26 सितम्बर’2015 प्रातः 11 बजे शांति सरोवर, बरनाला रोड, सिरसा पर मीडियाकमिर्ययों के लिए ‘‘विनिंग द गेम ऑफ माइंड’’ विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह जी ने माइंड में चलने वाले विचारों के खेल को समझने और उनको नियंत्रित करते हुए जीवन में जीत हासिल करने के टिप्स बताए।
इस मौके कुरुक्षेत्र से विशेष तौर पर पधारे भ्राता आर के सैनी जी, ज्वायंट एक्साइस एण्ड टैक्शेसन कमिश्नर, अपील्स, अम्बाला ने भी राजयोगा मेडिटेशन के निरन्तर अभ्यास से अपने निजी जीवन में आए परिवर्तन को साझा किया ।
ब्र.कु. बिन्दू बहन जी ने सभी मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया। इस मौके पर इलैक्ट्रानिक मीडिया तथा प्रिंट मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों ने भाग लिया। टोटल टी.वी, हरियाणा फोकस, एम एच वन, डी डी नैशलन, जनता टी.वी., के अधिकारी, नैशनल समाचार पत्र तथा स्थानीय समाचार पत्रों के एडिटर तथा सम्पादक भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए।
स्वस्थ एवं स्वच्छ भारत के लिए सबकी भागीदारी जरूरी – देवासी
अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे कई देशों के प्रतिनिधि
आबू रोड, 3 अक्टूबर, निसं। जाति, पाति और धर्म के सरहद से एकता प्रभावित होती है। जबकि मनुष्य की हकीकत कुछ और है, हम सब एक ईश्वर की संतान है और रहेंगे। इसलिए मजहबी दिवारों से उपर उठना चाहिए। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में ‘राजयोग द्वारा स्वस्थ एवं सुखी समाज’ विषय पर आयोजित वहुउद्देशीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि हम एक स्वस्थ समाज अथवा भारत का निर्माण तभी कर पायेंगे जब स्वच्छता हमारी सोच में भी होगा। इससे मनुष्य जाति धर्म से उपर उठ जायेगा और सदभावन का माहौल बनेगा। यहॉं से जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में राजयोग के जरिये अध्यात्म को अपनाना होगा।
राजस्थान के पशुपालन एवं देवस्थान राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के लिए सबकी भागीदारी जरूरी है। क्योंकि बिना सबके सहयोग के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है। भौतिक, आर्थिक या राजनीतिक विकास सभी के लिए एकता और सदभावना की आवश्यकता है। आज सरकार नयी नयी योजनायें बना रही है परन्तु उसका सही इम्प्लीमेंटेशन ना होने से इसका लाभ आम जन को नहीं मिल पाता है।
राष्ट्रीय स्वयं संघ के राष्ट्रीय नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि राजयोग भारत की प्राचीन पद्धति है इससे संस्कार और बेहतर संसार दोनो की रचना होती है। पृथ्वी, जल, वायु सब दूषित हो रहा है। संस्कृति भी दूषित हो रही है जो ज्यादा चिंताजनक है। हमारे देश में दुर्भावना और जाति पाति की कोई परम्परा नहीं है। सभी को सभी धर्मों, जातियों का सम्मान करना चाहिए। एक दूसरे पर दुर्भावना के वश बात नहीं करना चाहिए। पूर्व भारत के टेक्सटाईल केन्द्रीय डा के0 सम्बाशिव राव ने कहा कि यहॉं की व्यवस्था देखने के बाद पता चलता है कि जीवन में मूल्यों का कितना स्थान है। अन्नामलाई विश्वविद्यालय के कुलपति डा एस मेमन ने कहा कि मूल्यों पर आधारित शिक्षा अब विश्वविद्यालयों में भी चलायी जार ही है जो सराहनीय है।
कार्यक्रम में संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने सभी का स्वागत करते हुए पूरे भारत में सकारात्मक माहौल बनाने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, जयपुर की बीके सुषमा, बीके भरत समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व गुब्बारे उठाकर सम्मेलन का आगाज किया गया।
