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ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा जरूरतमंद परिवारों को कंबल वितरित, नशा छोड़ने पर दिया जोर

आबू रोड: ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से शांतिवन में श्रमिकों और जरूरतमंद परिवारों को कंबल वितरित किए गए। इसके साथ ही उन्हें नशे के नुकसान के बारे में बताकर इस बात पर जोर दिया गया कि वे परिवार समाज की भलाई के साथ ही स्वयं के हित में भी नशा छोड़ दें। shantivan shantivan3 shantivan4

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि जितना पैसा हम नशे के लिए लगाते है यदि उतना हम अपने परिवार और बच्चों के लिए खर्च करें तो उससे उन्हें उचित शिक्षा और दूसरी व्यवस्था की जा सकती है। क्योंकि नशे से जहां कई तरह की बीमारियां पैदा हो रही है। वहीं परिवार और समाज भी प्रभावित हो रहा है। परमात्मा ने यह शरीर मंदिर की भांति दिया है। इसलिए इसे व्यसनों और बुराइयों से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए।

इस अवसर पर ज्ञानामृत पत्रिका के प्रधान संपादक बीके आत्म प्रकाश ने कहा कि हमारा जीवन हमेशा अच्छे कार्यों के लिए होना चाहिए। इससे ही जीवन में तरक्की होती है। व्यसनों से मनुष्य का मन दूषित हो जाता है। इससे समाज में अपराध और हिंसा की आये दिन घटनाएं सुनने को मिलती है। इसलिए इससे समाप्त करनी चाहिए।

महिला प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके डॉ. सविता ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने घर और परिवार को ऐसे बनाएं। जिससे हर बच्चा अपने माता पिता से सीख लेकर श्रेष्ठ बनें।

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राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी मानवाधिकार रत्न से सम्मानित (Human Rights Award to Dadi Ratanmohini
बुराईयों से रक्षा करना ही सही मायने में मानवाधिकार: दहिवले

आबू रोड, 8 जनवरी, निसं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को मानवाधिकार रत्न से नवाजा गया है। यह अवार्ड संस्थान के शांतिवन स्थित डायमंड हॉल के विशाल सभागार में आयोजित समारोह में केन्द्रिय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंड दहिवले ने प्रशस्ति पत्र तथा मोमेन्टों भेंटकर सम्मानित किया।
डायमंड हॉल में आयोजित समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंड दहिवले ने कहा कि दादी को सम्मान देना गर्व की बात है। वास्तव में बुराईयों से रक्षा करना और और मूल्यों के लिए प्रेरित करना ही सही मायने में मानवाधिकार है। संस्थान के लिए सम्मान कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन ऐसे स्थान पर यह दिया जा रहा है जहॉं से मानव मूल्यों की आभा प्रकट हो रही है।
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इस अवसर पर राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने आशिवर्चन देते हुए कहा कि लोगों की सेवा करना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। जिस मनुष्य के जीवन में सुख शांति और आनन्द नहीं है वह दूसरों की रक्षा नहीं कर पायेगा। सभी मानवाधिकार संगठनों को चाहिए कि वे एक मंच से मनुष्यों के अन्दर मूल्यों का संचार करें। इससे ही समाज का कल्याण होगा। कार्यक्रम में संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, केन्द्रिय मानवाधिकार संगठन मध्य प्रदेश के राज्य प्रभारी तेजकरण चौहान, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।

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सामाज के आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें: शर्मा
आईटी व्यावसायियों के सम्मेलन में जुटे प्रतिनिधि

आबू रोड, 7 जनवरी, निसं। आज पूरी दुनिया मुट्ठी में हो गयी है। सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से विश्व के किसी भी कोने में कुछ ही मिनटों में सूचना का आदान प्रदान सम्भव है। परन्तु मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक विकास के लिए आध्यात्मिकता को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। उक्त उदगार क्यूए इंफोटेक के संस्थापक तथा सीईओ मुकेश शर्मा ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के मनमोहिनीवन ग्लोबल आडिटोरियम में आयोजित आईटी व्यवसाय के लिए आयोजित सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे।​ ​

