गीतांजली इंस्टीटूट आफ टेक्निकल स्टडीज के साथ एम.ओ.यू. सेरिमनी
गीतांजली इंस्टीटूट आफ टेक्निकल स्टडीज के साथ एम.ओ.यू. सेरिमनी
मूल्य शिक्षा से बनेगा नया भारत – डा: राव
हमारा उद्देश्य केवल पढ़ाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि एक अच्छा इंसान भी बनाना होना चाहिए। इसके लिए मूल्यों की शिक्षा को अपनाना अति आवश्यक है। यहाँ जो शिक्षा मुझे मिली है, वही शिक्षा यदि 18 वर्ष के बच्चों को मिल जाए तो हम एक नया भारत बना सकते हैं जहाँ हर कोई सुख, शांति और आनंद से जीवन व्यतीत कर सकेगा।
उक्त उद्गार गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडी॰ज, उदयपुर के प्रिंसीपल डॉ.एम. वेणुगोपाल राव ने ब्रह्माकुमारी॰ज शान्तिवन में आयोजित एमओयू कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज हम ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ एक नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जहाँ हमारे कॉलेज के विद्यार्था भी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे।
गीतांजली इंस्टीट्यूट के डीन रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट, राजीव माथुर ने कहा कि जीआईटीएस, उदयपुर एवं ब्रह्माकुमारी॰ज के बीच में जो एमओयू किया गया है, वह अध्यात्म और शिक्षा का संगम है। आज का युग चुनौती का युग है जो हमें मूल्य परक शिक्षा को आगे ले जाने से रोक रही है। लेकिन हमने ब्रह्माकुमारी संस्था के सहयोग से इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएं हैं। हमने एक थॉट लैब खोलने का संकल्प लिया है जिसमें प्रत्येक विद्यार्था अपने संकल्पों के प्रभाव का अध्ययन कर सकेगा। फाइनेंस कंट्रोलर बाबूलाल जांगीर ने कहा कि आध्यात्मिक मूल्य की शिक्षा को शुरू करने का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को असामाजिक गतिविधियों की तरफ बढ़ने से रोका जाए और ऐसा हम वैल्यू॰ज की शिक्षा द्वारा ही कर पाएंगे।
ब्रह्माकुमारी॰ज के ज्ञान सरोवर की निदेशिका, ब्र.कु. डॉ. निर्मला ने कहा कि हमारी जो प्राचीन शिक्षा की पद्धति थी उसमें स्टूडेंट का गुरू के प्रति बहुत ही सम्मान रहता था लेकिन आज की शिक्षा हमें वह संस्कार व मूल्य देने में असफल रही है। धर्म और शिक्षा को अलग कर देने के कारण ही आज हमारे देश की यह स्थिति हुई है। हमें पुनः अपने उस गौरव को प्राप्त करने के लिए मूल्य शिक्षा को अपनाना होगा। अच्छी बातें हर कोई जानता है लेकिन स्व का ज्ञान न होने के कारण वह इसे जीवन में अपना नहीं पाता है।
शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्र.कु. मृत्युंजय ने कहा कि मूल्य हमें सिम्पल रहकर रॉयल बनने की प्रेरणा देता है। आज कोई भी विश्वविद्यालय ऐसा नहीं है जिसमें अवगुणों को जीतने की शिक्षा दी जाती हो। समाज में फैली हुई बुराइयों को हम मूल्य शिक्षा को जीवन में अपनाकर ही दूर कर सकते हैं।