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दिल्ली में ‘‘खुशी के खजाने‘‘ विषय पर संगोष्ठी को ब. कु. शिवानी बहन ने किया संबोधित

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नई दिल्ली, 20 अप्रैलः ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा ग्रीन पार्क, आर्य समाज मंदिर नारायण सभागार में ‘‘खुशी के खजाने‘‘ विषय पर कल एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संस्था के वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब0 कु0 शिवानी बहन ने सभा को संबोधित किया।

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बहन शिवानी ने सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि चैक कर अपने जीवन को देखे सारा दिन में ऐसा अनुभव होता है कि चाहिए था कुछ और मिला कुछ। खुशी सभी को चाहीए, खुशी अनुभव करना चाहते हैं, सुख चाहिए, प्यार चाहिए, लेकिन सारा दिन में ऐसा अनुभव होता है कि चाहिए था कुछ और मिला कुछ। 

सभी ने अपने 2 चैकिंग किया। अधिकतर ने उत्तर दिए कि जो भी कुछ करते हैं हमें हमारे कार्योे से पूर्णतया संतुष्टी नहीं मिलती। एक मिनट सभी को अपने आज के गुस्से के समय अपने को क्या-2 अनुभव हुआ विज्यूवलाईज करने के लिए कहा …….. देखा कि प्यार से बोलने से काम नहीं होता देखकर हम गुस्सा करते हैं और यह आदत हो जाती है। कभी 2 तो बिना बात के भी गुस्सा आ जाता है। और कालानांतर में हम अपनी खुशी से दूर होते गए और जो हम चाहते थे उसी से दूर होते गऐ, बहन शिवानी ने कहा ।

ब0 कु0 शिवानी ने आगे कहा कि हम अपने बच्चों को उनके भले की बात कहते हैं फिर भी वह नहीं मानते। घंटों तक दिनों तथा सालों भर फिर भी नहीं समझ आता। ये समझना जरूरी है कि सामने वाला किस नजरिये से ठीक है। ये जानना जरूरी है कि हमें एक दूसरे कि सोच को रिजेक्ट क्यों करते हैं। आज यहां से ये मंत्र लेकर जाना है दोनों ही ठीक होते हैं। फादर चाहता है कि मैं बेटे के लिए ड्राईवर रख दूं बेटा चाहता है कि मैं खुद ड्राईव करूं तो कौन ठीक है। दोनों ही अपने अपने नजरिये से ठीक हैं।

‘‘हम सिर्फ अपना ओपिनीयन दें और सामने वाले पर छोड़ दें। जितना हम औरों  को कन्ट्रोल करेने की कोशीश करेगें उतना-उतना आउट आफ कन्ट्रोल राजयोग माना अपना मन बुद्धि अपने विचारों पर कन्ट्रोल । जितना अपने मन पर कन्ट्रोल उतना दूसरों पर कन्ट्रोल हो जाती है। किसी की कोइ एक आदत देखें जो हमें इरिटेट करती है। जैसे जब कोई झूठ बोलेगा ………..तो सोचना है कि सबके अपने 2 संस्कार हैं।  इसलिए एक दूसरे को इम्पावर करना है। इम्पावरिगं करें रिस्पेक्ट दें, कन्ट्रोल नहीं करें। स्वीकार करना ही रिस्पेक्ट है। और दूसरों को इम्पावर करने से पहले स्वंय को इम्पावर करना राजयोग मेडिटेसन सिखाता है।‘‘

बहन शिवानी बताया और कहा कि घर में यदि एक भी राजयोग मेडिटेसन करता है तो उसका प्रभाव सारे घर पर होता है। इससे सभी की आत्मा रूपी बैटरी रिर्चाज होती है। फिर  कुछ समय गाईडेड मेडिटेसन करायी।

नवरात्री का उहादरण देकर शिवानी ने बताया कि यदि कोई चीज सात्विक है प्योर है तो नौ दिन क्यों हर दिन क्यों नहीं? एक गृहणी का उदाहरण देकर समझाया कि वह सभी काम करते हुए भी अपने बच्चे को भी संभालती है। बीच बीच में एक 2 मिनट में बच्चे को भी देखती रहती है। ऐसे ही अपने विचारों को देखना उन्हें सम्भालना ही राजयोग मेडिटेसन है। फिर अन्त में कुछ समय के लिए सभी को गाईडेड राजयोग मेडिटेसन का अभ्यास कराया। इस प्रकार इस खूबसूरत आयोजन समपन्न हुआ।