BK Sushma and BK Chandrakala from the Brahma Kumaris Centers in Jaipur tied Rakhi to Smt. Vasundhara Raje, the Honorable Chief Minister of Rajasthan. Godly Gifts and sweets were also given to her as a celebration of the Rakshabandhan Festival.
सकारात्मक ऊर्जा का प्रकाशपुंज थी दादी प्रकाशमणि
– संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी के उद्गार
– दादी प्रकाशमणि का 11वां पुष्पांजली कार्यक्रम
– देशभर से पहुंचे 20 हजार से अधिक लोगों ने दी श्रद्धांजली
– सुबह 8 बजे से लेकर रात तक लगा रहा लोगों का तांता
– दादी की स्मृति में बने प्रकाश स्तंभ को फूलों से सजाया
ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि के 11वें पुण्य स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को पुष्पांजली कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें देशभर से पहुंचे 20 हजार से अधिक लोगों ने दादी की स्मृति में बने प्रकाश स्तंभ पर पहुंचकर श्रद्धांजली दी। वहीं अलसुबह 3 बजे से ब्रह्ममुहूर्त में दादी की याद में सभी ने विशेष योग किया। इसके माध्यम से पूरे विश्व बंधुत्व, विश्व एकता और सद्भाव की कामना करते हुए योग के शुभ प्रकम्पन फैलाए। वहीं प्रकाश स्तंभ को विशेष रूप से कोलकाता से आए कलाकारों ने सजाया।
कार्यक्रम में मुख्य प्रशासिका 103 वर्षीय दादी जानकी ने कहा कि दादी प्रकाशमणि सकारात्मक ऊर्जा का साक्षात प्रकाशपुंज थीं। योग का ही कमाल है जो उनके एक-एक संकल्प साकार हो जाते थे। उन्होंने आध्यात्मिक ऊर्जा और परमात्म शक्ति से स्वयं को इतना सशक्त बना लिया था कि उनके सानिध्य में आने वाले हर कोई एक अद्भुत शक्ति और ऊर्जा का अनुभव करता था।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने कहा कि दादी ममता और स्नेह की साक्षात मूरत थीं। आपकी ममतामयी पालना का ही कमाल है जो आपके सानिध्य में 20 हजार से अधिक बहनों ने खुद को समाजसेवा और विश्व कल्याण के कार्य में अर्पण कर दिया। महासचिव बीके निर्वैर भाई ने भी दादी के साथ के अपने अनुभव सांझा किए।
जनरल मैनेजर बीके मुन्नी बहन ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली समझती हूं जो दादी के अंग-संग 40 साल से अधिक समय तक रहने का मौका मिला। दादी का एक-एक बोल वरदानी बोल था। वह हमेशा कहती थीं जैसा कर्म हम करेंगे, हम देखकर और करेंगे। दादी त्याग-तपस्या की एक प्रतिमूर्ति थीं। इतनी बड़ी संस्था की हैड होने के बाद भी उनको कभी हेडक नहीं होती थी। वह कहती थी कि मैं स्वयं को कभी हेड समझती ही नहीं। हैड समझने से हेडक होती है।
दादी के सानिध्य में वटवृक्ष बनी संस्था
दादी जी के कुशल प्रबंधन, नेतृत्व, त्याग और मेहनत से संस्था प्रगति-पथ पर निरंतर आगे बढ़ती गई और नए-नए कीर्तिमान स्थापित करती गई। वर्ष 1969 में संस्था के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद दादी ने इसकी बागडोर संभाली। दादी के सानिध्य में ही आध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन का संदेश विश्व के 142 देशों में तक पहुंचा और एक नन्हा से पौधे ने वटवृक्ष का रूप ले लिया। विश्वभर में 8 हजार से अधिक सेवाकेंद्र का संचालन शुरू किया गया। जिसके फलस्वरूप प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय को संयुक्त राष्ट्र संघ ने गैर सरकारी संस्था के तौर पर आर्थिक एवं सामाजिक परिषद का परामर्शक सदस्य बनाया जो कि यूनिसेफ से भी सम्बद्ध है। साथ ही सात पीस मैसेंजर अवार्ड से भी संस्था को नवाजा गया।
