दादी रतनमोहिनी मानवाधिकार रत्न से सम्मानित
राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी मानवाधिकार रत्न से सम्मानित (Human Rights Award to Dadi Ratanmohini
बुराईयों से रक्षा करना ही सही मायने में मानवाधिकार: दहिवले
आबू रोड, 8 जनवरी, निसं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को मानवाधिकार रत्न से नवाजा गया है। यह अवार्ड संस्थान के शांतिवन स्थित डायमंड हॉल के विशाल सभागार में आयोजित समारोह में केन्द्रिय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंड दहिवले ने प्रशस्ति पत्र तथा मोमेन्टों भेंटकर सम्मानित किया।
डायमंड हॉल में आयोजित समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंड दहिवले ने कहा कि दादी को सम्मान देना गर्व की बात है। वास्तव में बुराईयों से रक्षा करना और और मूल्यों के लिए प्रेरित करना ही सही मायने में मानवाधिकार है। संस्थान के लिए सम्मान कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन ऐसे स्थान पर यह दिया जा रहा है जहॉं से मानव मूल्यों की आभा प्रकट हो रही है।
इस अवसर पर राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने आशिवर्चन देते हुए कहा कि लोगों की सेवा करना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। जिस मनुष्य के जीवन में सुख शांति और आनन्द नहीं है वह दूसरों की रक्षा नहीं कर पायेगा। सभी मानवाधिकार संगठनों को चाहिए कि वे एक मंच से मनुष्यों के अन्दर मूल्यों का संचार करें। इससे ही समाज का कल्याण होगा। कार्यक्रम में संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, केन्द्रिय मानवाधिकार संगठन मध्य प्रदेश के राज्य प्रभारी तेजकरण चौहान, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।