ज्ञानसरोवर में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन
मन की शुद्धि के लिये राजयोग: राजयोगिनी योगिनी दीदी
आबू पर्वत, ज्ञानसरोवर,18 जुलाई 2015। आज ज्ञानसरोवर के हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस आयोजन का विषय था आध्यात्म से व्यापार का रूपांतरण ः अभी। सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके संपन्न हुआ।
व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी योगिनी बहन ने आज के शुभ अवसर पर प्रश्न किया कि आंतरिक शक्तियाँ क्या हैं और हमारे अंदर ये शक्तियाँ कैसे आ सकती हैं। आपने बताया कि व्यापार में सफलता के लिये आध्यात्मिक शक्तियों की भरपूर जरूरत है। क्योंकि गुस्से पर नियंत्रण किसी एयर कंडीस्नर से नहीं हो सकता। आहार शुद्धि के लिये और व्यावहार शुद्धि के लिये क्या करें ? मन की शुद्धि के लिये क्या करें? राजयोग से आत्मा को परमात्मा से मिलन का श्रेष्ठ मार्ग मिलता है। बुद्धि द्वारा हम उस परम पिता परमात्मा को याद करना सीखते हैं। योग विद्या एक ऐसा मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण है जो आचरण में संतुलन लाता है। आपने राजयोग का सुंदर अभ्यास भी करवाया।
व्यापार एवं उद्योग प्रभाग राष्ट्रय संयोजक ब्रह्माकुमार एम एल शर्मा जी ने कहा कि धारणा के बिना धर्म का कोई मतलब नहीं है। इस संस्थान में सारा जोर धारणा पर ही दिया जाता है। यह वह भूमि है जहाँ परमति परमात्मा ने योगानुभूति करवाई। यहाँ एक गजब सा करंट है। इसकी अनुभूति सभी को करना चाहिये। यह ईश्वरीय ज्ञान परमात्मा ने कैसे दिया, यह जानने का आपको सुंदर अवसर मिलेगा। बाबा ब्रह्मा स्वयं एक जौहरी थे और उन्होंने संसार में कितना जबरदस्त परिवर्तन ला दिया है। यह हम सबके सामने है। आप बाबा की जीवनी को जरूर पढ़ना। इस संस्थान के द्वारा एक बड़ी क्रांति हो रही है। परमात्मा को याद करने की विधि मात्र ये बहनें ही बता सकती हैं। हर जीवन पूरी तरह से बदल रहा है। हमारा जीवन खुशहाल बन जाता है। मुझे इस बात का संपूर्ण निश्चिय रहा कि यह भगवान का दिया हुआ ही ज्ञान है। इस निश्चिय से सफलता मिलती ही रहती है। आप खुद को निमित्त मान कर चलो। अपने गृहस्थ को पवित्र गृहस्थ बना लो।
उपाध्यक्ष, अल्ट्रा टेक सीमेंट, बहन सपना कपूर, मुंबई ने अपनी शुभकामनाएं दीं । आपने कहा कि यहाँ पधारे हुए सभी मेहमान अत्यधिक खास हैं। आपको परमात्मा भूमि पर आने का सौभाग्य मिला है । परमात्म शक्ति के सामने किसी प्रकार की नकारात्मकता काम नहीं करती। स्वयं में बदलाव की शिक्षा मुझे यहाँ से मिली और मेरा जीवन बदल गया।
लंदन से पधारे प्रख्यात जन कल्याण कारी व्यक्तित्व, भाई महेश पटेल जी ने आज के अवसर पर कहा कि आज से 18 वर्ष पहले मैं भी यहाँ आपकी तरह से ही आया था। फिर मैं इसी संस्था का बन कर रह गया। यह संस्थान एक चुंबक के समान है जिसमें सभी को अपनी ओर आकर्षित करने की जबरदस्त शक्ति है। धीरे धीरे करके आप काफी ऊंचाई पर जा पहुचेंगे।
ब्रह्माकुमारी राधिका बहन ने सम्मेलन की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। हमें गहराई से अपनी वृत्ति में परिवर्तन लाकर व्यापार में सुधार को अंजाम देना होगा। हमारा विकास स्थायी रह सके। इसके लिये हमें क्या करना चाहिये , इस पर विचार करना होगा। आपने बताया कि लालच कम और धैर्य भरपूर होने से व्यापार में घाटा नहीं होता। स्थायी लाभ के लिये अंदर आध्यात्मिकता का होना जरूरी है। और उसके लिये आज का समय सर्वाधिक उपयुक्त है।