Home News National News युवा प्रभाग द्वारा अखिल भारतीय सम्मलेन का उद्घाटन

युवा प्रभाग द्वारा अखिल भारतीय सम्मलेन का उद्घाटन

0 2988

साइलेंस की शक्ति से आतंरिक बल बढ़ाना है : राजयोगिनी दादी रत्न मोहिनी जी

ज्ञान सरोवर , (आबू पर्वत ) १३ मई ।आज ज्ञान सरोवर के हार्मनी हॉल में ब्रह्मा कुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था , ​​युवा प्रभाग द्वारा एक अखिल भारतीय सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस सम्मलेन का विषय है “ऊंची सोच -युवा की खोज” . यह सम्मलेन ४ दिनों तक जारी रहेगा। इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न प्रदेशों से करीब ५०० लोगों ने भाग लिया। इस सम्मलेन का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके समपन्न हुआ. दीेप प्रज्वलन में अनेक गण्य – मान्य प्रतिभागियों ने भाग लिया।

ब्रह्मा कुमारीज युवा प्रभाग की अध्यक्षा एवं संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रत्न मोहिनी जी ने आज के शुभ अवसर पर अपने आशीर्वचन में कहा कि हमें ये सदैव याद रहे कि मैं कौन , कहाँ से आया और किसका उत्तराधिकारी हूँ ? यानि की मैं किसकी संतान हूँ। इन बातों की जानकारी जरूरी है। हमें अपने संस्कारों पर पूरा ध्यान देना है। हमारे संस्कार ऊंचे होंगे -सोच ऊंची होगी , फिर हम बड़े बड़े कार्य कर पाएंगे। खुद के अंदर साइलेंस की शक्ति से , ईश्वरीय शक्ति से , बल भरना है। निरहंकारिता लानी है। सर्व के प्रति शुभ भावना भी रहे।

ब्रह्मा कुमारीज युवा प्रभाग की राष्ट्रीय समन्वयक राजयोगिनी चन्द्रिका दीदी ने उक्त अवसर पर अपने उद्गार इस प्रकार प्रकट किये। आपने कहा कि सर्व प्रथम हमें यह जानना जरूरी है कि मैं कौन , मेरा कौन और और मेरा क्या कर्म है ? आपने बताया की दादी जानकी जी का ऐसा ही मानना है। दादी जानकी जी इस संस्था की मुख्य प्रसशिका हैं। आपने कहा कि किसी पर आधारित जीवन सुखी नहीं हो सकता है। जीवन निराधार होना चाहिए और सिर्फ उस निराकार परमात्मा पर ही आधारित होना चाहिए। दीदी जी ने कहा कि आपको यह जानकार ख़ुशी होगी की आप यहां परमात्मा की योजना से पधारे हैं। परमात्मा ने किसी भाई या बहन को इसके लिए निम्मित बनाया है। निम्मित चाहे जो हो, पर आप आये हैं परमात्मा की इक्षानुसार। अतः उस परमात्मा को ठीक से जानकर मन को सशक्त बनाना है।

बंगलोर की एक बहु राष्ट्रीय कंपनी के निदेशक एस मुथु कुमार , ने कहा कि मुझे उम्मीद है की हम सभी आने वाले ३ दिनों में यहां से काफी कुछ प्रेरणा दाई बातें प्राप्त करेंगे। आज हमने मन की शांति के बारे में जाना। विश्व की शांति के लिए मन के शांति​,​ आत्मिक शांति जरूरी है।

आबू पर्वत के भाई सौरभ गंगाडिया जी, लायंस के पूर्व अध्यक्ष ,ने कहा कि यहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार तीव्र गति से जारी है. आध्यात्मिकता जन्म से हमारे अंदर बीज रूप में समाहित रहती है। ब्रह्मा कुमारियाँ हमारे अंदर की इस शक्ति को प्रकट करने की कोशिश करती रही हैं। अनेक वर्षों से। इसके लिए संस्था को धन्यवाद। इस संस्थान के युवा की एक अलग ही पहचान है। इसका कारण है इनकी जाग्रत आध्यात्मिकता। यही आध्यात्मिकता सभी में जगानी है। मेरी आपसे यही उम्मीद है कि आप अपने अंदर भरपूर ऊर्जा भरेंगे और दुनिया भर में फैलांएंगे।