Abu Road – दादी प्रकाशमणि जी की 12वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धांजली कार्यक्रम (Loving Tributes to Dadi Prakashmani on her 12th Ascension Anniversary)
हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि देकर की विश्व बन्धुत्व की कामना
दादी प्रकाशमणि की पुण्य तिथि पर उमड़ा जन सैलाब, कतार बद्ध होकर पुष्पांजलि
आबू रोड, 25अगस्त, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 12वीं पुण्य तिथि पर हजारों लोगों ने प्रकाश स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व बन्धुत्व की कामना की। इस अवसर पर प्रात: काल से ही ध्यान प्रार्थना का दौर चलता रहा। अल सुबह से ध्यान और मेडिटेशन कर विश्व बन्धुत्व की कामना की गयी। पूरे शांतिवन परिसर में 15 हजार से ज्यादा लोगों के होने के बाद भी पूरा परिसर शांति की दुनिया में तब्दील था।
इसके बाद प्रात: 8 बजे ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी समेत सभी वरिष्ठ लोगों ने प्रकाश स्तम्भ पर थोड़े समय मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की कार्यक्रम प्रबन्धिका तथा पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की पूर्व व्यक्तिगत सचिव राजयोगिनी बीके मुन्नी ने दादी के संग के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि दादी के हर कर्म और बोल में मानवता के कल्याण का संकल्प रहता था। उनके लिए चाहे छोटा हो या बड़ा हर कोई अपना समझता था। उनका जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित था। दादी ने पूरे विश्व में नारी शक्ति की मिसाल कायम की।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि दादी एक यूनिवर्सल मॉं थी। वे जहॉं भी जाती थी वहॉं हर कोई उनका हो जाता था। इसलिए आज भी उनकी यादें लोगों के जेहन में ताजा हो जाती है। हमें दादी के संकल्पेां को पूरा करने का संकल्प करना चाहिए। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि दादी आध्यात्मिकता की अति उंचाईयों को छू चुकी थी। उनके सामने जाने से ही आत्म दर्शन होने लगता था।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र जोन प्रभारी बीके संतोष दीदी, ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल, अमेरिका से आयी पूर्व सैन्य अधिकारी डॉं हंसा रावल समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।फोटो, 25एबीआरओपी, 1, 2, 3, 4, 5 दादी के प्रकाश स्तम्भ पर श्रद्धांजलि अर्पित करती मुन्नी बहन तथा अन्य पदाधिकारी, प्रकाश स्तम्भ पर उमड़ी भीड़, कतार बद्ध होकर पुष्पांजलि करते लोग।