Grand Sewa was done during Mega Dusshera Programme at Mandideep(Bhopal). Brahmakumaris was asked to perform for 2 hours cultural Programme during Dusshera Ceremony. Brahmakumaris was honoured by Tourism and Culture Minister of MP Govt Sh. Surendra Patwa, Hindu Ursav Samiti and Municipal Corporation Mandideep. Around 1 Lac audience was present during the Programme.
आध्यात्मिक शक्ति ही लायेगी विश्व में शान्ति – अरविन्द केजरीवाल
अशान्ति का कारण अहंकार, स्नेह और सेवा भाव ही शान्ति का आधार – दादी जानकी
शान्ति आत्मा का निजी गुण है जो सदा साथ है – बी0के0 शिवानी
नई दिल्ली, 25 अक्टूबरः दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मानव जीवन और समाज में शान्ति, सदभावना, सहयोग और समृद्धि का वातावरण पुर्नस्थापित करने के लिए आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति और प्रयोग जरूरी है। अध्यात्म प्रधान देश भारत ही इस दिशा में नेतृत्व प्रदान कर सकता है एवं विश्व शान्ति तथा विश्व बन्धुत्व के लिए पहल कर सकता है।
यह उदगार उन्होंने आज शाम को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्थानीय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम ऑडिटोरियम में ’राजयोग द्वारा विश्व शान्ति’ विषय पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज के समाज में गिरते हुए मूल्यों की रोकथाम प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच, विचार, दृष्टिकोण एवं व्यवहार में सच्चाई, सफाई एवं ईमानदारी आदि नैतिक मूल्यों को समावेश करना होगा, इसके लिए आध्यात्मिकता एवं मेडिटेशन के आधार से आत्मबल, आत्म विश्वास एवं आत्म साहस को अपनाना होगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मानव का सबसे बड़ा शत्रु देह अंहकार है जिससे काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि मनोविकार उत्पन्न होते हैं। वही जीवन में दुख, अशान्ति एवं सर्व समस्याओं का मूल कारण है।
उन्होंने कहा कि जीवन में सच्चा सुख, शान्ति एवं आनन्द की अनुभूति के लिए आत्मा-परमात्मा का ज्ञान एवं राजयोग का अभ्यास जरूरी है जिससे आपसी स्नेह, सहयोग, भाईचारा एवं सेवा भाव पैदा होता है और वह ही सुखमय संसार का आधार है। उन्होंने कहा कि राजयोग एक ऐसी सहज, सरल एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसे सांसारिक कृतव्य करते हुए भी किया जा सकता है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी जी ने अपने आर्शिवचन देते हुए कहा कि अपने वास्तविक स्वरूप ज्योर्तिबिन्दु आत्मा और उसके मौलिक गुण जैसे कि पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख आदि के चिन्तन से ही सर्व गुणों के सागर निराकार परमपिता परमात्मा की स्मृति आती है जिससे हमारे अन्दर रूहानी शक्ति एवं समर्थी जागृत होते है। इन्हीं आत्मिक शक्ति को ही आध्यात्मिक शक्ति कहा गया है जिसको अपनाकर हम अपने वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। उन्होंने सभी को कुछ मिनट राजयोग ध्यान द्वारा आन्तरिक शान्ति एवं शक्ति की भी अनुभूति करायी।
इस अवसर पर विभिन्न धर्मों एवं पन्त के नेताओं ने दादीयों का पुष्प गुच्छ देकर अभिनन्दन किया तथा उपस्थित जनसमूह को शान्ति का सन्देश दिया।
इस कार्यक्रम के शीर्षक पर आयोजित एक टॉक शो को सम्बोधित करते हुए सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी ने कहा कि शान्ति एक मानसिक स्थिति है जो आन्तरिक गुण एवं परमात्म चिंतन से प्राप्त होती है। यह सदा हमारे साथ है न की बाहर ढूढने की चीज है।
आन्तरिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए राजयोग मेडिटेशन आवश्यक है -दादी जानकी
आध्यात्मिक सशक्तिकरण ही सर्वांगीण विकास की कुंजी है – श्री पी0जे0कुरियन
नई दिल्ली, 24 अक्टूबरः प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आज शाम को पार्लियमेन्ट हाउस ऐनेक्सी में संयुक्त रूप से ’आन्तरिक शक्तियों के विकास’ विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संयुक्त राष्ट्र की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा पिछले सात दशकों में संयुक्त राष्ट्र और ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा समाज में मूल्यों और शांति की पुनर्स्थापना की दिशा में गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने आर्शिवचन में कहा कि आन्तरिक शक्तियों को विकसित करने के लिए सत्यता, शान्ति और प्रेम जैसे बुनियादी मूल्यों का जीवन में अपनाना होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन एवं सामाज में खुशहाली लायी जा सके। उन्होंने कहा कि स्वयं में और समाज में आंतरिक शक्तियों, स्वास्थ्य, सद्भाव और खुशी को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग ध्यान का अभ्यास आवश्यक है।
मुख्य अतिथि के रूप में राज्य सभा के उपाध्यक्ष श्री पी जे कुरियन ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अर्न्तराष्ट्रीय शान्ति स्थापना एवं विकासात्मक भूमिकाओं की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य और मानव अधिकार के लिए काम करने के साथ-साथ यह संघ लोगों के आध्यात्मिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे जो कि सर्वांगीण विकास की कुंजी है पर भी ध्यान दे रहा है।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारी भारत-भूटान में संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र की निदेशिका श्रीमती किरन मेहरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ब्रह्माकुमारीज जैसे विश्व व्यापी गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर शान्ति, मूल्य शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सतत् विकास की दिशा में आगे बढ़कर सुदृढ़ मानव समाज एवं एक बेहतर विश्व निमार्ण के लिए कटिबद्ध है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के यूरोप एवं मध्य पूर्व देशों की निदेशिका ब्र0कु0जयंती ने लोगों में मानवीय मूल्यों एवं आन्तरिक शक्तियों की वृद्धि के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग ध्यान के नियमित अभ्यास पर जोर दिया। उन्होंने सभा में उपस्थित विशिष्ठ रूप से आमंत्रित समाज के विभिन्न व्यवसायों एवं वर्गों के लगभग दो सौ लोगों को कुछ मिनट राजयोग ध्यान द्वारा आन्तरिक शान्ति एवं शक्ति की अनुभूति करायी।
आबू रोड: नवरात्री के पावन पर्व पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आबू रोड के रिक्को कालोनी में चैतन्य देवियों की झांकी सजायी गयी। जिसका उद्घाटन संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी तथा सिरोही जिला प्रमुख बहन पायल परसरामपुरिया ने किया।
झांकी का अवलोकन करने संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी समेत कई गणमान्य लोग भी पहुंचे ।झांकी में आये विशिष्ट अतिथियों ने कहा कि जीवन में शक्ति धारण कर बुराईयों का समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए। यही नवरात्रि पर्व का संदेश है।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है: लाइट एंड साउंड से सजी पहाड़ों पर चैतन्य देवियोंकी झांकी, पहाड़ों से तेज गर्जना के साथ देवीयों का प्रकट होना, महिषासुर का वध, बाल कलाकारों द्वारा आरती,
गोकुल गावँ, श्रीकृष्ण की बाल लीला, कृष्ण-सुदामा संबाद, व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी, शांति अनुभूति कुटीर और आदर्श स्वच्छ गावं।
विजयादशमी तक चलने वाली चैतन्य देवियों की झांकी को देखने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ रहा है।