Gyanamrit July’16
मूल्यों को धारण करके समाज को स्वस्थ और सुखी बना सकेंगे : राजयोगिनी चक्रधारी दीदी
ज्ञान सरोवर ( आबू पर्वत ),02 जुलाई २०१६। आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था , महिला प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था -” स्वस्थ और सुखी समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका ” . दीप प्रज्वलित करके इस सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।
ब्रह्मा कुमारीज महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने कार्य क्रम में अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया . आपने कहा कि हम सभी आत्माएं हैं . चैतन्य शक्ति आत्माएं . आध्यात्मिकता से जुड़ने की यह पहली शर्त है.
हमें यह जानने का प्रयत्न करना चाहिए की कभी संसार में स्वस्थ और सुखी समाज था ? हम जानते हैं की कभी भारत सोने की चिड़िया था . तब बाघ और बकरी एक ही घाट पर पानी पीते थे . सोचिये की तब का इंसान कैसा रहा होगा ?
वो थी देवभूमि . तब देवी देवताओं समान इंसान थे . समाज स्वस्थ था -सुखी था .
प्रकृति और पुरुष का यह खेल है . प्रकृति हमारा तन है जो प्रकृति में ही मिल जाता है . पुरुष यानि आत्मा अजर अमर है . इसकी ही मुख्य भूमिका है . खुद को अभिनेता मान कर – स्त्री पुरुष नहीं – अपनी भूमिका का निर्वाह करने से जीवन मूल्य वान बनता है और संसार देवभूमि . आज के संसार को भी हम स्वस्थ और सुखमय बना सकेंगे – मूल्यों को आत्मा में भर कर . आत्मिक भान से परमात्मा से युक्त होकर उनसे दिव्यता प्राप्त करके सम्पूर्णता धारण करके -जीवन को सफल बना सकेंगे .
मध्य प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती लता वानखेड़े ने आज का उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया . आपने कहा कि नारी शक्ति से ये जहान है और नारी शक्ति से सुसज्जित हिन्दुस्तान है . ब्रह्मा कुमारीज इस कलियुग में सतयुगी शिक्षाएं दे रही हैं . इनका प्रयास महान है . यह एक विराट संस्थान है . इनके अभियान के प्रति मैं नत मस्तक हूँ . नारी हर तरह से महान है . दुनिया में इनका कोई मुक़ाबला नहीं है . समाज के हर विभाग में आज वो आगे ही आगे है .
मगर सामजिक कुरीतियों ने महिलाओं को दुखो में झोंका है . उनको आगे लाने के लिए हम सभी महिलाओं को तन मन से आगे आकर उनकी मदद करनी होगी . राष्ट्र हित के लिए हम नारियों को दुर्गा ,काली , कल्पना चावला बन कर दुनिया को दिशा देनी है . हम सभी संकल्प लें की जन जन में फ़ैली कुरीतियों को समाप्त कर नारियों को विश्व मंच पर लाएंगी .
झारखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डॉक्टर महुआ मोजी ने मुख्य अतिथि की भूमिका में अपना वक्तव्य दिया . आपने कहा कि मैं संस्था की आभारी हूँ . यहां मैंने परम शांति का अनुभव किया है . संसार आज शांति के लिए भटक रहा है . सभी को शांति चाहिए . मगर कैसे ? आज हमारा समाज डरा हुआ है . महिलाएं हमारे झारखंड की काफी पिछड़ी हुई हैं . अशिक्षित हैं . प्रताड़ित की जा रही हैं . उनको डायन बता कर मारा जा रहा है . माहौल काफी दुखद है . ठगी जा रही हैं भोली महिलाएं .
जड़ में है उनकी अशिक्षा . उनकी कमजोरी . उनको शिक्षित होना होगा . उनको अपना जीवन उत्तम बनाना होगा . तभी हो पाएगा उनका उद्धार . हर वर्ग की महिलाओं को सुसंस्कृत बना कर स्वस्थ और सुखी समाज बनाया जा सकेगा .
अखिल भारतीय महिला लीग , अमदाबाद चैप्टर की अध्यक्षा संजीता सिंह नेगी ने विशिष्ठ अतिथि के बतौर अपना व्याख्यान दिया . कहा कि आज की महिलाएं द्विविधा में ग्रस्त हैं . समझ नहीं पाती की वे देवियां हैं या साधारण महिलाएं . हमें हमारी शक्तियों का पता नहीं . इसकी महसूसता नहीं होती . हमें क्या करना होगा की समाज सुखी और स्वस्थ बने ? हमें पहले अपने अंदर शक्तियों को महसूस करना होगा . आज भी भारत में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव बना हुआ है . ब्रह्मा कुमारीज हमारे अंदर श्रेष्ठता की भावनाएं भर देती हैं . अपनी दिनचर्या को सुधार कर , अपने को स्वस्थ बना कर हम समाज को सुधार सकेंगी .
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्मा कुमारी शीलू बहन ने अपना उदगार मुख्य वक्ता के रूप में प्रकट किया . आपने कहा कि आज का हमारा समाज पूरी तरह तनाव ग्रस्त है . यहाँ तक की बच्चे भी तनाव झेल रहे हैं . समाज सुख शांति का जीवन चाहता है मगर वैसा कर पाने में समाज असमर्थ है . अब एक बड़ा प्रश्न है की इन परिस्थितियों के लिए दोषी कौन है ? कहीं न कहीं समाज की ऐसी स्थिति के लिए मेरा अपना भी थोड़ा योगदान तो है ही . अतः मुझे भी अपने आप में सुधार लाना ही होगा .
