विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षाविदों का महासम्मेलन
अध्यात्म और मूल्य शिक्षा से आती है जीवन में शान्ति
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षाविदों का महासम्मेलन
ज्ञान सरोवर (आबू पर्वत)। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री तथा निर्देशक दिव्या खोसला कुमार ने ब्रह्माकुमारीज शिक्षा प्रभाग द्वारा `मूल्य एवं आध्यात्मिकता द्वारा जीवन में उत्कृष्टता’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत वह महान भूमि है जहाँ से आध्यात्मिकता का जन्म हुआ है। मेरा अपना अनुभव यह है कि जब तक मैंने भगवान को अपने जीवन की बागडोर सौंपकर उसकी याद को अपने साथ रखकर जीवन जिया तो उसमें सफलता भी प्राप्त हुई और जीवन की शांति भी कायम रही। लेकिन जब फिल्म जगत में हर कदम सफलता मिलती गई और मैं नई-नई फिल्मों में व्यस्त होती गई और पूरी तरह जब मैं भौतिक जगत में रम गई तो पाया कि इसमें ना तो सुख है और ना ही शांति। मेरी एकाग्रता व शांति भौतिकवादी दुनिया ने छीन ली। रात को नींद भी आनी बंद हो गई। इस दौरान मैंने अपने जीवन में सब कुछ होते हुए भी खुद को अंदर से खाली महसूस किया, तब मैंने दिल्ली स्थित ब्रह्माकुमारी सेंटर पर जाकर कुछ दिन रहकर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कर वापस खुद को आंतरिक शांति व खुशी से भरपूर किया। आध्यात्मिकता द्वारा ही आप स्वयं को ईश्वर के सानिध्य में सुरक्षित अनुभव कर सकते हैं।
सोमानी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एण्ड मैनेजमेंट, रेवारी के डायरेक्टर डॉ. यशपाल सिंह ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था एकमात्र ऐसा विश्व विद्यालय है जो विश्व को मूल्यों की शिक्षा प्रदान कर रहा है। युवा पीढ़ी को यह आध्यात्मिक शिक्षा मिल सके, इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए। रोटी, कपड़ा और मकान से लेकर लोग धीरे-धीरे अपनी आकांक्षाओं को बढ़ाते जाते हैं। मगर इस दौड़ के अंत में उनको शांति की जरूरत होती है। शांति के लिए मूल्यों को अपनाना पड़ता है। मुझे इस स्थान पर स्वर्ग नजर आता है।
उत्तर ओडिसा विश्वविद्यालय में पी.जी. कौंसिल की अध्यक्षा प्रो.एम. हेमबिन्दु ने कहा कि स्वयं को सही रीति जानकर व अपनी नकारात्मकता को दूर करके ही अपने कार्य के प्रति न्याय कर सकते हैं। जीवन में मूल्यों की धारणा के आधार पर ही व्यक्ति सभ्य माना जाता है। आज का मानव अपूर्ण है क्योंकि वह इन मूल्यों से सर्वथा दूर है। अनेक कर्मकाण्डों को जीवन में अपनाकर भी हम स्वयं में मूल्यों व अध्यात्म को आत्मसात नहीं कर पाए। खुद के आत्मिक स्वरूप को अनुभव कर ईश्वर से जुड़ना ही अध्यात्म है। इससे ही सफलता व मूल्य जीवन का श्रृंगार बनेंगे।
ब्रह्माकुमारी॰ज शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्र.कु. मृत्युंजय ने कहा कि मूल्य व आध्यात्मिक शिक्षा द्वारा ही मनुष्य भय, रोग, शोक, पाप व दुःखों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। अध्यात्म से ही बुद्धि में दिव्यता व मन में सकारात्मकता आती है। अध्यात्म से ही जीवन में पवित्रता आती है।
दिल्ली पाण्डव भवन से पधारी ब्र.कु. पुष्पा ने कहा कि आप सभी शिक्षक महान हैं क्योंकि आप देश के भविष्य बच्चों को शिक्षित करते हैं। हम सभी एक परमात्मा की संतान हैं तो हम सभी को प्रेम और शांति से मिलकर जीना चाहिए। हमें भौतिकवाद के अतिरेक से बचकर जीवन में अध्यात्म के आधार पर मूल्यों को अपनाना चाहिए। स्वयं को आत्मा जानकर परमात्मा से योगयुक्त होने पर ही जीवन मूल्यवान बनता है।
ब्रह्माकुमारीज मूल्य शिक्षा के निदेशक ब्र.कु. पाण्ड्यिमणि ने ब्रह्माकुमारी॰ज शिक्षा प्रभाग द्वारा की जा रही ईश्वरीय सेवाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आठ वर्ष पूर्व हमने अन्नामलाई विश्वविद्यालय से युक्त होकर मूल्य और अध्यात्म पर एम.एस.सी. और एम.बी.ए. का पाठ्यक्रम शुरू किया है। अन्य विश्वविद्यालयों से भी जुड़कर अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। आज आठ भाषाओं में यह कार्यक्रम दिये जा रहे हैं। जेल में भी यह पाठ्यक्रम पढ़ाये जा रहे हैं।