गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने शांतिवन में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के महा सम्मलेन
भौतिक, आर्थिक के साथ सांस्कृतिक तरक्की की जरूरत- कोहली देशभर के शिक्षाविद उच्च माध्यमिक शिक्षकों के अधिवेशन में जुटे आबू रोड, 20 मई, निसं। आज हम दो राहे पर खड़े हैं। एक तरफ भौतिक और आर्थिक तरक्की है तो दूसरी ओर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास। कई बार ऐसा लगता है कि कहीं हम भौतिक तथा आर्थिक तरक्की में सांस्कृतिक तरक्की कहीं भूल ना जायें। इसलिए भौतिक और आर्थिक तरक्की के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक तरक्की की जरूरत है। उक्त उदगार गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के अधिवेशन में जुटे देशभर के हजारों शिक्षाविदों को सबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सिर्फ रोजगार का अवसर पैदा करना या दिलाना ही केवल शिक्षा का स्तर नहीं होना चाहिए। बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के तहत एक ऐसे व्यक्ति का निर्माण भी होना चाहिए जो आज के समय के लिए जरूरत है। केवल शब्द का ज्ञान प्राप्त करना ही शिक्षा का मकसद नहीं होना चाहिए। शिक्षा का मतलत सर्वागिण विकास। जिसमें मूल्यों के साथ सामाजिक सदभाव और समरसता का भी विकास हो। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति वा मनुष्य ऐसे गुणों से परिपूर्ण हो जिससे उसकी उपयोगिता समाज के विकास के लिए बढ़ जाये। आज हम केवल अपने देश को विकसित देशों की श्रेणी में देखना चाहते है। यह जरूरी है परन्तु सांस्कृतिक विरासत भी होनी चाहिए जिससे एक अच्छा समाज बने। ब्रह्माकुमारीज संस्थान आज पूरी दुनिया में मूल्यों के अपनाने की जो शिक्षा दे रही है वह वाकई में काबिले तारीफ है। यहॉं की व्यवस्था देखने के बाद सहज ही महसूस होने लगता है।
ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि संस्थान का प्रयास एक ऐसा समाज बनाना है जिससे प्रत्येक मुनष्य के अन्दर श्रेष्ठ और सुन्दर गुणों की पराकाष्ठा हो। परमात्मा शिव ने जो शिक्षा दी वह प्रत्येक मनुष्य के लिए जरूरी है। यदि हम इसे जीवन में उतारने का प्रयास करें तो निश्वित तौर पर हमारा देश महान बन जायेगा। शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके मृत्युंजय ने कहा कि आज मूल्य आधारित शिक्षा की मांग बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि भारत के दस विश्वविद्यालयों में संस्थान द्वारा बनायी गयी मूल्य आधारित शिक्षा पाठयक्रम को पढ़ाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में यह शिक्षा लागू कर दी जाये।