सुखद और सफल यात्रा के लिए मन की स्थिरता जरूरी – पायल
तीन दिवसीय सडक़, स्पीड और आध्यात्मिकता पर सम्मेलन का आगाज
आबू रोड, 26 सितम्बर, निसं। आज यातायात हर किसी की जरूरत हो गयी है। चाहे वह बच्चा स्कूल जाता हो या नौकरी धंधा या कोई भी कार्य। परन्तु थोड़ी सी असावधानी से हम अपने जान को जोखिम में डाल लेते हैं। जल्दीबाजी करने से बचना चाहिए जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में सडक़ सुरक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि मन के संतुलन से हर कार्य में सफलता मिलती है। जब मन शांत होगा तब हमारा हर कार्य पूर्ण रूप से सफल होगा। इसलिए दैनिक दिनचर्या में राजयोग को शामिल करें। तीन दिन तक चले इस सम्मेलन में सब कुछ सीखने को मिलेगा।
सिरोही जिला प्रमुख पायल परशुराम पुरिया ने कहा कि आज तेजी से समय बदल रहा है। ऐसे में हर तरह के यातायात की बढ़ोत्तरी भी तेजी से हो रही है। परन्तु उससे तेजी से सडक़ दुर्घटनायें हो रही है जो चिंता का विषय है। हमारी थोड़ी सी जल्दबाजी हमारे जान के लिए खतरा हो जाता है। साथ हमारे साथ रहने वाले लोगों का भी जीवन जोखिम में पड़ जाता है। यदि सुखद और सफल यात्रा चाहिए तो उकसे लिए मन की स्थिरता जरूरी है। इसके लिए राजयोग और मेडिटेशन करने की जरूरत है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने जीवन को सुरक्षित रखने तथा पूरे परिवार को निश्चित करने के लिए जल्दीबाजी ना करें, यातायात के नियमों का पालन करें। इन प्रयासों से ज्यादा से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकु श लग सकता है।
गुजरात सरकार के विशेष सचिव तथा टूरिज्म विभाग के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि कई बार देखा जाता है कि हम नियमों की अवहेलना करते है और उसका नतीजा हमें ही भुगतना पड़ता है। उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कई बार देखा गया है कि जब हम यात्रा कर रहे होते है तो हेलमेट का प्रयोग नहीं करते है जबकि साथ में मोटरसाईकिल पर परिवार भी होता है। जैसे ही पुलिस देखते है पत्नी पीछे से हेलमेट लगा देती है। मतलब इसे जिम्मेदारी समझने से इंसान कतराता है।
तमिलनाडू के टूरिज्म कमिश्रर एच एस मीना ने कहा कि टूरिज्म और यातायात एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि हम यातायात को बेहतर बनायेंगे तो उससे टूरिज्म भी बढ़ेगा। इसलिए जितनी सुरक्षित यात्रा होगी उतना ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य तथा स्टेलर ग्रीनटेक गुडग़ॉंव के चेयरमैन सुखवीर सिंह ने कहा कि जब हम रेलवे में थे तो राजयोग का प्रशिक्षण लोको पायलटों एवं कई कर्मचारियों को कराया जाता था जिसका सकारात्मक बदलाव देखने को मिला था। इससे व्यापक रूप में करने की जरूरत है।
कार्यक्रम आल इंडिया रेलवे फाउण्डेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा, प्रभाग के अध्यक्ष बीके ओम प्रकाश ने लोगों से आग्रह किया कि वे जीवन को शांत बनाये और यातायात के नियमों का पालन करते हुए यात्रा करें। प्रभाग की नेशनल कोआर्डिनेटर दिव्य प्रभा, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा बीके मोहिनी, बीके कुन्ती, प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके सुरेश शर्मा सहित कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।