीदी ने आपना आशीर्वचन इन शब्दों में दिया। आपने कहा कि इस स्थान पर आध्यात्मिकता और भौतिकता का समन्वय है। हम सभी दुनिया में मुसाफिर हैं। मुसाफिरों का घर कहीं और होता है। हम इस रंगमंच पर अपनी अपनी भूमिका का पालन कर रहे हैं। मगर कभी न कभी हमें अपने घर वापस जाना ही है। अपनी भूमिका सम्पन्न करके हम शांत हो जाते हैं। अर्थात मौत का सामना करते हैं। जन्म से मौत तक हमारा सफर जारी रहता है।

अपने अपने कार्य क्षेत्र में हमारे सामने दिक्कतें आती हैं जो हमारी परीक्षा लेती हैं। हमें उनसे जूझना होता है। हम सफलता के लिए शोध करते रहते हैं। उस शोध के लिए एकांत , श्रम ,त्याग ,शांति आदि आदि की आवश्यकता होती है। शोधार्ती कहीं न कहीं तब सफल हुआ जब वे उस अदृश्य सत्ता से जुड़े।
तभी सफलता मिली। जीवन में सफलता के लिए प्रभु का साथ जरूर चाहिए। जीवन का सफर भी उनकी मदद से ही अंजाम तक पहुचेगा।

राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी मीरा दीदी , पोत परिवहन , वैमानिकी और पर्यटन प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका हैं। उक्त अवसर पर आपने कहा कि यहां पहुचने वाले आप सभी लकी हैं। सम्मलेन का लाभ प्राप्त करें।
पर्यटन अनेक कारणों से समपन्न होता है। इसका लाभ भी काफी होता है। टैगोर के अनुसार पर्यटन से लोगों को असीम लाभ मिलता है। दृष्टिकोण बदल जाता है। दुनिया के लिए मन में प्रेम प्रकट होता है।
हम सभी जन्म से ही यात्री हैं और जीवन यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं। अगर हमारा लक्ष्य साफ़ हो तो हम सफल भी होते हैं। सफर में आने वाली चुनौतियां तब समाप्त होती हैं जब हम दृढ़ता और शांति से उनका सामना करते हैं। शांति हमारा अपना चॉइस है। अगर हम शांति को अपनाना चाहे तो आसानी से अपना सकते हैं। अतः शांति के ख़ज़ाने को जरूर साथ लेकर जाएँ।

सतीश सोनी भाई जी , महाराष्ट्र शासन में पर्यटन प्रभाग के निदेशक ने आज उद्घाटन भाषण दिया। आपने कहा कि यहां आने पर एक अलग ही अनुभव होता है। यहां आकर मैंने अपनी प्रतिबद्धता पूरी की। प्रतिबद्धता पूरी करने के बारे में भी मैंने यहां से ही सीखा है। पर्यटन काफी काफी महत्व पूर्ण है। भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या जल्दी ही एक बिलियन होने वाला है। इससे हमारे देश का विकास होगा। सरकारें इसके लिए प्रयास कर रही हैं। पर्यटन को बढ़ाने में स्वच्छता अभियान का बड़ा योगदान है। अपने देश की सेवा के लिए हमें स्वच्छता अभियान को दिल से अपनाना चाहिए।
ब्रह्मा कुमारियाँ ,मानव समुदाय को एक आध्यात्मिक सफर पर लेकर जाती हैं। यह एक विशेष बात है।

दिल्ली विमानपत्तन प्राधिकार के वित्त निदेशक जी डी गुप्ता , ने कहा कि पर्यटन से सम्बद्ध लोग तनाव ग्रस्त होते हैं। ध्यान के अभ्यास से इसमें कमी आयी हैं। ब्रह्मा कुमारिया इस कार्य में निष्णात हैं और तेजी से ध्यान का प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं।

मुम्बई के प्रख्यात पर्यटन आयोजक कमल आर वाधवानी जी ने अपनी शुभ कामनाएं दी। तनाव ग्रस्त लोगों की शांति के लिए यह स्थान स्वर्ग से कम नहीं है। यहां आने से ही जीवन में शांति आती है। ध्यान का अभ्यास सभी को अपनाना ही होगा।

प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी सुमन ने आये हुए सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। कहा कि आप सभी यहां आतंरिक शांति की तलाश में आये हैं। यहां आपका समय एक यादगार बनेगा -ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। निवेदन है की आप यहां प्रत्येक व्याख्यान सुनें। मिस न करें। सभी व्याख्यान अद्भुत होते हैं। ज्ञान सरोवर -मान सरोवर है जहां जन्म जन्मातर के पाप धुल जाते हैं।