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योगगुरु तथा विवेकानन्द योग संस्थान के अध्यक्ष पदमश्री एचआर नागेंद्र ने कहा कि भारत विशिष्ट शक्तियों से विभूषित है। योग और अध्यात्म में तन और मन की बीमारी ठीक करने की संपूर्ण क्षमता है। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में ग्लोबल हॉस्पिटल के रजत जयंती समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि योग तन को साधने और स्वस्थ रखने का बेहतरीन तरीका है, लेकिन यदि आत्मा को ठीक रखना है तो योग के साथ राजयोग जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों का रूझान योग के प्रति बढ़ा इससे ही संपूर्ण बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है। परमात्मा ने हमें यह वैभव के रूप में दिया है।
राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी ईश्वरैय्या ने कहा कि हमने अपने जीवन में योग अपनाकर देखा है कि खुद को श्रेष्ठ बनाने के लिए इससे बेहतर दूसरी कोई औषधि नहीं है। इसलिए जो प्रतिदिन योग एवं राजयोग को जीवन में शामिल करता है उसे बीमारियों से मुक्ति मिलना स्वाभाविक है।

इस मौके सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉ. डीआर कार्तिकेयन, नैरोबी ब्रह्माकुमारी सेवा केन्द्रों की निदेशिका वेदांती, संस्था के महासचिव निर्वेर, पांडव भवन की प्रभारी शशि, कार्यक्रम प्रबंधिका मुन्नी समेत कई लोगों ने विचार व्यक्त किए।

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​​​​​​​​​​​​​​आबू रोड: 22 अक्टूबर प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शांतिवन परिसर में ग्लोबल हॉस्पीटल एण्ड रिसर्च सेण्टर की सिल्वर जुबली के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से आये अतिथि एवं विभिन्न पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

राजस्थान सरकार के स्वास्थ मंंत्री राजेन्द्र सिहँ राठौर ने बताया कि इस मौके पर मेंं आप सभी को विशेष बधाई देता हूँ कि ब्रह्माकुमारी संस्थान का ये जो हॉस्पीटल है इससे हमारे आबू रोड क्षेत्र में बीमारीयों को लेकर निश्चित रूप से किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना नही पड़ता है इससे हमारे क्षेत्र को ही नही बल्कि आस-पास के क्षेत्र एवं विदेश के लोग भी इस हॉस्पीटल का भरपूर लाभ ले रहे हैं। और मैं आप लोगों से ये वादा करता हूँ कि राजस्थान सरकार से इस सम्बन्ध में यदि किसी प्रकार की कोई मदद की जरूरत होगी तो मैं उसे जरूर पूरा करने का प्रयास करूंगा।

संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि इस हॉस्पीटल में मांइड और बॉडी दो प्रकार का इलाज होता है, इसमें मैडीसिन और मैडीटेशन, जो कि प्रत्येक मनुष्य को बहुत जरूरी है वो इस हॉस्पीटल से लोगों को प्राप्त होता है।

संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रसासिका दादी हृदयमोहिनी ने कहा कि दुख के समय पर यदि मरीज को दवा मिल जाये तो वो दवा काफी मूल्यवान हो सकती है, अन्यथा उसका कोई औचित्य नही होता है हमारा है कि सभी को समय पर इसका लाभ मिले और तन- मन से सभी सदा स्वस्थ रहें हमारा यही प्रयास है।

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जैविक और यौगिक खेती विषय पर विज्ञान भवन में एक दिवसीय किसान सेमिनार हुआ

’’कृषि के विकास हेतू भारत की पारम्परिक खेती को पुनः अपनाना जरूरी’’- राधामोहन सिंह

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नई ​​दिल्ली, 07 अक्टूूबरः ’’कम लागत के साथ कृषि की उत्पादकता और पौष्टिकता बढ़ाने के लिए अब समय है जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, गौ आधारित खेती जैसी परम्परागत कृषि के साथ मानसिक सूक्ष्म उर्जा के प्रयोग का, जिससे ही हमारी खेती परम्परागत सजीव खेती या यौगिक खेती बनेगी’’।