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उन्होंने ​​आईटी प्रोफेसनल्स का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य को आंतरिक विकास और आन्तरिक सूचना के प्रवाह पर सोचना चाहिए​​। क्योंकि जब अन्दर का प्रवाह ठीक रहता है तभी बाहर की संचार व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलेगी। इसलिए राजयोग मेडिटेशन एक ऐसा शस्त्र है जिससे ही इस पर इस तरह की आंतरिक प्रकियाा को आगे बढ़ाया जा सकता है। आज जरूरत है कि लोगों में भाईचारा और प्रेम बढ़ाने पर कार्य किया जाये।

​सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे​ तन्मय चक्रबर्ती ​, ग्लोबल हेड, टी सी एस, दिल्ली​​ ने ​कहा कि आई टी प्रोफेसनल्स को तकनिकी के साथ मैडिटेशन पर जोर देना चाहिए​। ​
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच आज हर किसी के पास तक है। परन्तु मरती मानवीय संवेदना चिंता का विषय है। जरूरी है कि हम सब मिलकर समाज और परिवार में व्यक्तिगत स्तर पर आध्यात्मिक शक्ति के आत्मसात के लिए प्रयास करें। परमात्मा ने हमें एक अच्छा अवसर दिया है। इसका उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर संस्था के महासचिव राजयोगी बीके निर्वेर ने कहा कि आज हर किसी के हाथ में आधुनिक तकनीकी से लैस मोबाईल और यंत्र है जिससे वह हर पल दुनिया से जुड़ा रहता है। परन्तु सूचनाओं के जाल में इतना लुप्त हो गया है कि उसका जीवन केवल पुतला बनकर रह गया है। आंतरिक सूचना तंत्र को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए​​।
कार्यक्रम में जेनपैक्ट उपाध्यक्ष तथा ग्लोबल आपरेटिंग लीडर आलोक अग्रवाल ने कहा कि आज सूचना के प्रवाह में गलत सूचनायें ज्यादा प्रसारित हो रही है जिससे समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में लगातार बड़ी संख्या में युवाओं के उपर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में राजयोग का अभ्यास जरूरी है। इस अवसर पर आईटी प्रभाग की अध्यक्षा डा0 बीके निर्मला, कोआर्डिनेटर बीके यशवन्त पाटिल, आईटी विंग की फैकल्टी कोलकाता की बीके पदमा समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।

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डॉ सोमनाथ वडनेरे को २०१६ का उत्कृष्ट पत्रकार पुरस्कार
न्यू मीडिया टेक्नॉलॉजी, नशामुक्ती तथा सामाजिक विषयपर प्रभावी लेखन हेतु सन्मानित

जलगांव : (दि. ६ जनवरी – पत्रकार दिवस) जलगांव जिला पत्रकार संघ का वर्ष २०१६ का उत्कृष्ट पत्रकार पुरस्कार जलगांव के डॉ. सोमनाथ वडनेरे को प्रदान किया गया । उन्हे न्यू मीडिया टेक्नॉलॉजी, नशामुक्ती, पर्यावरण रक्षा, बेटी बचाव तथा अन्य सामाजिक विषय पर प्रभावी लेखन हेतु पत्रकार दिवस के अवसर पर विशेष समारोह में सम्मानित किया गया ।

मराठी प्रथम समाचार पत्र दर्पण के आद्य पत्रकार बालशास्त्री जांभेकर का जयंती दिवस महाराष्ट्र में पत्रकार दिवस के रुप में मनाया जाता है, इस अवसपर पर जलगांव जिला पत्रकार संघद्वारा सन २०१६ में विभिन्न विषयोंपर सर्वाकृष्ट लेखन करने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है, इस वर्ष डॉ. सोमनाथ वडनेरे को सम्मानित किया गया । उन्होंने जलगांव जिला तथा राज्यस्तरीय विभिन्न समाचार पत्रों में न्यू मीडिया टेक्नॉलॉजी, नशामुक्ती, पर्यावरण रक्षा, बेटी बचाव तथा अन्य सामाजिक विषय पर प्रभावी लेखन किया । जिला पत्रकार भवन के हॉल में नागपूर के ज्येष्ठ पत्रकार चंद्रकांत वानखेडे, विधायक सुरेश भोळे, विधायीका स्मिता वाघ, जलागंव जिला पत्रकार संघ के अध्यश दिलीप तिवारी, ज्येष्ठ पत्रकार अनिलदादा पाटील, पूर्व अध्यक्ष उदय वाघ, विजय बापू पाटील, लोकमत के व्यवस्थापक प्रविण चोपडा तथा अन्य मान्यवरों द्वारा उनका सम्मान किया गया ।

