Home News National News
National News

0 3762

नई दिल्ली, 20 अप्रैलः ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा ग्रीन पार्क, आर्य समाज मंदिर नारायण सभागार में ‘‘खुशी के खजाने‘‘ विषय पर कल एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संस्था के वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब0 कु0 शिवानी बहन ने सभा को संबोधित किया।

  2 1
  3 4
बहन शिवानी ने सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि चैक कर अपने जीवन को देखे सारा दिन में ऐसा अनुभव होता है कि चाहिए था कुछ और मिला कुछ। खुशी सभी को चाहीए, खुशी अनुभव करना चाहते हैं, सुख चाहिए, प्यार चाहिए, लेकिन सारा दिन में ऐसा अनुभव होता है कि चाहिए था कुछ और मिला कुछ। 

सभी ने अपने 2 चैकिंग किया। अधिकतर ने उत्तर दिए कि जो भी कुछ करते हैं हमें हमारे कार्योे से पूर्णतया संतुष्टी नहीं मिलती। एक मिनट सभी को अपने आज के गुस्से के समय अपने को क्या-2 अनुभव हुआ विज्यूवलाईज करने के लिए कहा …….. देखा कि प्यार से बोलने से काम नहीं होता देखकर हम गुस्सा करते हैं और यह आदत हो जाती है। कभी 2 तो बिना बात के भी गुस्सा आ जाता है। और कालानांतर में हम अपनी खुशी से दूर होते गए और जो हम चाहते थे उसी से दूर होते गऐ, बहन शिवानी ने कहा ।

ब0 कु0 शिवानी ने आगे कहा कि हम अपने बच्चों को उनके भले की बात कहते हैं फिर भी वह नहीं मानते। घंटों तक दिनों तथा सालों भर फिर भी नहीं समझ आता। ये समझना जरूरी है कि सामने वाला किस नजरिये से ठीक है। ये जानना जरूरी है कि हमें एक दूसरे कि सोच को रिजेक्ट क्यों करते हैं। आज यहां से ये मंत्र लेकर जाना है दोनों ही ठीक होते हैं। फादर चाहता है कि मैं बेटे के लिए ड्राईवर रख दूं बेटा चाहता है कि मैं खुद ड्राईव करूं तो कौन ठीक है। दोनों ही अपने अपने नजरिये से ठीक हैं।

‘‘हम सिर्फ अपना ओपिनीयन दें और सामने वाले पर छोड़ दें। जितना हम औरों  को कन्ट्रोल करेने की कोशीश करेगें उतना-उतना आउट आफ कन्ट्रोल राजयोग माना अपना मन बुद्धि अपने विचारों पर कन्ट्रोल । जितना अपने मन पर कन्ट्रोल उतना दूसरों पर कन्ट्रोल हो जाती है। किसी की कोइ एक आदत देखें जो हमें इरिटेट करती है। जैसे जब कोई झूठ बोलेगा ………..तो सोचना है कि सबके अपने 2 संस्कार हैं।  इसलिए एक दूसरे को इम्पावर करना है। इम्पावरिगं करें रिस्पेक्ट दें, कन्ट्रोल नहीं करें। स्वीकार करना ही रिस्पेक्ट है। और दूसरों को इम्पावर करने से पहले स्वंय को इम्पावर करना राजयोग मेडिटेसन सिखाता है।‘‘

बहन शिवानी बताया और कहा कि घर में यदि एक भी राजयोग मेडिटेसन करता है तो उसका प्रभाव सारे घर पर होता है। इससे सभी की आत्मा रूपी बैटरी रिर्चाज होती है। फिर  कुछ समय गाईडेड मेडिटेसन करायी।

नवरात्री का उहादरण देकर शिवानी ने बताया कि यदि कोई चीज सात्विक है प्योर है तो नौ दिन क्यों हर दिन क्यों नहीं? एक गृहणी का उदाहरण देकर समझाया कि वह सभी काम करते हुए भी अपने बच्चे को भी संभालती है। बीच बीच में एक 2 मिनट में बच्चे को भी देखती रहती है। ऐसे ही अपने विचारों को देखना उन्हें सम्भालना ही राजयोग मेडिटेसन है। फिर अन्त में कुछ समय के लिए सभी को गाईडेड राजयोग मेडिटेसन का अभ्यास कराया। इस प्रकार इस खूबसूरत आयोजन समपन्न हुआ।