यह विचार केन्द्रीय मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय राधामोहन सिंह ने विज्ञान भवन में आज कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एवं ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ’’पारम्परिक सजीव कृषि के द्वारा किसान कल्याण सुनिश्चितीकरण ’’ एक दिवसीय सेमिनार में व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मिट्टी एक जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी धरती माता है, जिसे असन्तुलित रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग ने बीमार एवं विषैला बना दिया है। इसके लिए हमें ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा जो सजीव यौगिक खेती तकनीक जिसमें खेती और भूमि पर सकारात्मक विचारों के प्रभाव से उत्पादकता बढ़ाने के साथ साथ किसानों के चरित्र, स्वास्थ्य, मनोबल एवं जीवन भी समृद्ध हो रहा है, इसे अधिक से अधिक आज कृषि के क्षेत्र में अपनाने की आवश्यकता है।

सेमीनार के आयोजक कृषि एवं किसान कल्याण मन्त्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने इस अवसर पर किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे सारे त्यौहार कृषि जीवन से ही जुड़े है अनेक स्थानों पर कृषि कार्य का प्रारम्भ भी भूमि पूजन एवं धार्मिक अनुष्ठानों से होता है, भारत की इस परम्परागत खेती से भूमि भी उपजाऊ रहती थी, इसलिए हमें अब इस धार्मिक विचारों के प्रभाव को पुनः खेती पर अपनाना होगा।

सेमीनार के सहआयोजक ब्रह्माकुमारीज़ के संयुक्त सेक्रेटरी जनरल ब्र0कु0 बृजमोहन ने परम्परागत सजीव खेती को स्पष्ट करते हुए बताया कि बाह़य प्र्रकृति हमारी मानवीय आन्तरिक प्रकृति पर आधारित है, इसलिए हमें परमात्मा से योग लगाकर स्वयं को शक्तिशाली बनाते हुए धरती, बीजों और खेती के प्रति संवेदनशील होकर सकारात्मक विचार देने होगे, यही वास्तव मे पारम्परिक सजीव अथवा यौगिक खेती है, जिससे प्रकृति मानव से सजीव की तरह जुड़ जाती है और अधिक फलती फूलती है।

इस अवसर पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के एग्रोनोमी की प्रोफेसर डॉ. सुनीता पाण्डेय ने कहा कि हमने प्रयोग में पाया कि सकारात्मक विचारों से फसल में पोषित एंजाईम ज्यादा उपजे और धरती के सूक्ष्म जीवों की संख्या में भी वृद्धि हुई, इसके पीछे विज्ञान यह है कि प्रकृति हमारे मन के विचारों का पढ़ती है और उसी अनुसार प्रतिक्रिया देती है। जीव को सजीव बनाने की विधि है पारम्परिक सजीव खेती जिसे अब फिर से अपनाने का समय आ गया है।

ब्रह्माकुमारी की ग्राम विकास प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बी.के. सरला ने किसानो को बताया कि किस प्रकार पहले जिन फल सब्जियों से स्वास्थ्य अच्छा होता था अब अधिक कीटनाशकों एवं रसायनिक खादों के प्रयोग से नुकसान हो रहा है, गुणवत्ता कम हो रही है एवं बीमारियां पैदा हो रही हैं। इसके लिए हमें जैविक खेती के साथ साथ प्रकृति के प्रति शुभ एवं संवेदनशील संकल्पों का प्रयोग कर कृषि तथा इसकी उपज को सशक्त बनाना होगा।

उद्घाटन सत्र के अलावा ओर तीन खुले सत्रों में भारत के विभिन्न राज्यों से आये कृषि सम्बन्धित सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों के उच्च पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखें तथा समापन सत्र को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने सम्बोधित किया। जैविक, यौगिक एवं पारम्परिक कृषि से लाभ तथा रसायनिक खेती से नुकसान के बारे में विभिन्न विडियो शॉ के द्वारा सेमिनार में उपस्थित समग्र भारत से आये हुए किसान एवं कृषि से जुड़े वर्ग को अवगत कराया गया।

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Press Release
Justice Kurian Joseph launched All India Jurists Campaign from Delhi today.