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INAUGURAL CEREMONY OF PRABHU UPAHAR RETREAT CENTRE (PURC)

 

Brahmapur (Odisha)​: The Prabhu Uphar Retreat Centre (PURC) Ramchandrapur, Brahmapur has been inaugurated by the Bro. Rajyogi Brijmohan Add.Sect.Geneal of BrahmaKumaris & Rajyogini BK. Asha Director of ORC Gurgaon on 21-12-2016. In addition to this Gyan Nidhi Bhawan for Bk Sister Residence, Gyan Smurti Bhawan New Retreat Participation ,Gyan Sudha Bhawan for Dinning Hall & Gyan Sidhu Bhawan which includes Meditation Hall Art Gallery Dormitory, Seminar Hall .Besides Prabhu Uphar Auditorium have been a capacity of 1500 persons having  Light Sound  arrangement with the facilitate of Translation 5 different language.

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In  this occasion a conference on God’s  Wisdom for World Transformation in which as a chief Guest Bro. Pradeep Ku.Panigrahi, Minister of Higher education & science &Technology, Odisha. Honorable Guest Bro. Dr.Rajendra Pasad Dash Vice Chancellor,Berhampur university. Chief Guest said that in this Kaliyog world the great turmoil ,depression ,mental conflict,& evil sanskara has been increased to its maximum capacities. Only the power of the knowledge by revealed by Supreme Soul Shiva will solve all the  above problems, V.C  said the Education taught in present  universities   is not enough to control the face the day to day problems. Hence this Bk Universities can help in creating of better world through their spiritual teaching.

The key note speaker Rajyogi Bk Brij Moham Bhai has told  the truth of who Am I& where I have come form and the difference between I & mine. Rajyogini Bk Asha blessed the audience and told  to  take the benefit of Spiritual teachings  taught by this Reterat Cenetre from time by time.

 

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दादी जानकी के 101 वर्ष होने पर समारोह, बड़ी संख्या में लोगों ने दी बधाई

आबू रोड, 2 जनवरी, निसं। मनुष्य का जीवन लम्बा हो या छोटा यदि वह दूसरों की सेवा में काम ना आये तो व्यर्थ है। दीर्घायु का मतलब ही है लोगों की सेवा करना, इससे व्यक्ति का तन और मन निरोगी बनता है। उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने व्यक्त किये।

​​दादी जानकी के 101 वर्ष पूर्ण होने आयोजित समारोह में देश और दुनिया से आये हजारों लोगों को सम्बोधित कर रही थी।

उन्होंने देश और दुनिया से आये हजारों लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन में हमेशा श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए। क्योंकि इससे मनुष्य के जीवन में सर्वांगिण स्वास्थ्य बनता है। इससे मनुष्य की उम्र ही दीर्घायु होती है। राजयोग से जीवन में सुख और शांति का संचार होता है। जीवन को महान बनाना है तो आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाना चाहिए।

संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी ने कहा कि दादी ने यह सिद्ध कर दिया कि राजयोग और आध्यात्मिक शक्ति से लम्बी उम्र होती है। प्राचीन काल में भी ऋषियों मुनियों ने भी अपने जीवन को महान और दीर्घायु बनाता है। परमात्मा हम सबका पिता है इसलिए इससे शक्ति लेनी चाहिए। दादी का जीवन हमेशा लोगों की सेवा में रहा। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि दादी का जीवन नारियों के कल्याणअर्थ रहा। पूरे विश्व में दादी ने आध्यात्म और राजयोग का परचम फहराया है।

इस अवसर पर संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युुंजय, सूचना निदेशक बीके करूणा समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए दादी को दीर्घायु होने की कामना की।
एक सौ एक फीट की माला: इस अवसर पर राजयोगिनी दादी जानकी जी को एक सौ एक फीट की लम्बी गुलाब की माला पहनायी। गयी जिसमें माहौल बिल्कुल भावपूर्ण हो गया।

 

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