0 3057

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने ज्ञान सरोवर में सुरक्षा प्रभाग के सम्मलेन का उद्घाटन किया

सशस्त्र बल के जवानों के लिए तनावमुक्त कार्यक्रम में बोले केन्द्रिय गृहराज्यमंत्री

1                         2

माउण्ट आबू। १८ अपे्रल। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात पर बोलते हुए कहा कि कोई भी यदि कानून का उल्लंघन करता है। उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। भारत की धरती पर पाकिस्तान का झंडा लेकर प्रदर्शन करना सरासर कानून का उल्लंघन है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। वे शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में राज्य पुलिस और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आयोजित प्रेरणादायक नेतृत्व वार्ता समारोह को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक की प्रतिष्ठा की रक्षा करना ही सुरक्षा बलों की प्राथमिकता है। अध्यात्मिकता के जरिए मानसिक रूप से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। जिससे विपरीत परिस्थितियों में भी लंबे समय तक कोई भी कार्य सुचारू रूप से करना संभव है। जनता को सेना के जवानों की परिस्थितियों को समझना चाहिए। जो विभिन्न त्यौहारों पर अपने परिवार से दूर रहकर भी जनता की सुरक्षा को शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने में तत्पर रहते हैं। राजयोग से मन की  अध्यात्मिक ऊर्जा जागृत होने से कार्य करने की क्षमता व आपसी सौहार्द की भावनाओं को बल मिलता है।

ब्रह्माकुमारी संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि स्वयं को बुराईयों से सुरक्षित रखने की सबसे बड़ी चुनौती से निपटने को अध्यात्म की गहराई में जाना अनिवार्य है। जब तक स्वयं को मन से सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित नहीं किया जाता तब तक बाहरी सुरक्षा की सफलता में भी कठिनतम चुनौतियों का सामना करने को विवश होना पड़ता है।

गुजरात सरकार की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीमती मीरा रामनिवास
ने कहा कि अध्यात्ममय अंतप्रेरणा से बड़े-बड़े कार्य भी सहज हो जाते हैं। कोई व्यक्ति स्वंय में सर्वगुण संपन्न नहीं हो सकता इसीलिए वही व्यक्ति अपने क्षेत्र में कुशलतापूर्वक सफलता की सभी बुलन्दियों को पार कर पाता है जो स्वंय को हर परिस्थिति मे जिज्ञासु की भूमिका में स्थापित करने का अभयस्त हो।

सुरक्षा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी बी. के. शुक्ला बहन ने कहा कि  शान्ति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था को सुचारू बनाये जाने के अहम दायित्व को निभाने के लिए धैर्य, साहस व कुशलतापूर्वक निर्वहन करने की जरूरत होती है।

प्रभाग अध्यक्ष अशोक गाबा ने कहा कि संस्कृति, सभ्यता व उनकी परंपराओं का पूर्ण रूप से आदर करते हुए कानून के दायरे में रहकर अपनी तैनाती के  उदेश्य के साथ सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन कर देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने में मनोबल की अहम जरूरत होती है। जिसके लिए राजयोग का अभ्यास हर परिस्थिति में मन को सशक्त बनाए रखने में सक्षम है। कर्नल बी.सी. सती, कर्नल शिव सिंह ने भी जीवनशैली में अध्यात्म के विभिन्न बिदुंओं का सहज रूप से समावेश करने पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजु के माउट आबू पहुंचने पर पोलोग्राउंड स्थित हेलीपैड पर केरिपुबल निदेशक पुलिस महानिरीक्षक बी.एस. चौहान, उपखंड अधिकारी एच. गुईटे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती निर्मला विश्नोई, पुलिस उपअधीक्षक प्रीति कंकाणी, पालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर, कर्नल बीसी सती, बी. के. अशोक गाबा, बी. के. धर्मपाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारियों व नागरिकों ने फूलमालाओं से उनका स्वागत किया। जहां से वे सीधे ही ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञानसरोवर अकादमी परिसर में पहुंचे। जहां कर्नल जितेंद्र ङ्क्षसह, राजयोगिनी बी. के. शुक्ला बहन, संस्थान के वरिष्ठ सदस्यों ने उनका स्वागत किया। पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

