Home News National News दिल्ली में महापरिवर्तन के ऊपर विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम

दिल्ली में महापरिवर्तन के ऊपर विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम

0 3230

नारी सम्मान से ही समाज स्वस्थ और समृद्ध होगा ” —श्रीमती कुमार मंगलम

 “नारी ही स्वर्ग का द्वार है ” —शंकराचार्य ओम्कारानन्द

“स्व परिवर्तन के दृढ़ संकल्प से ही  महापरिवर्तन होगी” —बी के शिवानी

नयी दिल्ली, २८ दिसंबर – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दिल्ली तथा इसके आस पास के क्षेत्र में आयोजित “परमात्म शक्ति द्वारा महापरिवर्तन का समय अब” विषय  पर विशाल कार्यक्रम की श्रृंख्ला कल शाम को स्थानीय पश्चिम विहार रैडिसन ब्लू ड्डए मैदान में एक भव्य सार्वजानिक प्रोग्राम से  संपन्न हुआ I

संस्था द्वारा वर्ष के इस अंतिम प्रोग्राम में “नारी सम्मान एवं प्रतिष्ठा की पुनः स्थापना”  विषय  पर मुख्ये अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्षIश्रीमती कुमारमंगलम 

ने कहा की परिवार सेलेकर समाज के हर स्तर  में नारी वर्ग को आदर सम्मान एबंसमान अधिकार देने से ही परिवार और समाज स्वस्थ और समृद्ध होगा I उन्होंने कहा की सिर्फ पोशाक परिवर्तन से महिलाओं के साथ होरही हिंसा, अपरIध समाप्त नहीं होगा अपितु आवश्यक है नैतिक और आध्यात्मिक गुणों से व्यक्ति के दृष्टिकोण , वृति, व्यवहार,एवं संस्कार परिवर्तन की I इस दिशा में स्त्री और पुरुष दोनों एक दूसरे केसहयोगी बनें और देश के विकास के लिए महिलाओं को आगे आना होगा जिसके लिए उनका नैतिक व  आध्यात्मिक  शशक्तिकरण ज़रूरी है I

इस अवसर पर विशेष अतिथी के रूप में  बोलते हुए   श्रीमद प्रयाग पीठ के  प्रमुख, जगद्गुरु शंकरचर्य ओम्कारानन्द जी नें कहा की  जाया और जननी के रूप में नारी ही मनुष्य जाती की रचयिता है I भारतीय सनातन धर्म संस्कृति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की निराकार शिव परमात्मा द्वारा सतयुगी सृष्टि की रचना के कार्ये की अग्रदूत नारी ही स्वर्ग का द्वार है I भारतीय सनातन धर्मसंस्कृति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा निराकार शिव परमात्मा द्वारा सतयुगी सृष्टि की रचना के कार्ये की अग्रदूत नारी ही स्वर्ग का द्वार है उन्होंने कहा की नारी नेतृत्व में विश्व बंधुत्व एव वसुधैवकुटुम्बकम के आध्यात्मिक ज्ञान एव व्यवहारिक प्रक्रिया को पूरे जगत में प्रच्चरित और प्रसारित कर रही ब्रह्मा कुमारी संस्था की उंच नैतिक शिक्षा और राजयोगा ध्यान से न केवल समाज में व्यापकबुराइयां और पापाचार समाप्त होगा, अपितु सतयुगी सुख शांति पूर्ण दुनिया स्थापित होगी I

लोकप्रिय आध्यात्मिक वक्तI ब्रह्मा कुमारी शिवानी ने उपस्थित लोगों से नए वर्ष  में  जीवन को सुखमय जीवन के लिए क्रोध न करना, क्ष्यमा करना, अतीत की दुखदायी बातों  को भूलकर दूसरों के प्रतिमधुर बोल और व्यवहार से सुख देने की आदत बनानी होगी I उन्होंने कहा, ऐसे सकारात्मक स्व परिवर्तन को सहज बनाने के लिए आत्मिक दृष्टि-वृति एबं दिव्यता के स्रोत परमात्मा से कर्म करते हुएस्मृति संपन्न रहने की आवश्यकता है I इसकी नियमित दृढ़ता पूर्वक पालन ही व्यक्ति और समाज में सुख शांति, सदभावना की सतयुगी वातावरण निर्माण करेगी I

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष स्टिस वि ईश्वरीयI ने कहा की समाज में आज सर्वांगिण विकास की आवश्यकता है जिसके लिए हर क्षेत्र और स्तर पर नैतिक चरित्र निर्माण ज़रूरी है जो की ब्रहमाकुमारी जैसी संस्थाओं के द्वारा ही किया जा सकता है I ब्रह्माकुमारी संस्था की वरिष्ठ निर्देशिका राजयोगिनी बी के आशा ने कहा की आज के देह अभिमानी संस्कार एव भोगवादी संस्कृति ही महिला  उत्पीड़नका मूल कारन है I उन्होंने लोगों में खासकर   युवा वर्ग में  नैतिक और आध्यात्मिक संस्कार डालने तथा नारी केंद्रित अश्लील विज्ञापनों को समाप्त करने की दिशा में दिल्ली से लेकर सारे देश में एक जानआंदोलन का आवाहन किया I

नेशनल लॉ उनिवर्सिटी के वाईस चांसलर, प्रोफ रणबीर सिंह ने कहा की बिलुप्त होते जा रहे भारतीय मूल्य एवंं संस्कृति की रोकथाम केलिए आध्यात्मिक शिक्ष्या को सभी क्षेत्र में लागु करना होगा ब्रह्मा कुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता राजयोगी बी क बृजमोहन ने कहा की ईश्वरीय ज्ञान एबं राजयोग के अभ्यास से ही परमात्मा शक्ति प्राप्त कर स्त्री शक्ति समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हे जिन नारियों का गायन पूजन शिव शक्ति देवियों के रूप में आज तक भी किया जा रहा है I

कार्यक्रम की मुख्य संयोजिका राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी शुक्लI ने कहा की आत्मा अभिमानी स्थिति, सद्गुणों की धारणा, सदा जीवन, श्रेष्ठ विचार और व्यबहार के आधार पर ही श्रेष्ठ जीवन और समाज बनाया  जा सकता हे I मुंबई से पधारे लाइफ कोच इ बी गिरीश ने परमात्मा की स्मृति से मनुस्य में विद्यमान आतंरिक गुण और शक्तिओं को विकसित करने की बात कही तथा स्थानीय पब्लिक स्कूलों  के  बच्चों द्वारा चित्ताकर्षक मूल्यनिष्ठ सांस्कृतिक नृत्यनाटिका द्वारा कार्यक्रम संपन्न  हुआ I