1922 में हैदराबाद (सिंध) में हुआ था जन्म…
दादी का जन्म 1922 को हैदराबाद (सिंध) में एक बड़े ज्योतिषी के घर हुआ। दादी प्रकाशमणिजी का बचपन का नाम रमा था। 14 वर्ष की आयु में वर्ष 1936 में ब्रह्माकुमारी•ा के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा के संपर्क में आईं और उन्होंने उसी समय यह निर्णय कर लिया कि अब हमारा जीवन सद्गुणों से युक्त ईश्वरीय सेवा के लिए रहेगा। तरुण अवस्था में रमा की लगन, निष्ठा, प्रतिभा और दिव्यता की आभा को देखते हुए ब्रह्मा बाबा ने उनका नाम रमा से बदल प्रकाशमणि रखा। दादी जी लाखों लोगों की रूहानी सेना तैयार कर खुद फरिश्ता बन गई और 25 अगस्त, 2007 को इस दुनिया से विदा हो गई।
दादी प्रकाशमणि चौथी इंटरनेशनल हॉफ मैराथन…
अरावली की हसीन वादियों में विश्व बंधुत्व का संदेश लेकर दौड़े धावक
– पुरुष वर्ग में मध्यप्रदेश राजगढ़ के विष्णु राठौड़ ने एक घंटा 22 मिनट में प्रथम और महिला वर्ग में उत्तरप्रदेश की अर्पिता सैनी ने एक घंटा 45 में दौड़ पूरी कर प्रथम स्थान पाया
– शंखनाद के साथ शुरू हुई मैराथन
– एथलीट ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजली देकर शुरू की दौड़
– एशियन गोल्ड चैंपियन सुनीता गोधारा ने बढ़ाया प्रतिभागियों का उत्साह
फैक्ट फाइल…
1800 रनर्स ने कराया था रजिस्ट्रेशन
1500 रनर्स ने लिया मैराथन में भाग
20 से अधिक स्थानों पर की गई रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था
04 देशों के एथलीट ने लिया भाग
18 साल के किशोर से लेकर 65 साल के बुजुर्गों ने भी लिया भाग
03 घंटे में तय करना थी 21.5 किमी की दूरी
19 अगस्त, आबू रोड।
अलसुबह का खुशनुमा मौसम, ओम शांति की मंगलध्वनि, तालियों की गडग़ड़ाहट, शंखध्वनि के बीच विश्व बंधुत्व की मंगल कामना को लेकर धावकों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ दौड़ की शुरुआत की। मौका था ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि की स्मृति में रविवार को आयोजित चौथी इंटरनेशनल हॉफ मैराथन का। भारत सहित विश्व के कई देशों से पधारे धावकों में मैराथन को लेकर उत्साह इतना था कि सुबह 5 बजे से ही जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। इस मैराथन की खासीयत यह रही कि इसमें 18 वर्ष से लेकर 65 वर्ष और डॉक्टर से लेकर इंजीनियर रनर्स ने भाग लिया। वहीं केन्या, स्पेन, इसूपिया सहित अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में रनर्स भाग लेने पहुंचे। शुरुआत में सभी रनर्स सहित अतिथियों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी।
वार्मअप के बाद सुबह 6 बजे एशियन गोल्ड चैंपियन व कोच सुनीता गोधारा, भारतीय क्रिकेट के खिलाड़ी रहे पूर्व क्रिकेटर नयन मोगिया, सुप्रसिद्ध एथलिट अंजू ठामले सहित अन्य एथलीट ने मशान दिखाकर मैराथन की मंगल शुरुआत की। अतिथियों ने प्रतिभागियों को जैसे ही मशाल दिखाई तो सबका उत्साह देखते ही बन रहा है। सभी भारत माता की जय, वंदे मातरम् और ओम शांति के जयकारे लगाते हुए कदम से कदम बढ़ाते पूरे उमंग-उत्साह के साथ दौड़ पड़े। शुरु से लेकर अंत तक रनर्स में एक-दूसरे से आगे बढऩे की होड़ लगी है।
इन्होंने मारी बाजी
