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मन सुरक्षित तभी तन भी सुरक्षित : राजयोगिनी दिव्या दीदी
आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ) ३१ अगस्त २०१८.

आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, “ट्रांसपोर्ट और भ्रमण प्रभाग” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था – “स्पीड ,सेफ्टी ,स्पिरिचुअलिटी”. इस सम्मलेन में भारत वर्ष के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उदघाटन सम्पन्न हुआ।

ट्रांसपोर्ट और ट्रेवल प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी दिव्या दीदी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पधारे हुए अतिथिओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। आपने कहा की आध्यात्मिकता की चाह आपको यहां खींच लायी है – यह प्रमाणित होता है। पूरी दुनिया में भारतीय आध्यात्म का भरपूर सम्मान है। हम सभी को उसकी पहचान अवश्य होनी चाहिए। पहचानेंगे तब तो उसको जीवन में धारणा करेंगे और जीवन में बल बढ़ेगा। आध्यात्म हमें सिखाता है कि कब क्या करना है। जीवन में धैर्यता की भी काफी जरूरत होती है। जीवन को उत्तम बनाने के लिए इसको मूलयवान बनाना जरूरी है। वैल्यूज को अपनाने से हम मूल्यवान बनेंगे। यहां पर आपको उनको अपनाने की विधि बतायी जायेगी। गति जरूरी है मगर सुरक्षा भी जरूरी है। मन की सुरक्षा भी चाहिए। मन सुरक्षित रहेगा तब तन भी सुरक्षित रहेगा। मन की शांति के लिए राजयोग का अभ्यास अनिवार्य है।

ट्रांसपोर्ट और ट्रेवल प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्मा कुमारी कुंती बहन ने आज के अवसर पर कहा की आज एक चालक हर प्रकार के नियमों का ध्यान रखता है मगर अपनी जाती जिंदगी में वह आपसी रिश्तों की मधुरता बनाये रखने के लिए क्या इतना ध्यान रख पाता है ? सड़क सुरक्षा के लिए शुरुआत खुद से ही करनी होगी। राजयोग हमारी मदद करेगा – सड़क सुरक्षा में सफलता के लिए।

केंद्रीय रेलवे, दिल्ली के मुख्य टेलिकॉम अभियंता एस पी उपाध्याय ने भी आज के अवसर पर अपनी बातें रखीं। आपने कहा की दिनों दिन गति को और तीव्र करने की मांग हो रही है। गति के बढ़ने पर तनाव बढ़ता है। फिर सुरक्षा की जरूरत आ जाती है। उस सुरक्षा के लिए फिर आध्यात्म की जरूरत आती है। आध्यात्म को अपनाने से हमारा ब्रेन शांत और कूल रहता है और सुरक्षा का ध्यान रखने में मदद मिलती है। कर्म सुधारने और जरूरत भर कर्म करते रहने के लिए आध्यात्म अनिवार्य है। हमारे अंदर शक्ति भरती है – आत्म बल बढ़ता है और हम खुद को तथा संसार को सुरक्षित रख पाते हैं। यह स्थान ऐसा आभास दिला रहा है मानो यहाँ साक्षात ईश्वर की उपस्थिति है।

पश्चिमी रेलवे से चीफ कमर्शियल मैनेजर इति पांडेय ने भी आज अपने उदगार प्रकट किये। आपने कहा की मैंने जब से ॐ शांति शब्द सुना है – उसको प्रायः बोलती हूँ और याद करती हूँ। मुंबई में – जहां मैं हूँ, वहाँ शांति की कामना करना एक स्वप्न जैसा है। यह सम्मेलन हमें बताता है की जब हम कार्य रत हैं तब हमें पूर्ण एकाग्रत की स्थति में होना चाहिए। उस एकाग्रता से हम अपनी गति और सुरक्षा के साथ न्याय कर पाएंगे। हमें भावनाओं में बह जाने से बचना चाहिए। आध्यात्मिकता से इसमें मदद मिलेगी।

हरयाणा टूरिज्म कारपोरेशन के महाप्रबंधक दिलावर सिंह जी ने भी अपने विचार प्रकट किये। टूरिज्म के लिए तीन बातें जरूरी हैं। अट्रैक्शन , अकोमोडेशन और ट्रेवल। घर से कहीं के लिए बाहर निकलते ही सुरक्षा की बात भी हमारे दिमाग में आती है। इनके बिना टूरिज्म संभव नहीं है। आध्यात्म से हम सीखते हैं की हमारी एकाग्रता बनी रहे और हमारे जीवन में भी मूल्य बने रहे। सुरक्षा के मानदंडों को हर कीमत पर बनाये रखने की जरूरत है।

भारतीय पुलिस सेवा पदाधिकारी और राजस्थान ट्रैफिक की ए डी जी एस परिमला जी ने भी अपने विचार रखे कहा की दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ गयी। ख़ास कर युवा इसके शिकार बन रहे हैं। इससे परिवार की आर्थिक हानि के साथ साथ भावनाओं को काफी ठेश पहुँचती है। आपने सभी से नियमों आदि के पालन का अनुरोध किया।

पूजा मेहरा, कॉर्पोरेट डायरेक्टर , एमपीटी प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी बातें कहीं। कहा की स्पिरिचुअल टूरिज्म में काफी संभावना है। हम सभी को उस दिशा में भी काम करना होगा। कार्यक्रम के मध्य में ही संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी का एक वीडियो संदेश सभी को सुनाया गया जिसे सुनकर अतिथि मानसिक रूप से शांति और सुकून की अवस्था में चले गए। ट्रांसपोर्ट और ट्रेवल प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बी के सुरेश भाई ने इस प्रभाग द्वारा की जा रही गतिविधिओं की जानकारी प्रदान की। ब्रह्माकुमारी बिंदु बहन ने मंच का संचालन किया। बी के मोतीलाल भाई ने धन्यवाद ज्ञापन किया।