इसमें कोई शक नहीं की भारत में नारियों का काफी सम्मान है . दुर्गा -काली -सरस्वती आदि आदि देविओं के रूप में इनकी पूजा होती है हर घर में . अगर महिलाएं फिर से अपने जीवन में देवत्व का भाव लाएं तो पूज्य बन सकती हैं . भारत एक बार फिर से स्वर्ग बन सकता है . नारियां मूल्यों को सहज ही अपना सकती हैं . इससे समाज सुखी और स्वस्थ बनेगा .
On the second anniversary of International Day of Yoga as declared by the United Nations, Brahma Kumari Sr Dr Hemlata was presented with an award by Mr Deoraj Teemul chairman of the Yoga Week Celebrations on Sunday June 26th at the NCIC auditorium in Chaguanas. Dr Hemlata is the Spiritual Head of the Brahma Kumaris Raja Yoga Centre located on Pointe a Pierre Road, San Fernando and has been teaching the art of meditation for the past 49 years.
In 2014, doctor Hemlata also received a National Gold Award from His Excellency the president Anthony T.A. Carmona for her contribution to the development of women. Born in Hyderabad, India and migrated to Trinidad in 1979 as a yoga teacher, sister Hemlata has empowered families and touched the lives of thousands of persons through her practical experiences gained through her yoga practices.
Yoga Day was a proposal of the Prime Minister of India Mr Narendra Modi when he addressed the United Nations General Assembly on September 27th 1914. The 193 member United Nations General Assembly (UNGA) on December 11th 2014 approved by unanimity a resolution establishing June 21st as International Day of Yoga.
A series of events dedicated to the International Day of Yoga in St. Petersburg, Russia
21-26 June, 2016
“Raja Yoga is not about tough physical exercises or religious practices. Rather it is a lifestyle based on understanding our inner self as a sentient, thinking entity and directing our thoughts towards the Supreme for developing the powers of purity, peace and love”, said BK Raju, national coordinator of the Rural Development Wing (Brahma Kumaris HQ, Mount Abu), speaking at a seminar in St. Petersburg, Russia, on the occasion of the International Day of Yoga (IDY).
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It’s for the second time already that the Yoga Day is being celebrated in Russia as well as worldwide. This year the series of festive events organized on this occasion by St. Petersburg Brahma Kumaris Centre were graced with the presence of our respected BK Atam Prakash, editor-in-chief of “Gyan Amrit” and “World Renewal” magazines, a yogi with almost 60 years of meditation experience, and BK Raju, who has been doing tireless service in Madhuban, the Brahma Kumaris Headquarters, since early 1970s. All the regular BK students of St. Petersburg as well as 70 BKs from 14 cities of Russia and Belarus took part in the celebrations.
The series of events dedicated to IDY introduced a wide range of aspects required for a healthy and harmonious life: physical and mental fitness, healthy diet, balanced lifestyle and an attitude of gratitude towards our mother nature.
Outdoor Exercises. For almost a week, white-clad yogis of every age group from little children to 80-year old great-grandmothers would gather in the Brahma Kumaris Peace Park early in the morning to spread the wave of positivity and freshness in the atmosphere of the predominantly bedroom neighbourhood, the majority of residents of which were still in their beds! Light physical exercises with elements of dance and a round of jogging to variety of beautiful musical tunes were sending the message of waking up mentally and physically and enjoying the life. And even rainy weather could not become a hindrance for the enthusiastic yogis. Practicing the Surya Namaskar (the posture of revering the Sun) under the drizzling rain was a scene truly worth seeing!
Healthy Food Festival. The Day of Yoga was marked with a session “The Gift of Nature” dedicated to the impact of what we eat on what we think, decide and do. The topic of the importance of pure vegetarian diet for our spiritual, physical and social health was introduced in a creative and entertaining way. A short comedy drama “Nightmare with a Happy Ending” made everyone think of a situation unique, yet not quite impossible: two cannibals having read a bestselling book on why meat is so important for man’s diet, decide to eat – – – the author of the book! Luckily for him, he wakes up from his scary dream to rethink his idea of healthy food habits. The audience enjoyed songs, dances and video recipes shown to them by BK students. And surely there were not just virtual video recipes there! A Taste Test of delicious vegetarian dishes (or rather a feast!) became the culmination of the event.
Yogic Farming. A seminar on “Sustainable Yogic Farming” held in Lighthouse, the BK Centre in St. Petersburg, became a friendly and informative dialogue of scientists, science reporters, environmentalists and farmers. It was a joined project of the BKs and St. Petersburg State Agricultural University so the students and teachers of this educational institution also took part in the session. “I have always had deep love for India. I am sure that meditation and yoga are among those paths that will enable the humanity to survive amidst this global crisis”, said Mr. Oleg Mukhin, vice-president of the Russian Astronautic Federation addressing the audience. Br. Raju described how in the “Sustainable Yogic Farming” project carried out by the BK Rural Development Wing in co-operation with several state universities of India, soil fertility and nutritional qualities of the crop were increased by using the physical energy of organic fertilizers (compost, manure etc) and the metaphysical energy of Raja Yoga meditation.
occasion of International Day of Yoga on 21st June,2016, we were invited by the Governor of Maharashtra- Hon.Shri. S.Vidyasagar Rao, to host a large scale program.
Our center was representated by B.K.Rukmini (center In-Charge) and B.K.Puravi, both gave speeches on the significance of meditation and engaged the auidience in the experience of Rajyoga Meditation.
Chief Guest: Sh. Sanjay Tandon, State President of BJP, Chandigarh
Guest of Honor: Dr. Rakesh Sharma, Director, AYUSH, Punjab
Key Speaker: Rajyogini BK Sheilu Didi JI, Director Rajyoga Shivir, Mount Abu.
Guest: Hon’ble Justice AN Jindal JI (Retd.), Chairman VAT Tribunal, Punjab.