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पठानकोट पंजाब में महिला और बाल विकास विभाग पंजाब द्वारा माननीय ऍम एल ए अश्वनी शर्मा जी और पठानकोट के मेयर अनिल वासुदेवा जी ने बी के सत्या बहन जी प्रभारी स्थानीय ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र पठानकोट पंजाब को एवलन स्कूल के ऑडीटोरियम में भारी संख्या में उपस्थित गणमान्य महिलायो और संस्थाओं के सामने प्रश्रित पत्र देकर सम्मानित किया गया3

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kapurthalaजागरण संवाददाता, कपूरथला : कर्मों के आधार पर ही यह संसार चलता है। अपने ही किए हुए कर्मों से व्यक्ति महान या कंगाल भी बनता है। अपने कर्मों में परिवर्तन लाने से ही हम अपराध मुक्त बनते है। यह बात प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मांउट आबू राजस्थान से आए हुए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने सेंट्रल जेल में बंद कैदी बंधुओं को संस्कार परिवर्तन और व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित करते हुए कही। 1उन्होंने कहा कि कर्मो से परिवर्तन लाने हेतु ज्ञान की और समझ की आश्वयकता है। जब हम मेडीटेशन करते हैं तो हमारी इंद्रियां संयमित होती है, हमारा आत्मविश्वास, आत्म जाग्रति और मनोबल बढ़ता है जिससे हमें अच्छे, बुरे की परख होती है और हम अपराध मुक्त बन सकते हैं। उन्होंने बताया व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता। जब वह इस संसार में आता है तो गलत संगत, नशा व्यसन, गलत खानपान, लोभ, लालच, क्रोध, तनाव या विपरीत परिस्थितियों उसे अपराधी बनाती है। उन्होंने कहा कि जीवन की कुछ समस्या पिछले जन्मों के गलत कर्मों से आती है। व्यक्ति अपने कर्मों से कही भी भाग नहीं सकता। किए हुए कर्मों का फल खुद को ही भोगना पड़ता है। उन्होंने सभी कैदी भाइयों को तीन दिन तक मेडीटेशन भी कराया। साथ में अपने जीवन मे सकारात्मक सोचने की बात कही। उन्होंने कहाकि जीवन में समस्या रूपी बादल आते हैं, उसे सहनशीलता से, सकारात्मक सोच कुछ गलतियों को महसूस कर पार करना हैं।1 उन्होंने सभी कैदी भाइयों से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रखने हेतु व्यसन, नशा छोड़ने का प्रण करवाया। स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने भी अपने विचार पेश करते हुए कहा कि अपराधों के कारण हम स्वयं को भूल गए, पिता परमात्मा को भूल गए। उन्होंने बताया कि वास्तव में हम सभी ज्योति ¨बदू आत्माएं परमपिता परमात्मा के बच्चे आपस में भाई-भाई हैं। इस संबंध को याद रखने से आपसी भाईचारा बढ़ेगा और अपराध मुक्त बन जाएगा। जेल अध्यक्ष एस परजीत सिंह संधू ने बताया कि सभी की उम्र माता-पिता की सेवा करने की हैं। अपने में सुधार लाकर अपने माता-पिता की सेवा करें। कार्यक्रम के दलजीत आहलूवालिया, बीके अजय भी उपस्थित थे। इस दौरान जेल उपाध्यक्ष इकबाल सिंह धालीवाल ने भी धन्यवाद किया।सेमिनार के दौरान शमिल सेंट्रल जेल में बंद हवालाती व कैदी। (दाएं) सेंट्रल जेल में आयोजित समारोह के दौरान विचार पेश करते हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई।

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अम्बाला कैंट ब्रह्माकुमारिज सेवाकेंद्र तथा जिला बार असोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में विशेष न्यायविदो के लिए प्रेरणादायी सेमिनार “JUSTICE, LOVE & HARMONY ” सफलता पूर्वक आयोजित किया गया|

कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया|

अम्बाला जिला कोर्ट परिसर में आयोजित इस सेमीनार में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा वर्तमान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भ्राता जस्टिस वि. इश्वरैया जी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य देते हुए सभी न्यायविदो को अपने जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह दी| उन्होंने कहा  की न्यायपालिका की दिनचर्या में आध्यात्मिक सोच व् सकारात्मक विचारों का समावेश करके न

