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Mount Abu – दादी रत्नमोहिनी का 95वां जन्मदिवस समारोह – वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने दिया सम्मान

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वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने ब्रह्मा कुमारी संस्था की ज्वाइंट हेड दादी रत्नमोहिनी को दिया सम्मान

-आध्यात्म के जरिये मानवता की सेवा को सराहा

-देश-दुनिया से दादी को जन्मदिन की बधाई

-95 वर्ष की आयु में युवा विंग का करती हैं नेतृत्व

आबू रोड (राज.)। ब्रह्मा कुमारी संस्था की ज्वाइंट हेड, राजयोगिनी दादी रत्नमोहिनी का 95वां जन्मदिवस समारोह, आबू रोड स्थित संस्था के मुख्यालय में भव्य तरीके से मनाया गया। डायमंड हॉल सभागार में आयोजित इस समारोह में 20 हजार मोमबत्तियां प्रज्ज्वलित की गईं, जो एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। ये मोमबत्तियां इस बात की प्रतीक थीं कि कैसे दादी जी के प्रयासों और उनके आध्यात्मिक ज्ञान से हजारों जिंदगियां रोशन हुई हैं और हो रही हैं। इस विशेष मौके पर दादी को बधाइयां देने हजारों लोग पहुंचे थे, जिनमें हाईकोर्ट के अधिवक्ता अश्विन त्रिवेदी भी थे। अश्विन ने आध्यात्मिक जागरूकता एवं जनमानस में मानवता, पवित्रता, शांति लाने से संबंधी सेवाओं और बहुमूल्य योगदान के लिए दादी रत्नमोहिनी को लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओऱ से एक सम्मान पत्र सौंपा।

इस खास अवसर पर छोटी कन्याओं द्वारा बेहद खूबसूरत नृत्य की प्रस्तुति हुई। इसके अलावा, केक काटने की एक सुंदर रस्म भी अदा की गई। मौके पर उपस्थित ब्रह्मा कुमारी संस्था के महासचिव बीके निरवैर ने दादी जी की लंबी एवं स्वस्थ आयु के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। दादी जी के साथ पिछले 60 वर्षों के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बीके निरवैर ने कहा कि वे 1959 से आध्यात्मिक शिक्षक रही हैं। मुरली पढ़ना एवं आध्यात्मिक संदेश देना, उनकी विशेषताएं रही हैं। विदेश में सेवा करने के दौरान भी दादी जी की आध्यात्मिक प्रतिबद्धता मिसाल से कम नहीं रही। वह ब्रह्मा कुमारी की अद्भुत उदाहरण हैं, जो चीर युवा हैं। संस्था के युवा विंग का नेतृत्व करती हैं। इनकी अवस्थ हमेशा धीर व स्थितप्रज्ञ जैसी रहती है। सराहना व पुरस्कार भी इनके मन की स्थिति को अस्थिर नहीं करते।

समारोह में उपस्थित ब्रह्मा कुमारी संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि रत्नमोहिनी दादी एक अद्भुत सितारे की तरह चमकती हैं। वे न सिर्फ विनम्र हैं, बल्कि हर किसी के लिए सुलभ हैं। कोई भी उनसे संपर्क कर सकता है। इनकी शक्तिशाली आवाज और वाणी, इनकी शक्तिशाली आत्मा की परिचायक है। यह हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। आत्मिक स्थिति में रहने के कारण इन पर उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

इस दौरान बीके मुन्नी, बीके मृत्युंजय, इशू दादी ने भी अपने संदेश और बधाइयां दी। कार्यक्रम में दादी रत्नमोहिनी को लेकर बनी एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें उनके जीवन वृतांत, सेवाओं व सम्मानों का उल्लेख था। दादी जी का यही प्रेमपूर्ण भाव सभी को जोड़कर रखता है। यह उनकी आंतरिक शक्ति को भी प्रतिबिंबित करता है। यही कारण रहा कि शांति वन के अलावा देश और विदेश से उनके लिए बधाई संदेशों का तांता लगा रहा।