केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किया किसान सशक्तिकरण अभियान का शुभारम्भ
जैविक, यौगिक खेती से सुधरेगा किसानों का जीवन – श्री राधामोहन सिंह
अखिल भारतीय किसान सशक्तिकरण अभियान का शुभारम्भ हुआ
नई दिल्ली, 13 सितम्बर। भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की 70 प्रतिशत आबादी आज भी गाँवों में निवास करती है। परन्तु किसानों का सम्पूर्ण स्वास्थ्य और आर्थिक जीवन सुधरे इसके लिए जैविक के साथ यौगिक खेती अनिवार्य है।
उक्त उदगार केन्द्रीय कृषि मंत्री, राधामोहन सिंह ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा स्वच्छ, स्वर्णिम, सशक्त भारत निर्माण के लिए तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित अखिल भारतीय किसान सशक्तिकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारी कृषि अनुसंधान संस्थाएं लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है। परन्तु ब्रह्माकुमारीज संस्था का गा्रमीण विकास प्रभाग ना केवल सतत् यौगिक कृषि के लिए बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी सदभाव, भाईचारा, सम्मान और समाजिक कुरीतियों के उन्मूलन और नशामुक्ति के लिए भी कार्य कर रही है जो कि सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि कृषि और कृषकों के समृद्धि के लिए ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं का प्रयास सरकार और किसान के लिए लाभप्रद है। इससे जहॉं किसानों को यौगिक कृषि से ज्यादा उत्पादन होगा वहीं उनके स्वास्थ्य और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभप्रद है। ब्रह्माकुमारीज के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा यौगिक खेती के क्षेत्र में किया गया शोध गांवों के विकास में एक नई क्रांति ला सकता है। जो सम्पूर्ण ग्राम विकास के लिए सहायक सिद्ध होगा।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी ने कहा कि जब तक हम कृषक और गांवों को सर्व प्रकार की सहयोग जैसे कि भौतिक, तकनीक, नैतिक और आध्यात्मिक सहयोग उपलब्ध नहीं कराएंगे तब तक हम गांव तथा देश के समग्र विकास की कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह अभियान किसान और गांवों की सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।
गुजरात से पधारी संस्था के ग्राम विकास प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके सरला बहन ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाया गए योग अभियान को ध्यान में रखते हुए राजयोग द्वारा यह यौगिक खेती का विकास किया गया है। इस अभियान को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए इस अभियान को सारे देश में चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से ग्रामीणों के बीच साक्षरता, साफ-सफाई, स्वास्थ्य, स्वच्छता, समग्र विकास, आत्मनिर्भरता और सतत यौगिक कृषि की जैविक पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान 91 यात्राओं के माध्यम से देश के अलग-अलग भागों में स्थित हजारों गांवों में कुल 81900 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र0कु0ब्रजमोहन जी ने कहा कि खेती का और जीवन का सिद्धान्त एक ही है जो बोयेगा वो पायेगा, जैसा बोयेगा वैसा पायेगा, जितना बोयेगा वैसा पायेगा अर्थात जैसे कर्म करेगें वैसे फल पायेगें।
ग्रामीण विकास केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत ने अपने संदेश में इस अभियान के सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों द्वारा मूल्यनिष्ठ ग्रामीण विकास केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक किसान, कृषि विशेषज्ञ, कृषि प्रशासक एवं सरपंच सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।