दीर्घायु का मतलब ही है लोगों की सेवा, इससे ही बनेंगे निरोगी-दादी जानकी
दादी जानकी के 101 वर्ष होने पर समारोह, बड़ी संख्या में लोगों ने दी बधाई
आबू रोड, 2 जनवरी, निसं। मनुष्य का जीवन लम्बा हो या छोटा यदि वह दूसरों की सेवा में काम ना आये तो व्यर्थ है। दीर्घायु का मतलब ही है लोगों की सेवा करना, इससे व्यक्ति का तन और मन निरोगी बनता है। उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने व्यक्त किये।
दादी जानकी के 101 वर्ष पूर्ण होने आयोजित समारोह में देश और दुनिया से आये हजारों लोगों को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने देश और दुनिया से आये हजारों लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन में हमेशा श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए। क्योंकि इससे मनुष्य के जीवन में सर्वांगिण स्वास्थ्य बनता है। इससे मनुष्य की उम्र ही दीर्घायु होती है। राजयोग से जीवन में सुख और शांति का संचार होता है। जीवन को महान बनाना है तो आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाना चाहिए।
संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी ने कहा कि दादी ने यह सिद्ध कर दिया कि राजयोग और आध्यात्मिक शक्ति से लम्बी उम्र होती है। प्राचीन काल में भी ऋषियों मुनियों ने भी अपने जीवन को महान और दीर्घायु बनाता है। परमात्मा हम सबका पिता है इसलिए इससे शक्ति लेनी चाहिए। दादी का जीवन हमेशा लोगों की सेवा में रहा। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि दादी का जीवन नारियों के कल्याणअर्थ रहा। पूरे विश्व में दादी ने आध्यात्म और राजयोग का परचम फहराया है।
इस अवसर पर संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युुंजय, सूचना निदेशक बीके करूणा समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए दादी को दीर्घायु होने की कामना की।
एक सौ एक फीट की माला: इस अवसर पर राजयोगिनी दादी जानकी जी को एक सौ एक फीट की लम्बी गुलाब की माला पहनायी। गयी जिसमें माहौल बिल्कुल भावपूर्ण हो गया।