21.097 किलोमीटर की हॉफ मैराथन के पुरुष वर्ग में मध्यप्रदेश राजगढ़ के विष्णु राठौड़ ने एक घंटा 22 मिनट में प्रथम, केन्या के साइमन ने एक घंटा 23 मिनट में द्वितीय, उत्तराखंड के जसविंद सिंह ने एक घंटा 24 मिनट में तृतीय व महिला वर्ग में उत्तरप्रदेश की अर्पिता सैनी ने एक घंटा 45 में प्रथम, इथोपिया की इताफेराहू डुबाले ने 1 घंटा 46 मिनट में द्वितीय, दिल्ली की सीमा सिंह ने एक घंटा 49 मिनट में मैराथन पूरी तृतीय स्थान प्राप्त किया।
20 से अधिक रिफ्रेशमेंट पाइंट बनाए…
मनमोहिनी वन से माउंट आबू के पांडव भवत तक मैराथन में भाग लेने वाले धावकों को 20 से अधिक स्थानों पर रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था की गई थी। इसमें धावकों के लिए पानी, नींबू पानी, ग्लूकोज, एनर्जी ड्रिंक, नाश्ता, फल आदि बांटे गए। साथ ही इस दौरान रिफ्रेशमेंट पाइंट पर मौजूद भाई-बहनों ने गीतों के माध्यम से सभी का उत्साह बढ़ाया।
चंदन का तिलक लगाकर किया स्वागत…
प्रतियोगिता की शुरुआत में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी प्रतिभागियों को चंदन का तिलक लगाकर स्वागत किया। साथ ही सभी को संस्थान के भाई-बहनों ने उत्साह से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वहीं पुष्पवर्षा कर सभी को रवाना किया गया। वहीं कोच के रूप में सुनीता गोधारा ने सभी का उत्साहवर्धन करते हुए मैराथन में फस्र्ट आने के टिप्स बताए।
विश्व बंधुत्व के लिए दौड़, अच्छा संदेश
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर नयन मोगिया ने कहा कि विश्व बंधुत्व के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैराथन बहुत कम ही देखने को मिलता है। उसमें भी सुन्दर मौसम और हसीन वादियों के बीच धावकों का मनोबल बढ़ेगा और विश्व बन्धुत्व के साथ सेहत भी बेहतर बनाने का संदेश जाएगा। सुप्रसिद्ध एथलिट अंजू ठामले ने कहा ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल करने से लोगों का उत्साहवर्धन होगा। यूआईटी चेयरमैन सुरेश कोठारी, माउंट आबू पालिका चेयरमैन सुरेश थिंगर, आबू रोड पालिका चेयरमैन सुरेश सिंदल ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं।
ये भी रहे उपस्थित…
मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करुणा, सोशल एक्टीविटी गु्रप के अध्यक्ष बीके भरत, ज्ञानामृत के प्रधान संपादक बीके आत्म प्रकाश, मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव बीके बनारसी लाल शाह, राजयोग शिक्षिका बीके गीता, सीए ललित, बीके मोहन, बीके भानू, बीके देव, बीके रामसुख मिश्रा, पीआरओ बीके कोमल, बीके धीरज, बीके सचिन, बीके रुपा, बीके चंदा, बीके कृष्णा, अनूप सिंह, बीके अमरदीप सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
मैराथन की झलकियां…
– 18 से लेकर 65 साल के बुजुर्ग मैराथन में रहे विशेष आकर्षण
– डॉक्टर्स ने भी स्वास्थ्य का संदेश देते हुए लगाई दौड़
– बारिश भी प्रतिभागियों का कम नहीं कर पाई उत्साह
– युवा बहनों ने उत्साह के साथ तीन घंटे में पूरी की दौड़
– माउंट आबू में तालिया बजाकर स्कूली बच्चियों ने किया रनर्स का स्वागत
– रास्तेभर पूरे जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़े प्रतिभागी
– वानरों ने भी प्रतिभागियों को दौड़ते देख लगाई दौड़
– गीतों के माध्यम से बढ़ाया सभी का हौसला
– पीछे रहने के बाद भी कई प्रतिभागी अंत तक दौड़ते रहे
– माउंट में अतिथियों ने मेडल पहनाकर किया सम्मानित
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आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ) ४ अगस्त २०१८.