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New Delhi, Oct. 6: An All India Campaign on “Spirituality for Peace and Happy Living” convened by Jurist Wing of the Brahma Kumaris organization was launched in a public function at Indian Society of International Law Auditorium here today evening.

Justice Kurien Joseph, Supreme Court Judge and Mr PP Chaudhary, Union Minister of State for Law and Justiceofficially launched the campaign in the presence of several legal luminaries and many participants from the legal profession.

Justice Kurian Joseph delineating on the campaign theme ‘Spirituality for Peace and Happy Living’ said that if you have peace, then you are a spiritual man not merely in form but in spirit. He stressed that connecting with the eternal source and ocean of peace, God in meditation can bring peace to self and society.

Mr PP Choudhary, Union Minister of State for Law and Justice said that legality and spirituality are the two eyes of our democratic set-up. Spirituality gives conceptual base to Indian judicial system, he stressed.

Justice V. Eswaraiah, Patron, Jurists Wing delivered his greetings on the occasion while Rajyogi BK Brij Mohan, Principal Secretary & Chief Spokesman, Brahma Kumaris told that spirituality means realizing the truth & reality which are the basis of building better life and society.

Motivational Speaker, Brahma Kumari Shivani, shared her views and words of wisdom on peaceful, harmonious, healthy and happy living with the practice of spiritual knowledge and rajyoga meditation.

Brahma Kumari Pushpa, Delhi Zonal Coordinator, Jurists Wing said that the campaign will cover all the courts of entire India spreading the spiritual message of peace and harmony. It will benefit over 15 Lakh advocates of various state bar councils and thousands of Judges as well as about two lakh people involved in law enforcement.

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आबू रोड, 1 अक्टूबर, निसं। हर जगह पैसा कमाना ही केवल मकसद नहीं होना चाहिए। बल्कि कई सेवायें ऐसी है जहॉं सीधे सीधे मानव के व्यक्तिगत सेवाओं से जुड़ी हुई है। जब व्यक्ति पीडि़त होता है तो चाहे अस्पताल हो या घर उसे सच्चे दिल से देखभाल की जरूरत होती है। नर्सिंगकर्मियों का भी कमोबेश यही कार्य है। पीडि़तों की सेवा करना पुण्य का कार्य है। उक्त उदगार भारत सरकार के केन्द्रिय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में दसवें नर्सिंग सम्मेलन में आये नर्सिंगकर्मियों को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इस संस्था से मैं काफी समय से जुड़ा हुआ हूॅं और इस संस्था से ऐसी चीजे प्राप्त होती है जो आपको कभी नहीं मिलेगी। यहॉं बिना स्वास्र्थ के एक दूसरे का ध्यान रखते हुए उन्हें श्रेष्ठता के मार्ग पर प्रशस्त करना इसकी विशेषता है। हर एक के मन में सेवा भाव है। जब चिकित्सक अथवा नर्स अपने नि:स्वार्थ भाव से मरीजों की देखभाल करता है तो उसकी आधी बीमारी ऐसे ही ठीक हो जाती है। यह सेवाभाव ब्रह्माकुमारीज संस्थान में अपने आप देखने को मिलता है।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रसाशिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा की मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में आप यहां एकत्र हुए हो। मैंं चाहती हूं कि आप लोग यहां से जाएं तो जरूर कुछ लेकर जाएं तो लगे कि कुछ लेकर आया हूॅं। क्योंकि यहॉं की आध्यात्मिक शक्ति मनुष्य को सामथ्र्य और शक्ति प्रदान करती है। परमात्मा सबसे बड़ा चिकित्सक और रक्षक है। परन्तु सृष्टि चक्र चिकित्सक और नर्स भगवान के दूसरे रूप होते हैं। ऐसे में नर्सों और चिकित्सकों के उपर बड़ी जिम्मेवारी है जिससे वे जिन्दगी और मौत के बीच जुझने वाले को नया जीवन देते हैं।