0 3335

मतलौडा,पानीपत:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा गांव थिराना के पास ज्ञान मानसरोवर में एक मीडिया सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें जिले भर से सैंकड़ो मीडिया से जुड़े लोग पहुंचे। बतौर मुख्या वक्ता बी के शान्तनू (मांउट आबू ) व ब्रह्माकुमारीज के मीडिया नेशनल कॉर्डीनेटर बी के सुशान्त के अलावा इन्दौर से प्रो. कमल दीक्षित, भोपाल के महामेधा दैनिक के सलाहकार संपादक मधुकर द्विवेदी सहित बी के गिरिश मौजूद रहे। साथ ही मुख्य अतिथि के.बी. पङ्क्षडत,अध्यक्ष इन्डियन जर्नालिस्ट यूनीयन व अतिथि विशेष के रूप में दैनिक जागरण के प्रदेश समाचार संपादक अवधेश बच्चन ने सिरकत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से किया गया।

कार्यक्रम के विषय (समाजिक परिवर्तन में मीडिया)की भूमिका पर बोलते हुए मुख्य अतिथि के.बी. पङ्क्षडत ने कहा कि अगर एक ईमानदार पत्रकार को लिखने की स्वतन्त्रता मिल जाये तो समाज से भ्रष्टाचार व शोषण जड़ से समाप्त हो सकता है। आज भी लोगों की निष्ठा अगर मीडिया में हैं तो वह सिर्फ उन सच्चे आदर्शवादी पत्रकारों के कारण। समाज को सही दिशा देने के लिए पूरी मीडिया को सच्चाई-सफाई व निष्पक्षता के साथ काम करना होगा।

ज्ञान मानसरोवर निदेशक ब्रह्माकुमार भारत भूषण ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा ने पत्रकार को तीसरा नेत्र दिया है जिससे वह समाज के किसी भी व्यक्ति या वर्ग की सूक्ष्म कमी को देख लेता है ओर उसे अपनी लेखनी के माध्यम से सभी के सामने प्रत्यक्ष कर देता है। क्योकि समाज के लोग पत्रकार की कही हुई हर बात को सत्य मान लेते हैं इसलिए उसे लोगों की भावनाओं को कभी ठेस नही पहुंचानी चाहिए।

संपादक अवधेश बच्चन ने कहा कि केवल राजनैतिक या सिनेमा जगत के विषयों को लेकर ही खबरो को प्राथमिकता नही देनी चाहिए बल्कि समाज के हर पहलू पर पत्रकार की नजर रहनी चाहिए। उन्होने कहा कि अन्य वर्गो को भी महत्व देना चाहिए।

प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि लोगों के अन्दर दिन प्रतिदिन नकारात्मकता बढती ही जा रही है। साकारात्मकता लाने हेतू अगर मीडिया कोई कदम उठाए तो संभवत: इसे समाप्त किया जा सकता है। उन्होने कहा कि अनेक समाचार पत्रों ने यह पहल कर भी दी है जिनके अखबारों का कोई ना कोई विशेषांक किसी निश्चित दिन पर ऐसा निकलता है जिसमे कोई भी हिंसात्मक या नाकारात्मक खबर नही होती।

भोपाल के महामेधा दैनिक के सलाहकार संपादक मधुकर द्विवेदी ने कहा की वर्तमान समय की मांग है पत्रकारिता में सत्यता और निष्पक्षता हो जिससे समाज की परिपवर्तन में पत्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

ब्रह्माकुमारीज के मीडिया नेशनल कॉर्डीनेटर बी के सुशान्त ने कहा कि हमें स्वयं के परिवर्तन से समाज में परिवर्तन लाने की जरूरत है। हम केवल दूसरों मे ही त्रूटि न निकालें बल्कि अपनी खामियों को भी दूर करे। कहीं ना कहीं हम सभी के अन्दर भी कमी है। स्वयं को बदलो तो जग बदलेगा।
बी के शान्तनू (मांउट आबू ) ने कहा कि मीडिया में आध्यात्मिकता का समावेश जरूर होना चाहिए।