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आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ) २७ जुलाई २०१८.
आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” व्यापार तथा उद्योग प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय व्यापार और उद्योग सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था – ” आध्यात्मिक ज्ञानोदय द्वारा व्यापार में स्वर्णिम युग ” . इस सम्मलेन में भारत वर्ष के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उदघाटन सम्पन्न हुआ।
ज्ञान सरोवर की निदेशक राजयोगिनी निर्मला दीदी ने भी आज सम्मेलन को अपना आशीर्वचन दिया। आपने कहा कि आज के संसार में व्यापार में काफी चोरी और झूठ चलता रहता है। मगर सतयुगी दुनिया में हर व्यापार में लगे हुए लोग अपना कर्म तो करेंगे मगर वहाँ कोई भी चोरी और लूट नहीं होगी। सतयुग में कोई चोरी और लूट नहीं होती है। वह श्रेष्ठ संस्कार आज यहां इस दुनिया में अपने जीवन में अपने अंदर स्थापित करने की जरूरत है। अपने संस्कारों को उत्तम बनाने के लिए आत्मा को परमात्मा के आचरण को अपनाना होगा। राजयोग का अभ्यास करना होगा। आत्म अनुभूति के साथ साथ ईश्वर पर अपने मन को टिका कर उनकी शक्तियां अपने जीवन में भर लेने की जरूरत है।
प्रख्यात मोटिवेटर और राजयोगिनी, ब्रह्मा कुमारी शिवानी ने आज के सम्मेलन को सम्बोधित किया। आपने बताया की ज्ञान सरोवर के इस परिसर में पवित्रता , त्याग और तपस्या का वाइब्रेशन पसरा हुआ है। यही वजह है की हम सभी को यहां इतना सुकून और आनंद प्राप्त हो रहा है।
हमें अपने संस्कारों को दैवीय बनाना है। इस परिसर के सैकड़ों भाई बहनें आपस में प्यार से मिलकर इस प्रकार निवास करते हैं की हम सभी को यहां ऐसा सुन्दर सुन्दर महसूस हो रहा है जैसे की यह पृथ्वी पर एक स्वर्ग है। हम सभी को अपने अपने घरों को भी ऐसा ही स्वर्ग बनाना होगा। करना सिर्फ इतना है कि अपने संस्कारों को आत्मिक बना लें , दैवीय बना लें।
व्यापार तथा उद्योग प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी योगिनी दीदी ने सम्मेलन को परमात्म अनुभूति करवाई। कहा की परमात्मा के अनेक नाम हैं और सभी नाम उनके गुणों को प्रकट करते हैं। दुनिया की तरह नहीं कि नाम तो अमीर चंद मगर है बेचारा फ़कीर। ईश्वर के सारे नाम उनके गुणों को दिखलाते है – प्रकट करते हैं।
परमात्मा की सारी शक्तियों को आत्माएं ग्रहण करती हैं। परमात्मा सभी शक्तियों के दाता और सोर्स हैं। परमात्मा सभी सूक्ष्म शक्तियों के भण्डार हैं।
