Home News National News Media Conference Inaugurated in Mt Abu

Media Conference Inaugurated in Mt Abu

0 1268

1 2 3 4  5 8 6 7

 

योग को धर्म से जोडऩे का प्रयास ना करें मीडिया – प्रसाद

न्यायमूर्ति के.सी. प्रसाद ने उदघाटन कर किया तीन दिवसीय मीडिया सम्मेलन का आगाज

माउण्ट आबू, 6 जून, भारतीय प्रैस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति के.सी. प्रसाद ने योग एवं अध्यात्म की प्रगति में मीडिया को सकारात्मक सहयोग करने का आह्वान किया है। ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान सरोवर परिसर में मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महासम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यअतिथि के रूप में अपने संबोधन में माननीय प्रसाद ने कहा कि योग एवं आध्यात्म भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अक्षुण्य अंग है। अनेकता में एकता के मजबूत धरातल पर कायम इस महान देश ने अब पूरे विश्व में योग विद्या का प्रसार करने की ठानी है। निसंदेह योगाभयास से असंख्य लोगों ने न केवल शारीरिक विकारों से मुक्ति पाई है, बल्कि उनकी दिनचर्या पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अत: मीडिया का यह नैतिक धर्म बनता है कि वह इसके प्रचार प्रसार में सहयोगी बनकर सामाजिक क्रांति लाए।

               प्रेस परिषद की भूमिका के विषय में अन्य वक्ताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया में श्री प्रसाद ने कहा कि प्रेस परिषद मीडिया के लिए आचार संहिता तैयार करने व उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध तो है लेकिन ऐसी संतुलित नीति भी अपनानी होगी कि मीडिया की स्वतंत्रता के मामले परिषद पर कोई आक्षेप न आए। इससे पूर्व सम्मेलन के उदघाटन के लिए दीप प्रज्जवलित करने में न्यायमूर्ति प्रसाद का साथ संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी व अनेक प्रमुख पत्रकारों ने दिया।

                दादी रतनमोहिनी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि योग एवं अध्यात्म की प्रगति में मीडिया अहम भूमिका निभा सकता है। जिस प्रकार अन्य राष्ट्रीय अभियानो की सफलता में मीडिया की भूमिका सराहनी य रही है उसे देखते हुए विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि नई जिम्मेदारी निभाने के लिए भी मीडिया देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। शिव शक्ति नृत्यशाला एवं ललितकला निकेतन बैंगलोर के संचालक राजू भाई व सहयोगी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्री गणेश वंदना से उदघाटन सत्र की शुरूआत हुई। बिलासपुर की कुमारी गौरी ने नृत्य द्वारा भारत के विभिन्न प्रांतों एवं नेपाल से आए मीडिया कर्मियों का स्वागत किया। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष ब्र.कु. ओमप्रकाश ने कहा कि विकारों व अज्ञानता से ही अशांति उत्तन्न होती है। ऐसे में यदि योग एवं अध्यात्मिकता को जीवन में धारण करें तो सभी बुराईयों से छुटकारा पाया जा सकता है। प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक ब्र.कु. आत्मप्रकाश ने कहा कि विज्ञान ने मानव को बहुत कुछ दिया। लेकिन प्राकृतिक आपदाओं, व्याधियों, दुर्घटनाओं हिंसा एवं पर्यावरण प्रदूषण में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। इसका मूल कारण देह अभिमान है। जिससे मुक्ति पानी होगी। जिस  प्रकार हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और सूचना प्रौधोगिकी क्रांति लाने में मीडिया सारथी बना उसी तरह अब आध्यात्मिक क्रांति का भी इसे ध्वजवाहक बनना चाहिए।

                मीडिया इनिशिएटिव फॉर वैल्यूज संस्था के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. कमल दीक्षित ने अपने संबोधन में  कहा कि पूर्व एवं पश्चिम के अंतराल को पाटने की शक्ति मीडिया में है। भारत की वर्तमान स्थिति के रूपांतरण

की आवश्यकता है और इसके लिए मीडिया संवाद सेतु बन सकता है। प्रेस परिषद के सदस्य राजीव रंजन नाग ने कहा कि विश्व में योग व शाकाहार के प्रति दीवानगी तेजी से बढ़ रही है और यह दोनों भारतीय सभ्यता एवं सस्कृति की देन है। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा से प्रभावित मीडिया यदि योग एवं अध्यात्म को अपनाए तो सभी दवाओं से राहत पा सकता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलपति डा. एम.एस. परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ से 21 जून को योग दिवस मनाने का अनुमोदन करवाकर पुण्य कार्य किया है। सकारात्मक सोच से शुरू किए जाने वाले प्रत्येक कार्य में सफलता निश्चित है। हमें श्रीमद भागवत गीता ने निर्भयता, अंतकरण की शुद्धता और ज्ञान प्राप्ति के लिए एकाग्रता का संदेश दिया, उसे जीवन में धारण करने के लिए योग सशक्त माध्यम बन सकता है। डा. परमार ने मांग की है कि प्रैस परिषद के स्थान पर मीडिया परिषद का गठन किया जाए जिसे न्यायिक अधिकार प्राप्त हों। ऐसा करने से ही इलैक्ट्रोनिक मीडिया को आचार संहिता के पालन के लिए वाध्य करना संभव हो पाएगा।