उदयपुर से लोकसभा सांसद अर्जुन लाल मीना ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति भारत सरकार बहुत गम्भीर है। इसके लिए ग्रामीण से लेकर शहरों तक तमाम योजनाएं चलायी जा रही है। जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके। ब्रह्माकुमारीज संस्थान नशामुक्ति का कैम्प भी चला रहा है जो सराहनीय है। संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, ग्लोबल हास्पिटल के मैनेजिंग ट्रस्टी राजयोगी बीके निर्वेर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रत्येक लोगों को सही और सस्ते दरों पर चिकित्सा सुलभ हो सके। इसके लिए लगातार संस्था प्रयास कर रही है।

मुम्बई से मेडिकल प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक मेहता, सचिव बीके बनारसी लाल साह ने कहा कि सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे सम्मेलनों से लोगों में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। कार्यक्रम में मेडिकल प्रभाग की सहसचिव डॉ. निरंजना साह, जयपुर नर्सिंग कालेज के प्रिंसीपल डॉ. जोगेन्दर शर्मा, मेडिकल प्रभाग के उपाध्यक्ष डॉ. प्रताप मिडढा, बीके रूपा उपाध्याय, मुम्बई से मेडिकल प्रभाग के संस्थापक सचिव डा गिरीश पटेल समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।

दादी जानकी से की मुलाकात: केन्द्रियमंत्री ने कार्यक्रम के पश्चात संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी से मुलाकात की तथा कुशलक्षेम पूछी। इसके साथ शांतिवन के अन्य स्थानों का भ्रमण कर भाव विभोर हो गये।

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दिल हमेशा जवां रखने के लिए प्रकृति के नियमों का अनदेखा ना करें-कृष्णा राज
ह्दयरोग विशेषज्ञों के सम्मेलन का शुभारम्भ, दिल की बीमारी के विभिन्न
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आबू रोड, 23 सितम्बर, निसं। पूरे विश्व में ह्दयरोग एक महामारी का रूप ले रहा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों से आये चिकित्सकों का मंथन इस पर अंकुश लगाने में कामयाब होंगे। परन्तु यदि दिल को हमेशा जवां रखना है तो उसके लिए प्रकृति के नियमों का पालन करना चाहिए। उक्त उदगार भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज ने व्यक्त की। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में आयोजित ​​11 वें वल्र्ड कांग्रेस प्रिवेन्टिव कार्डियोलोजी कान्फ्रेन्स एवं इमेजिंग में देश विदेश से आये ह्दयरोग विशेषज्ञों के सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर बोल रही थी।
उन्होंने चिकित्सकों का आह्वान करते हुए कहा कि देश में तेजी से बढ़ रहे ह्दयरोग की रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करें। पिछले कुछ वर्षों में अध्यात्म और सकारात्मक जीवन शैली से बीमारियों पर नियंत्रण हो रहा है। ऐसे में हमें जरूरत है कि प्रकृति के नियमों पर चलते हुए ह्दयरोग से बचा जा सकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्था इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है।
ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि जीवन में मूल्य अध्यात्म के जरिये प्रवेश करता है। प्राचीन समय में हमारे देश में संत और महात्माओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि जीवन रक्षक सामग्री योग है। जिससे जीवन की अनेक व्याधियों से मुक्ति दिलाने में सहायक है। राजयोग इन पद्धतियों में से एक है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएस अग्रवाल ने कहा कि निश्ति तौर पर विज्ञान ने तरक्की कर हर क्षेत्र में अपना दावा मजबूत किया है। परन्तु कुछ बीमारियां ऐसी है कि उनसे निबटने में विज्ञान ने भी हाथ खड़े कर दिये है। ह्दयरोग का इलाज तो है परन्तु स्थायी इलाज नहीं है। स्थायी इलाज के लिए अपने जीवन पद्धति को बदलना होगा। यह भारत में तेजी से हो रहा है।
कार्डियोलाजी सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डा एच के चोपड़ा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तेजी से ह्दयरोग बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अध्यात्म के उपर आकर सबकी सुई रूक गयी है। अध्यात्म और सकारात्मक जीवनशैली से निश्चित तौर पर लोगों की जिन्दगी में बदलाव आ रहा है। यह एक सुखद संकेत है। अमेरिका से आये सुप्रसिद्ध ह्दयरोग विशेषज्ञ जगत नरूला ने कहा कि भारत में ह्दयरोग तेजी से बढऩे का कारण मानसिक तनाव और खानपान का ध्यान ना देना है।
संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि सकारात्मक जीवन शैली और अध्यात्म में इतनी शक्ति है कि शरीर तो क्या वह आत्मा की बीमारी भी ठीक कर देती है। इसलिए अध्यात्म से बढिय़ा कोई दवा नहीं। संस्था के महासचिव बीके निर्वेर, यूएसए के डा एच के रेड्डी, अजय कुमार लोढ़ा, आयोजक सचिव डा सतीष गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

