Home News National News Blessings Ceremony – Dadi Janki 100th Birthday Celebrations at Shantivan in Abu...

Blessings Ceremony – Dadi Janki 100th Birthday Celebrations at Shantivan in Abu Road (Raj.)

0 2744

अन्तरमन साफ है तो अवश्य पूरे होंगे संकल्प – दादी जानकी

आबू रोड, निसं। शांतिवन के डायमण्ड हॉल में हजारों की संख्या में देश-विदेश से आए व्यक्तियों द्वारा जन्मशताब्दी पर दी गई शुभकामनाओं को स्वीकार करते हुए ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि यदि अंतरमन साफ है जो भी शुभ संकल्प करोगे वह अवश्य पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी सत्य का परित्याग न करो, सच के मार्ग पर चलते हुए घबराओ मत और सत्य की रक्षा करने से कभी चूकना नहीं। ब्रह्मा बाबा शिक्षक भी है और परिक्षक भी उसकी रचना अति सुंदर है। बाबा के दिखाए मार्ग पर चलते हुए हमें सर्वत्र शांति, प्रेम और आनंद का संदेश प्रसारित करना है।
इससे पूर्व मनमोह लेने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, सैनिक बैण्ड की धुनों के साथ ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी की जन्मशताब्दी महोत्सव की विधिवत शुरूआत हुई। डायमण्ड हॉल के बाहर भी बैंड वादक अतिथियों का सुरूचि पूर्ण ढंग से स्वागत कर रहे थे।
रूस के डिवाइन लाइट ग्रुप व बालीवुड फिल्म अभिनेत्री ग्रेसी सिंह की गीत नृत्य प्रस्तुतियों व रूसी कलाकार अल्बर्ट असादुलीन द्वारा भारतीय सिनेमा के महान कलाकार राजकपूर की फिल्म श्री 420 का गीत मेरा जूता है जापानी… ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया।
भव्य समारोह को संबोधित करते हुए केजी अस्पताल कोयम्बटूर के अध्यक्ष पदम श्री डॉ.जी.भक्तवत्सलम ने दादी जानकी को महान मानवीय व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में चल रही संस्था सबसे महान प्रेम की भाषा सिखाती है। सौ वर्ष की उम्र में भी जब दादी जानकी सलाह और दुआयें देती हैं तो महसूस होता है कि जिस भगवान को हम देख नहीं पाते वह मधुबन में बसता है। उन्होंने कहा कि इस संस्था से ग्रहण किए गए संदेश से उनके जीवन में अद्भुत परिवर्तन आया है। और ईश्वर के सत्य को समझने की क्षमता विकसित हुई है।
एस.आर.ई.आई फाउण्डेशन कलकत्ता के अध्यक्ष हरि प्रसाद कनोडिया ने कहा ब्रह्माकुमारीज का ईश्वरीय ज्ञान गांव स्तर तक भी जा पहुंचा है। दादी ओम शांति के मूल मंत्र को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देकर सच्ची मानव सेवा कर रही हैं।
राजस्थान पत्रिका के मुख्य संपादक के मुख्य संपादक व जाने-माने चिंतक गुलाब कोठारी ने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा कि कई सालों से जाग्रत जिज्ञासएं आज दादी जानकी व दादी ह्रदयमोहिनी के सानिध्य में वार्तालाप से शांत हुई हैं। ईश्वर ने अपना संदेश संवाहित करने की पत्रता इन दादियों को दी है। आधुनिक युग की शिक्षा भौतिकवाद को प्रोत्साहित करती हैं लेकिन ब्रह्माकुमारीज के मधुबन से विकास व श्रद्धा की भावना संवाहित होती है। यहां से असीम मातृभाव विकसित होता है लेकिन बदलें में किसी वस्तु की अपेक्षा नहीं की जाती। मातृ शक्ति की जो प्रतिष्ठा इस संस्थान में दिख रही है उससे नि:संदेह मूल्य शून्य समाज को नया स्वरूप प्रदान करने की उम्मीदें उठ खड़ी हुई हैं। नयी शांति और आस्था का प्रसार इसी संस्था के कारण अवश्य होगा।
शिव शक्ति ग्रुप हैदराबाद के अध्यक्ष जी.वी.एस.आर. अंजनेयूलु ने कहा कि यहां से ईश्वरीय संदेश प्राप्त करने वाला प्रत्यके व्यक्ति अपने को भाग्यशाली मानता है। समारोह में पधारने पर दादी जानकी व दादी ह्रदयमोहिनी का उपस्थित जन समूह ने अपने स्थान से खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया। शताब्दी समारोह के संगठन सचिव बीके मृत्युंजय ने पुष्पमालाओं व पगडिय़ां भेंटकर के दादी का अभिनंदन करते हुए इस महोत्सव को संस्था के इतिहास का स्वर्णिम दिवस करार दिया।
संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने उपस्थिति का अवाहन किया कि मिलजुलकर ऐसे संसार की रचना करें जिसमें दु:ख-दर्द कहीं दिखाई न दें। ज्ञानसरोवर की निदेशिका डॉ.निर्मला दीदी ने कहा कि सादा जीवन बिताते हुए हमारा मार्गप्रशस्त करने वाली दादी जानकी कि प्राप्तियां अद्भुत रही हैं।
आस्ट्रेलिया से आए फिल्म निदेशक रोबिन रामसे ने कहा कि मधुबन से मिलने वाली सशक्त दृष्टि से लाखों रास्ते नास्तिक आस्तिक बन गए। ईश्वरीय संदेश से जब विकारों से मुक्ति मिली तब सत्य ज्ञान का साक्षात हुआ।
आचार्य डॉ.लोकेश मुनि ने कहा कि जीवन तो लाखों लोग धारण करते हैं लेकिन दादी जानकी ने अपने जीवन में लाखों लोगों के दिलों में विश्वास और ज्ञान की ज्योति जलाकर एहसास करा दिया कि असली भारत मधुबन की विभूतियों में बसता है। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम का भी उपस्थिति से आह्वान किया।
श्रीशैल जगदगुरु शंकराचार्य चेन्नासिद्धाराम ने कहा कि राजयोग के माध्यम से दादी नेतृत्व में चल रही संस्था शांति का संदेश विश्व के प्रत्येक कोने में पहुंचा रही है। संत वृंद ने दादी जानकी को दोशाले व स्वर्ण कलश भेंटकर अभिनंदित किया। अहमदाबाद से आए स्वामी अध्यात्मानंद ने दादी जानकी को साधुता सज्जनता व सादगी की सजीव प्रतिमूर्ति बताते हुए कामना की कि प्रत्येक घर तक ब्रह्माकुमारीज के तेजस्व का प्रकाश अनुभव किया जाए।
अमेरिका के अंत:धर्म मंत्री माइकल मोरेन ने कहा मैं शांति की खोज में कई स्थानों पर गया लेकिन शांति का अनुभव ब्रह्माकुमारी संस्था में आकर ही हुआ। उन्होंने विश्व शांति की कामना करते हुए ओम शांति का उद्घोष किया।
रूसी कलाकारों ने जब डाल-डाल पर सोने की चिडिय़ा करती है बसेरा… समूह नृत्य प्रस्तुत किया तो तालियों की गडग़डाहट की कोई सीमा न रही। रूसी गायक द्वारा हिन्दी भजन गायन ने भी खूब रंग जमाया।