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” नशा मुक्ति एव “सम्पूर्ण स्वास्थ्य जीवन शैली पर भव्य सेमिनार ”
पठानकोट:- आज नशा बहुत बड़ा चैलेंज बन गया है यह छोटी बात नही है बहुत बड़ा युद्ध है ,जिसे हमें हिम्मत से लड़ना है ,विशेष युवाओं को इस चुंगल से छुड़ाना है यह शब्द डॉ . भूपेंद्र सिंह  एस. एम. ओ  सिविल अस्प्ताल जिला पठानकोट ने प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ढांगू रोड स्थित राजयोग केंद्र में   नशा मुक्ति एव “सम्पूर्ण स्वास्थ्य जीवन शैली पर भव्य सेमिनार को सम्बोधित करते कहे ! इस सेमिनार में माउंट आबू से पधारे राजयोगी आर .एल शर्मा जो की ४५ वर्षों से राजयोग की रिसर्च कर रहे व उनके साथ डॉ.मेघना (महाराष्ट्र) डॉ.रशिम (अहमदाबाद) डॉ .धोनिका जो की ऐडवोकेट भी हैं सभी उपस्थित  रहे ! ये डॉ. शिमला से धर्मशाला २० दिवसीय नशामुक्ति अभ्यान के पूरा  होने पर यहाँ पधारे थे ! सेमिनार के मुख्य अतिथि डॉ . भूपेंद्र सिंह व अन्य डक्टरों ने दी प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ! डॉ.शर्मा ने बताया की आज ९०% बीमारियां तनाव से हैं ! आज हम स्ट्रेस में क्यों हैं ? कारन हमारा लाइफ स्टाइल ही बदल गया है ! इंसान की नेगेटिव विचारधारा का धुआं चारों तरफ फ़ैल रहा है ! इससे बचने के लिए ज़रूरत है मन को साकरतमक सोच देने की तभी हम इन बिमारियों से बच सकेंगे !
डॉ. मेघना ने नशे से होने वाले नुकसान की जानकारी देते कहा की हर साल लगभग २५,००,००० (२५ लाख ) लोग विश्व में शराब जैसे नशों की वजह से मर रहे हैं ! लगभग आधी से ज्यादा हिंसक घटनाएँ इन्ही नशों से सम्बंधित हैं ! उन्होंने कहा की “नशा पल  भर का मज़ा , ज़िंदगी भर सजा ” !
डॉ रशिम ने कहा की राजयोगी जीवन शैली जिन पर शोध हुई राजयोग के अभ्यास से विचारों को सही दिशा देना ,शुद्ध अन्न तथा आत्मिक स्थिति के अभ्यास के अध्यन से पता चल है की राजयोग जीवन शैली के अभ्यास से नशा व गलत विचार धारा पूर्णतया परिवर्तित हो जाती है ! उन्होंने राजयोग का अभ्यास भी करवाया !  उन्होंने बताया की ब्रम्हाकुमारी संस्था के १३९ देशों में ८५०० राजयोग केंद्र है जहाँ यह अभ्यास करवाया जाता है ! इस मोके पर ओम प्रकाश शर्मा ,डॉ. राजिंदर मंसोत्रा, स्टाफ नर्स सुषमा , मोनिका , अशोक महाजन , वर्षा महाजन, समीर शर्मा ब्रम्हाकुमारी सत्या जी व अन्य गणमान्ये उपस्थित रहे !