आज सूर्य से गर्मी प्राप्त करने के लिए मांगने की जरूरत नहीं हैं मात्र उनके सामने जाने की जरूरत है। उसी प्रकार परमात्मा के सामने जाने पर उनकी शक्तियां हमारे अंदर खुद ब खुद समाने लगती हैं। यह बहुत आसान है। मात्र ईश्वर को ठीक से जानने और पहचानने की जरूरत है।
मदन मोहन शर्मा जी , व्यापार और उद्योग प्रभाग के उपाध्यक्ष ने अपने जीवन के अनुभवों को सभी के सामने रखा। आपने कहा की साकार बाबा की एक ही दृष्टि नें मेरा जीवन पूरी तरह बदल दिया। मात्र एक महीने के ही सम्पर्क से मैं पूरी तरह राजयोगी बन गया। जीवन में पवित्रता समा गयी। व्यापार में दिन दूनी और रात चौगुनी वृद्धि होती रही। अभी २ वर्ष पूर्व कैंसर से ग्रस्त हुआ मगर आज पूरी तरह स्वस्थ्य हूँ। बाबा ने बढ़िया स्वास्थ्य प्रदान किया। ८७ वर्ष की इस उम्र में भी पहले से अधिक स्फूर्त खुद को महसूस करता हूँ। बाबा आप सभी को भी पूरा मदद देंगे। आप सभी बाबा से पूरा सौदा करके जायें। बाबा गारंटी देंगे जीवन को स्वर्णिम बना देने की। मात्र बाबा के लिए दिल में मुहब्बत चाहिए।
किरण मणि , गूगल रिटेल के प्रबंध निदेशक ने आज के अवसर पर सभी को सम्बोधित किया। आपने कहा कि आज संसार में साधनो और धन की कमी नहीं है मगर हर तरफ अराजकता हावी है। ब्रह्माकुमारियाँ ही दुनिया को देने की बात कर रहीं है। जबकि सभी किसी ने किसी रूप में लेने की ही आकांछा रखते हैं। यहां की कार्य प्रणाली , गूगल की कार्य प्रणाली भी अधिक सटीक है।
“स्टेट्स” से पधारे हुए वैश्विक सकारात्मक चिंतक पीयूष भाई ने अपने उदगार इस प्रकार प्रकट किये। कहा मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ खुद को यहां। साधन और धन बढ़ रहे हैं और चिंताएं , परेशानियां भी बढ़ रही हैं। सकारात्मकता अपना कर हम बड़ी से बड़ी दिक्कतों को भी आसान बना सकते हैं। आपने डेट्स (अवसर ) से जुडी परेशानिओं का सन्दर्भ लिया और साबित किया की डेट्स (खजूर ) तो मीठे हैं , पाष्टिक हैं , स्वास्थ्य को बढ़ाते है , अतः ये परशान कैसे कर सकते हैं ??
मधु चोपड़ा , प्रख्यात प्रियंका चोपड़ा की माँ ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। मैं तो भाव विभोर हूँ यहां। योगिनी दीदी और शिवानी बहन को मैं रोज़ सुनती रहती हूँ और उनके जीवन को देखकर सोचती हूँ की ऐसा क्यों और कैसे है ?? शायद इस लिए आप सभी के लिए ये व्यापार नहीं है, आध्यात्म है। आध्यात्मिक होकर हम संस्कारों को उत्तम बना सकते हैं।
राजयोगिनी गीता बहन ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। आपने कहा कि आप सभी जो यहां पधारे हैं , अत्यंत भाग्यशाली हैं क्योंकि आने वाले ३ दिनों तक आध्यात्मिक रूप से परिपक्व राजयोगियों और तपस्विनियों द्वारा आपको आध्यात्मिकता की गहराई और ऊंचाई पर लेकर जाने का भरपूर प्रयास किया जायेगा।