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केवल प्रभावी न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है बल्कि न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को भी तनावमुक्त कार्यशैली की प्रेरणा मिलेगी| स्वस्थ, समृद्ध और प्रसन्न समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक है और यह सोच आध्यात्मिकता से ही हासिल की जा सकती है| उन्होंने अपराधमुक्त समाज की स्थापना के लिए हर व्यक्ति की सोच को परिवर्तित करने की दिशा में चल रहे ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्य की भी सराहना की|

जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने भी इस संयुक्त उपक्रम की सराहना करते हुए कहा की समय समय पर ऐसे आयोजन करके सकारात्मक सोच से कार्य करने की प्रथा को बढ़ावा दिया जा सकता है|

इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित अम्बाला जिला उपयुक्त भ्राता अशोक सांगवान ने कहा की तनावमुक्त जीवन से व्यक्ति की कार्यशैली में सुधर होता है और वह किसी भी कार्य को सरकारी ड्यूटी का बोझ समझने की बजाय जनकल्याण की भावना से कार्य करने के लिए प्रेरित होता है|

कार्यक्रम में पंजाब-हरियाणा बार कौंसिल के चेयरमैन भ्राता रजत गौतम ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस प्रकार के सेमिनार हर जिला स्तर पर आयोजित करने के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वसन दिया| उन्होंने यह विश्वास जताया  कि ब्रह्मकुमारिज के सहयोग से हम सभी न्यायविद अपने जीवन को सकारात्मक बना सकेंगे|

 

 

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गीतांजली इंस्टीटूट आफ टेक्निकल स्टडीज के साथ एम.ओ.यू. सेरिमनी
मूल्य शिक्षा से बनेगा नया भारत – डा: राव

हमारा उद्देश्य केवल पढ़ाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि एक अच्छा इंसान भी बनाना होना चाहिए। इसके लिए मूल्यों की शिक्षा को अपनाना अति आवश्यक है। यहाँ जो शिक्षा मुझे मिली है, वही शिक्षा यदि 18 वर्ष के बच्चों को मिल जाए तो हम एक नया भारत बना सकते हैं जहाँ हर कोई सुख, शांति और आनंद से जीवन व्यतीत कर सकेगा।

उक्त उद्गार गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडी॰ज, उदयपुर के प्रिंसीपल डॉ.एम. वेणुगोपाल राव ने ब्रह्माकुमारी॰ज शान्तिवन में आयोजित एमओयू कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज हम ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ एक नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जहाँ हमारे कॉलेज के विद्यार्था भी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे।

गीतांजली इंस्टीट्यूट के डीन रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट, राजीव माथुर ने कहा कि जीआईटीएस, उदयपुर एवं ब्रह्माकुमारी॰ज के बीच में जो एमओयू किया गया है, वह अध्यात्म और शिक्षा का संगम है। आज का युग चुनौती का युग है जो हमें मूल्य परक शिक्षा को आगे ले जाने से रोक रही है। लेकिन हमने ब्रह्माकुमारी संस्था के सहयोग से इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएं हैं। हमने एक थॉट लैब खोलने का संकल्प लिया है जिसमें प्रत्येक विद्यार्था अपने संकल्पों के प्रभाव का अध्ययन कर सकेगा। फाइनेंस कंट्रोलर बाबूलाल जांगीर ने कहा कि आध्यात्मिक मूल्य की शिक्षा को शुरू करने का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को असामाजिक गतिविधियों की तरफ बढ़ने से रोका जाए और ऐसा हम वैल्यू॰ज की शिक्षा द्वारा ही कर पाएंगे।

ब्रह्माकुमारी॰ज के ज्ञान सरोवर की निदेशिका, ब्र.कु. डॉ. निर्मला ने कहा कि हमारी जो प्राचीन शिक्षा की पद्धति थी उसमें स्टूडेंट का गुरू के प्रति बहुत ही सम्मान रहता था लेकिन आज की शिक्षा हमें वह संस्कार व मूल्य देने में असफल रही है। धर्म और शिक्षा को अलग कर देने के कारण ही आज हमारे देश की यह स्थिति हुई है। हमें पुनः अपने उस गौरव को प्राप्त करने के लिए मूल्य शिक्षा को अपनाना होगा। अच्छी बातें हर कोई जानता है लेकिन स्व का ज्ञान न होने के कारण वह इसे जीवन में अपना नहीं पाता है।

शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्र.कु. मृत्युंजय ने कहा कि मूल्य हमें सिम्पल रहकर रॉयल बनने की प्रेरणा देता है। आज कोई भी विश्वविद्यालय ऐसा नहीं है जिसमें अवगुणों को जीतने की शिक्षा दी जाती हो। समाज में फैली हुई बुराइयों को हम मूल्य शिक्षा को जीवन में अपनाकर ही दूर कर सकते हैं।

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चारो ओर शांती …..शांती मे कानोंतक आनेवाली एक आवाज …..मै आत्मा, देह और देह कि दुनिया से परे, बुद्धियोग बल से अपने असली घर शांतीधाम, परमधाम की यात्रा पर जा रही हू …..अपने प्यारे पिता के सम्मुख बैठ, निज स्वरूप शांती कि अनुभूती कर रही हू…..पुरे २०मि. शांती मे कानो तक आनेवाले इन स्वरो ने जैसे हजारो लोगो के मन को वश कर लिया था . भीड के बीच मे भी एकांत मे जाकर मेडिटेशन का अनुभव करने वाले लोगो के चेहरे पर सात्विक भाव दिखने लगे थे . आवाज रुक गाई और एक ही उत्साह सभी के चेहरो पर दिखाई दिया . मा.आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कोल्हापूर सेवाकेंद्र के ४०वे वर्धापन दिवस के निमित्य आयोजित ‘मास मेडिटेशन’ मे पुरे २६,४३५ लोग सहभागी हुये . इस अनोखे कार्यक्रम कि ‘एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स’ मे नुंध होने कि घोषणा कि गइ . इसके बाद गांधी मैदान के कोने कोने मे तालीयो कि गुंज के साथ आनंदोत्सव मनाया गया  More …..

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भारत सरकार के सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा विज्ञानं भवन नई दिल्ली में मार्च १८ से 20 तारीख तक छठवाँ राष्ट्रिय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का आयोजन किया गया | इसमें पुरे देश भर में के 192 सामुदायिक रेडियो स्टेशनस ने भाग लिया | हर वर्ष ऐसे सम्मेलन में मंत्रालय द्वारा 5 अलग अलग वर्ग में सामुदायिक रेडियो अवार्ड दिए जाते हैं |
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इस सम्मलेन में ब्रह्माकुमारिज द्वारा संचालित सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो मधुबन ने जो की पिछले 5 वर्षों से माउंट आबू और उसके आस पास के क्षेत्र में प्रसारित किया जाता है उसे “सामुदायिक भागीदारी” वर्ग में राष्ट्रिय सामुदायिक रेडियो अवार्ड – 2016 प्राप्त किया  | श्री अरुण जेटली जी, सुचना प्रसारण मंत्री, भारत सरकारएवं सुचना प्रसारण राज्य मंत्री, श्रीमान राज्य वर्धन सिंह राठोर ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में रेडियो मधुबन के स्टेशन हेड बी.के यशवंत भाई को यह अवार्ड प्रदान किया |
यह अवार्ड रेडियो मधुबन द्वारा बनाये गए कार्यक्रम “हमारी सरकार हमारे अधिकार” कार्यक्रम को दिया गया | यह कार्यक्रम माउंट आबू और उसके आस पास रहने वाले आदिवासी समुदाय के लिए बनाया गया था | इस कार्यक्रम में 14 एपिसोड बनाये गए जिसमें अदिवासीयों के लिए सरकार द्वारा बनाया गया “पेसा कानून” के बारे में जागरूकता फैलाई गई, साथ साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ मिलकर ग्रामसभाएं आयोजित की गई जिसमे अधिकारीयों ने लोगों की बात सुनकर उन्हें समाधान दिया | अधिकारीयों ने रेडियो स्टेशन पर आकर भी फ़ोन इन कार्यक्रम में श्रोताओं को इस कानून के बारे में जानकारियां दी | इन सभी प्रयासों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस जागरूकता कार्यक्रम में जोड़ा पाने हेतु यह अवार्ड दिया गया |