Delhi Chief Minister Arvind Kejrival Addresses Brahma Kumaris’
आध्यात्मिक शक्ति ही लायेगी विश्व में शान्ति – अरविन्द केजरीवाल
अशान्ति का कारण अहंकार, स्नेह और सेवा भाव ही शान्ति का आधार – दादी जानकी
शान्ति आत्मा का निजी गुण है जो सदा साथ है – बी0के0 शिवानी
नई दिल्ली, 25 अक्टूबरः दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मानव जीवन और समाज में शान्ति, सदभावना, सहयोग और समृद्धि का वातावरण पुर्नस्थापित करने के लिए आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति और प्रयोग जरूरी है। अध्यात्म प्रधान देश भारत ही इस दिशा में नेतृत्व प्रदान कर सकता है एवं विश्व शान्ति तथा विश्व बन्धुत्व के लिए पहल कर सकता है।
यह उदगार उन्होंने आज शाम को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्थानीय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम ऑडिटोरियम में ’राजयोग द्वारा विश्व शान्ति’ विषय पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज के समाज में गिरते हुए मूल्यों की रोकथाम प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच, विचार, दृष्टिकोण एवं व्यवहार में सच्चाई, सफाई एवं ईमानदारी आदि नैतिक मूल्यों को समावेश करना होगा, इसके लिए आध्यात्मिकता एवं मेडिटेशन के आधार से आत्मबल, आत्म विश्वास एवं आत्म साहस को अपनाना होगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मानव का सबसे बड़ा शत्रु देह अंहकार है जिससे काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि मनोविकार उत्पन्न होते हैं। वही जीवन में दुख, अशान्ति एवं सर्व समस्याओं का मूल कारण है।
उन्होंने कहा कि जीवन में सच्चा सुख, शान्ति एवं आनन्द की अनुभूति के लिए आत्मा-परमात्मा का ज्ञान एवं राजयोग का अभ्यास जरूरी है जिससे आपसी स्नेह, सहयोग, भाईचारा एवं सेवा भाव पैदा होता है और वह ही सुखमय संसार का आधार है। उन्होंने कहा कि राजयोग एक ऐसी सहज, सरल एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसे सांसारिक कृतव्य करते हुए भी किया जा सकता है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी जी ने अपने आर्शिवचन देते हुए कहा कि अपने वास्तविक स्वरूप ज्योर्तिबिन्दु आत्मा और उसके मौलिक गुण जैसे कि पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख आदि के चिन्तन से ही सर्व गुणों के सागर निराकार परमपिता परमात्मा की स्मृति आती है जिससे हमारे अन्दर रूहानी शक्ति एवं समर्थी जागृत होते है। इन्हीं आत्मिक शक्ति को ही आध्यात्मिक शक्ति कहा गया है जिसको अपनाकर हम अपने वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। उन्होंने सभी को कुछ मिनट राजयोग ध्यान द्वारा आन्तरिक शान्ति एवं शक्ति की भी अनुभूति करायी।
इस अवसर पर विभिन्न धर्मों एवं पन्त के नेताओं ने दादीयों का पुष्प गुच्छ देकर अभिनन्दन किया तथा उपस्थित जनसमूह को शान्ति का सन्देश दिया।
इस कार्यक्रम के शीर्षक पर आयोजित एक टॉक शो को सम्बोधित करते हुए सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी ने कहा कि शान्ति एक मानसिक स्थिति है जो आन्तरिक गुण एवं परमात्म चिंतन से प्राप्त होती है। यह सदा हमारे साथ है न की बाहर ढूढने की चीज है।