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3-Day Mega Media Conference Opens

“Spirituality in Action – Key to Social Transformation” – Prof. M.S. Acharyulu

Abu Road, Sept. 17th:
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Central Information Commissioner, Prof. M. Sridhar Acharyulu said that there is an urgent need for processing of information to knowledge and knowledge in turn to spiritual wisdom in all the walks of life especially in the field of mass media to bring about positive changes in peoples’ life and society.

He said this while inaugurating a 3-day National Media Conference on “Spiritual Wisdom for Social Transformation – Role of Media” organized by the Media Wing of Brahma Kumaris Organisation’s Rajyoga Education & Research Foundation at their Shantivan campus here today.

Prof. Acharyulu said that in spite of modern day media’s deliberate tilt towards sensational, titillating and negative news, dedicated columns, audio visual space and time slots are increasingly being ear-marked for target audience by even mainstream print and electronic media of different kinds and categories.

He further said that while Pulitzer Award Winning Photo of a naked and semi-naked children running away from bombardment could change Nixon’s mind to stop Vietnam war in 1972, another Pulitzer Award winning photo of a girl child scrambling for food (near a Refugee camp in a drug addict Sudan) and a vulture in waiting for eating the girl child depicted the pathetic picture of tussle between human values and media professional values.

He said that at this juncture, conflicts of media values and interest, what comes to our rescue are innate wisdom in action that are righteousness, good conduct, honesty and integrity of character especially in life and profession of journalists through regular practice and promotion of spiritual values, Rajyoga meditation, simple and healthy lifestyle.

Blessing the inaugural session with her words of wisdom of Rajyogini Dadi Ratan Mohini, Jt. Chief of Brahmakumaris urged the participating media professionals to work for promoting peace, health, harmony and happiness in self and society through practice of spiritual knowledge, meditation and universal values.

Mr. Basav Raj Patil, Member, PM of India’s Economic Advisory Council speaking as Guest of Honour said that the decline of values mass media after 1992 globalisation, has become the cause for concern.  He said that moral and spiritual principles should guide and regulate our character and conduct including that of mass media.

While Prof. Kamal Dixit, National Coordinator, Society of Media Initiative for values in his key note address stressed on the urgent need for media professionals to be guided by inner conscience and powers through the practice of divine meditation; Prof. Sanjeev Bhanavat, H.O.D., Mass Communication, Rajasthan University called for combined efforts on the part of audience, journalists and civil society to combat the onslaughts of commercial , cultural and linguist challenges posed by modern corporate media.

Chairman, Media Wing & Multi-media, Chief of Brahma Kumaris, Rajyogi B.K. Karuna in his welcome address earlier urged media not to become subservient to  external forces of worldly powers and privileges, but to be solely guided by their inner instincts, intuition and conscience with the help of Brahmakumaris’ teachings on Spirituality, core values and Rajyoga meditation to build better life and society.

At the end, Brahmakumari Hemlata, Chief coordinator, Indore zone services of Brahma Kumaris conducted mass Rajyoga meditation for hundreds of media participants while B.K. Shantanu, H.Q. Coordinator of Media Wing offered vote of thanks.Mr. Raju and his cultural troupe from Bangalore presented value based songs and group dance.