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सेंट्रल जेल कपूरथला में संस्कार परिवर्तन पर कार्यक्रम

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kapurthalaजागरण संवाददाता, कपूरथला : कर्मों के आधार पर ही यह संसार चलता है। अपने ही किए हुए कर्मों से व्यक्ति महान या कंगाल भी बनता है। अपने कर्मों में परिवर्तन लाने से ही हम अपराध मुक्त बनते है। यह बात प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मांउट आबू राजस्थान से आए हुए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने सेंट्रल जेल में बंद कैदी बंधुओं को संस्कार परिवर्तन और व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित करते हुए कही। 1उन्होंने कहा कि कर्मो से परिवर्तन लाने हेतु ज्ञान की और समझ की आश्वयकता है। जब हम मेडीटेशन करते हैं तो हमारी इंद्रियां संयमित होती है, हमारा आत्मविश्वास, आत्म जाग्रति और मनोबल बढ़ता है जिससे हमें अच्छे, बुरे की परख होती है और हम अपराध मुक्त बन सकते हैं। उन्होंने बताया व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता। जब वह इस संसार में आता है तो गलत संगत, नशा व्यसन, गलत खानपान, लोभ, लालच, क्रोध, तनाव या विपरीत परिस्थितियों उसे अपराधी बनाती है। उन्होंने कहा कि जीवन की कुछ समस्या पिछले जन्मों के गलत कर्मों से आती है। व्यक्ति अपने कर्मों से कही भी भाग नहीं सकता। किए हुए कर्मों का फल खुद को ही भोगना पड़ता है। उन्होंने सभी कैदी भाइयों को तीन दिन तक मेडीटेशन भी कराया। साथ में अपने जीवन मे सकारात्मक सोचने की बात कही। उन्होंने कहाकि जीवन में समस्या रूपी बादल आते हैं, उसे सहनशीलता से, सकारात्मक सोच कुछ गलतियों को महसूस कर पार करना हैं।1 उन्होंने सभी कैदी भाइयों से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रखने हेतु व्यसन, नशा छोड़ने का प्रण करवाया। स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने भी अपने विचार पेश करते हुए कहा कि अपराधों के कारण हम स्वयं को भूल गए, पिता परमात्मा को भूल गए। उन्होंने बताया कि वास्तव में हम सभी ज्योति ¨बदू आत्माएं परमपिता परमात्मा के बच्चे आपस में भाई-भाई हैं। इस संबंध को याद रखने से आपसी भाईचारा बढ़ेगा और अपराध मुक्त बन जाएगा। जेल अध्यक्ष एस परजीत सिंह संधू ने बताया कि सभी की उम्र माता-पिता की सेवा करने की हैं। अपने में सुधार लाकर अपने माता-पिता की सेवा करें। कार्यक्रम के दलजीत आहलूवालिया, बीके अजय भी उपस्थित थे। इस दौरान जेल उपाध्यक्ष इकबाल सिंह धालीवाल ने भी धन्यवाद किया।सेमिनार के दौरान शमिल सेंट्रल जेल में बंद हवालाती व कैदी। (दाएं) सेंट्रल जेल में आयोजित समारोह के दौरान विचार पेश करते हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई।