दिल्ली के पार्लियमेन्ट हाउस ऐनेक्सी में ’आन्तरिक शक्तियों के विकास’ विषय पर विशेष कार्यक्रम
आन्तरिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए राजयोग मेडिटेशन आवश्यक है -दादी जानकी
आध्यात्मिक सशक्तिकरण ही सर्वांगीण विकास की कुंजी है – श्री पी0जे0कुरियन
नई दिल्ली, 24 अक्टूबरः प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आज शाम को पार्लियमेन्ट हाउस ऐनेक्सी में संयुक्त रूप से ’आन्तरिक शक्तियों के विकास’ विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संयुक्त राष्ट्र की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा पिछले सात दशकों में संयुक्त राष्ट्र और ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा समाज में मूल्यों और शांति की पुनर्स्थापना की दिशा में गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने आर्शिवचन में कहा कि आन्तरिक शक्तियों को विकसित करने के लिए सत्यता, शान्ति और प्रेम जैसे बुनियादी मूल्यों का जीवन में अपनाना होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन एवं सामाज में खुशहाली लायी जा सके। उन्होंने कहा कि स्वयं में और समाज में आंतरिक शक्तियों, स्वास्थ्य, सद्भाव और खुशी को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग ध्यान का अभ्यास आवश्यक है।
मुख्य अतिथि के रूप में राज्य सभा के उपाध्यक्ष श्री पी जे कुरियन ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अर्न्तराष्ट्रीय शान्ति स्थापना एवं विकासात्मक भूमिकाओं की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य और मानव अधिकार के लिए काम करने के साथ-साथ यह संघ लोगों के आध्यात्मिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे जो कि सर्वांगीण विकास की कुंजी है पर भी ध्यान दे रहा है।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारी भारत-भूटान में संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र की निदेशिका श्रीमती किरन मेहरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ब्रह्माकुमारीज जैसे विश्व व्यापी गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर शान्ति, मूल्य शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सतत् विकास की दिशा में आगे बढ़कर सुदृढ़ मानव समाज एवं एक बेहतर विश्व निमार्ण के लिए कटिबद्ध है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के यूरोप एवं मध्य पूर्व देशों की निदेशिका ब्र0कु0जयंती ने लोगों में मानवीय मूल्यों एवं आन्तरिक शक्तियों की वृद्धि के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग ध्यान के नियमित अभ्यास पर जोर दिया। उन्होंने सभा में उपस्थित विशिष्ठ रूप से आमंत्रित समाज के विभिन्न व्यवसायों एवं वर्गों के लगभग दो सौ लोगों को कुछ मिनट राजयोग ध्यान द्वारा आन्तरिक शान्ति एवं शक्ति की अनुभूति करायी।