दिल्ली में सर्व धर्म सम्मेलन के साथ हुआ दस दिवसीय राजयोग उत्सव का शुभारम्भ
सर्व धर्म सम्मेलन के साथ हुआ दस दिवसीय राजयोग उत्सव का शुभारम्भ
सच्चा धर्म मानवजाति को विश्व बन्धुत्व एवं एकता के सूत्र में बांधता है -डॉ फारूख अब्दुल्ला
नई दिल्ली, 12 माचः प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए दस दिवसीय “राजयोग उत्सव “ का शुभारम्भ विधिवत रूप सेें स्थानीय जन्माष्टमी पार्क, रिंग रोड, पंजाबी बाग में विभिन्न शिक्षाप्रद प्रदर्शनियों, आध्यात्मिक व्याख्यानों, सर्व धर्म सम्मेलन और राजयोग ध्यान सत्रों के साथ आज हुआ।
उत्सव का उद्घाटन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सच्चा धर्म ही मानव जीवन की नींव है और यह भाषाओं, संस्कृतियों, समुदायों और लोगों की विविधता के बीच मानवजाति को भाईचारा एवं एकता के सूत्र में बांधता है जो आज की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हम महसूस करते है किं स्वयं में और समाज में सच्ची शांति, स्वास्थ्य, सद्भाव और खुशी को बहाल करने के लिए हमें सभी के प्रति प्रेम, दया, करूणा और सेवा भाव को अपनाना होगा और “वास्तव में यही आध्यात्मिकता है और जो ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित इस राजयोग उत्सव का लक्ष्य भी है “।
सम्मानित अतिथि के रूप में दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्षा श्रीमती वंदना कुमारी ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रवाद आदि संर्कीण सोच ही है जो हमेशा देश और लोगों को विभाजित कर देती है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था ऐसा आध्यात्मिक मंच है जो विभाजनकारी ताकतों को एकजुट कर राष्ट्रीय एकता ला सकता है।
अखिल भारतीय मस्जिद इमाम संगठन के मुख्य इमाम, डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी विशिष्ठ अतिथि के रूप में कहा कि राजयोग न केवल स्वयं को आन्तरिक रूप से स्वस्थ, सशक्त, सन्तुलित एवं सुखी बनाता है अपितु स्वयं को परमात्मा से जोड़ने की सहज विधि है जो विश्व में शान्ति, सदभावना एवं भाईचारें स्थापन करने में श्रेष्ठ साधन है। उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया कि वे पर्यावरण की रक्षा करें एवं बीमार और वरिष्ठ नागरिकों की सेवा करें।
दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री संदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय की मांग सम्पूर्ण परिवर्तन की है। केवल उपरी तौर पर लोगों के व्यवहार और कर्म में परिवर्तन से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, ब्रह्माकुमारी की आध्यात्मिक शिक्षायें और राजयोग ध्यान से न केवल मानव चरित्र एवं व्यवहार में सुधार और शोधन होगा अपितु लोगों का सम्पूर्ण कायाकल्प भी होगा।
ब्रह्माकुमारी संस्था दिल्ली जोन की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रुक्मणी ने अपने आर्शीवचन में कहा कि अपनी आंतरिक स्वास्थ्य, शांति, शक्ति और खुशी को बढ़ाने के लिए सभी को प्रतिदिन कुछ मिनट राजयोग का अभ्यास करना होगा। उन्होंने आगे कहा राजयोग द्वारा ही हम सदा के लिए व्यसनों, बुराइयों और बीमारियों से दूर रह सकते है और अपनी सांसारिक कर्तव्यों को बेहतर रूप में निभा सकते हैं।
महाबोद्वि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर, लेह-लद्दाख के संस्थापक अध्यक्ष भिक्खु संघसेना ने लैंगिक भेदभाव के खतरों के खिलाफ लोगों को आगाह किया और लिंग आधारित असमानता और क्रूरता समाप्त करने के लिए आध्यात्मिकता को अपनाने के लिए बल दिया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी की भूमिका सराहनीय है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र0कु0 बृजमोहन जी ने “राजयोग उत्सव“ के बारे में बताते हुए कहा कि भारत के सबसे प्राचीन योग राज-योग है जिससे हम अपने आन्तरिक भावनाओं एवं बाह्य कर्मेंद्रियों को सुसंचालित कर अन्दर की कमी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं। इस उत्सव का लक्ष्य राज-योग से होने वाले लाभों को प्रभावी तरीके से जन-जन तक पहुँचाना और लोगों को सर्वांगीण स्वास्थ्य उपलब्ध कराना है।
“समाज में शान्ति और सदभाव स्थापना“ विषय पर आयोजित सर्व धर्म सम्मेलन में अर्न्तराष्ट्रीय भजनसुख सेवा संस्थान के संस्थापक स्वामी सर्वानन्द सरस्वती, बहाई समुदाय के राष्ट्रीय ट्रस्टी डॉ ए0के मर्चेन्ट, यहुदी समुदाय के मुख्य प्रीस्ट श्री ई.आई. मलेकर, शान्ति एंव सदभावना शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष डॉ एम डी थामस एवं हुसैन मेमोरियल समाज के अध्यक्ष श्री दिलदार हुसैन बेग आदि धर्म नेताओं ने अपने विचार रखेे।