मेडिकल प्रभाग द्वारा शांतिवन-आबू रोड में आयोजित रास्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन-
जीवन में मेडिकल चिकित्सा के साथ योग हो गया है जरूरी – प्रो0 डा. डी. के. गुप्ता
आबू रोड । मेडिकल क्षेत्र में पूरे विश्व में तरक्की के नये आयाम तय किये है। आज कठिन से कठिन बीमारियों पर मेडिकल साईंस ने काबू पा लिया है। योग की कमी और जीवन पद्धति में नकारात्मक बदलाव से प्रतिदिन नयी बीमारियां उत्पन्न होने लगी है। उक्त विचार दिल्ली एम्स के पेडियाट्रीक सर्जरी के विभागाध्यक्ष तथा प्रो0 डा डीके गुप्ता ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के मेडिकल प्रभाग द्वारा शांतिवन में आयोजित ‘माइंड बाडी और मेडिसीन’ विषय पर त्रिदिवसीय मेडिकल कान्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि मेडिकल चिकित्सा ने बहुत उपलब्धियां हासिल की है। लगभग हर बीमारी का इलाज सम्भव है। परन्तु उसे जड़ से समाप्त किया जाये और बीमारियों से हमेशा बचा जाये उसके लिए जीवन में योग और अध्यात्म और जीवन पद्यति का बदलाव जरूरी है। इस सम्मेलन के दौरान राजयोग पर भी चर्चा हो रही है यह अति श्रेष्ठ है।
मेडिकल प्रभाग के अध्यक्ष तथा ग्लोबल हास्पिटल रिसर्च सेन्टर माउण्ट आबू के ट्रस्टी बीके निर्वेर ने कहा कि मन को स्वस्थ रखना आज बेहद जरूरी हो गया है। यह ठीक है कि मेडिकल सेवाओंं से बीमारियों पर तुरन्त अंकुश लगता है परन्तु बीमारी ना हो उसे बचने के लिए जीवन प्रणाली बदलाव की आवश्यकता है। आत्मा में शक्तियों का विकास, मनोबल में दृढ़ता के लिए अध्यात्म अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
महात्मा गांधी मेडिकल साउथर्न कमांड इंडियन आर्मी के मेजर जनरल डॉ एल एस वोहरा ने कहा कि अब तो सेना में भी योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। क्योंकि मन की बीमारी से बचने के लिए मेडिकल साईंस के साथ सकारात्मक और तनावमुक्ति जीवन शैली की अति आवश्यकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान का ज्ञानयोग और राजयोग जीवन के लिए श्रेष्ठ है। ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा बीके मोहिनी ने कहा कि जीवन का विज्ञान और साईसं सबसे महत्वपूर्ण है। जो हर किसी को जानना चाहिए तभी हम हर प्रकार की समस्याओं से बच सकते हैं।
इन्द्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल दिल्ली के सीएफओओ पी शिव कुमार, बीएस ग्लोबल हास्पिटल के चिकित्सा निदेशक डा प्रताप मिड्ढा ने कहा कि आज बड़ी संख्या में लोग तनाव और डिप्रेसन के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में मेडिकल साईस भी इससे जल्दी उबार नहीं पाती है इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी सोच को सकारात्मक बनायें और ऐसी बीमारियों से बचें।