अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के उपलक्ष में नगर निगम जयपुर के सहयोग से नर्सरी पार्क वैशाली नगर जयपुर में आयोजित शिविर में ब्रह्माकुमारी एकता बहन ने लगभग 300 भाई-बहनों को राजयोग के बारे में बताया, हमारे शरीर को चलाने वाली चैतन्य शक्ति ऊर्जा आत्मा के बारे में बताया,कैसे हम अपने आपसे बात करें, कैसे हम अपने विचारों को परिवर्तन करें , कैसे विचारों को कैसे श्रेष्ठ बनाये, एकता बहन ने भाई- बहनों को अपने अंतरजगत की यात्रा करवाई…
ऊंचा सोचे – अच्छा सोचें – स्वर्णिम भारत बनेगा : राजयोगिनी रानी दीदी जी
ज्ञान सरोवर ( आबू पर्वत ),१० जून २०१६। आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था , ग्राम विकास प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य लक्ष्य इस प्रकार रहा – स्वर्णिम भारत का आधार : सशक्त किसान। इस सम्मलेन में भारत और नेपाल से अनेक अतिथियों ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित करके सम्मलेन का विधिवत उदघाटन संपन्न हुआ।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षा राजयोगिनी रानी दीदी ने अपना आशीर्वचन इस प्रकार से दिया। आपने कहा कि भारत फिर से स्वर्णिम होने वाला है। किसानों को धरती की , बीज की और मौसम की ठीक ठीक पहचान है। इस कर्म छेत्र पर हमारा संकल्प बीज है और दुःख सुख अशांति ईर्ष्या द्वेष आदि भी फल ही हैं उन संकल्पों के। जैसे सोचेंगे – वैसा फल मिलेगा। संकल्पों को शुद्ध बनाना ही ऊंची मंज़िल है। सकारात्मकता ही विजय है। संकल्पों से सिद्धि प्राप्त हो जाएगी। ऊंचा सोचे – अच्छा सोचें – स्वर्णिम भारत बनेगा। मैं लकी हूँ -सौभाग्यशाली हूँ मैं। ये शुभ संकल्प हमारी सृष्टि को बदल डालेंगे। खुद को जानो। मणि चैतन्य शक्ति आत्मा -परमात्मा की संतान हूँ। ऐसा चिंतन बार बार करने से वैसी अनुभूति होने लगेगी। इस आधार पर कर्म ऊंचा बना कर योगिक और जैविक खेती से किसान सफल होंगे।
मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी करुणा भाई ने अपनी शुभ कामनाएं सम्मलेन को दीं। आपने कहा कि मैंने खुद १६ की उम्र तक खेती की। एक छोटे से गांव से मैं आया हूँ। गांव की संस्कृति अब भारत में शायद नहीं रही।
नौकरी के दरम्यान ब्रह्मा कुमारीज संस्था की जानकारी मुझे मिली। मैं यहां आकर पिताश्री जी से मिला। उस समय मुझे अनुभव हुआ की विज्ञानं के साथ साथ आध्यात्म की भी उन्नति हो रही है। पिताश्री जी ने कहा की आज हर गांव में कम से कम एक परिवार तैयार करो जो परमात्मा को पहचाने और उनकी आज्ञा को माने। परमात्मा की आज्ञा पर चल कर ही आज का किसान स्वर्णिम भारत का निर्माण कर पाएंगे। हम सभी को ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास रख कर काम करें – हर प्रकार की सफलता आपको मिलेगी।
बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के कृषि विज्ञान संसथान के निदेशक डॉक्टर रवि प्रताप सिंह जी मुख्य अतिथि के तौर पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। आपने कहा कि मुझे यहां आकर काफी हर्ष है। मैं भी ग्रामीण परिवेश से ही आया हूँ। खेती की है – गौ सेवा भी की है। किसान अगर राजयोग अपना लें – योग का अभ्यास करें तो प्रगति होगी और वे आत्म हत्या करने से बचेंगे।
किसान ऋण के बोझ के कारण जीव घात करते हैं। अगर वे राजयोग का अभ्यास कर रहे होते तो आत्मा हत्या का विचार तक उनके मन में नहीं आता। ईश्वर की प्रार्थना से हमको लाभ प्राप्त होता है। तपस्या से और आध्यात्मिक शक्ति की ऊर्जा से हमेशा लाभ मिलता रहा है और फ्यूचर में भी लाभ होगा। आज जैविक खेती की महती जरूरत है। खाद का प्रयोग कम से कम करके हम जीवन की सुरक्षा कर पाएंगे।
डॉक्टर ए एम पारखिया निदेशक जूनागढ़ कृषि विश्व विदयालय ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। अपने कहा कि किसानों को अपना माइंड सेट बदलने की जरूरत है। उनको आध्यात्मिक मार्ग अपनाना चाहिए। योगिक और जैविक खेती अति उत्तम है। इस प्रकार की खेती से पर्याप्त आमदनी मिलेगा और स्वास्थ भी । भारत तो इन प्रयोगों से स्वर्णिम होगा ही मगर विश्व भी स्वर्णिम होगा। किसानो के मन में राजयोग के प्रति आस्था बिठाने की जरूरत है। हम ब्रह्मा कुमारीज के साथ मिलकर शोध करने की आकांक्षा रखते हैं।
ग्राम विकास विकास प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी सरला दीदी ने अपना वक्तव्य इस प्रकार प्रस्तुत किया। आपने कहा कि बिना संदेह हम कह सकते हैं की आज स्वर्णिम भारत का आधार : सशक्त किसान ही है। देश में आज सभी की चिंता है की किसान सुखी और समृद्ध बने। परन्तु किसानों की स्थिति दुखदाई है आज। आज कृषक वर्ग शोषित है। हमें उनकी जरूरतों को समझना होगा। उनकी जरूरतों को पूरा करके हम देश को स्वर्णिम बना सकेंगे।
मुख्य वक्ता अलवर की ब्रह्मा कुमारी ममता बहन ने अपना वक्तव्य इस प्रकार प्रस्तुत किया। भारत की संस्कृति महान है – सभी को ज्ञात है। हमारी संस्कृति की जड़ है प्रेम और सहयोग। हम सभी को जान लेना चाहिए की स्वर्णिम भारत कल्पना नहीं – हक़ीक़त है -हक़ीक़त था। फिर से वैसा ही होगा। लोगों में प्रेम -एकता और भाई चारा होगा। सभी को सब कुछ सहज प्राप्त होगा। वहाँ मानवता और प्रकृति अपनी सर्वोच्च अवस्था में होगी। विकारों का नामों निशान मिट जायेगा। मगर ऐसी दुनिया कौन लाएगा ? ये एक बड़ा प्रश्न है। स्वर्णिम भारत किसानों के द्वारा ही सम्भव है। आज के समाज की सारी जरूरतो को किसान ही पूरा कर पाएंगे। मसलन -अनाज,पानी ,दूध ,छाया आदि आदि। ये सारी बातें इनसे ही जुडी हैं। किसानों को भौतिक और आध्यात्मिक रूप से समपन्न बना कर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। किसानों के नैतिक संबल के लिए ब्रह्मा कुमारीज अपना सहयोग वर्षों से दे रहा है। इनका फायदा लेकर किसान स्वर्णिम भारत के निर्माण में अपना योगदान दे पाएंगे।
लोक मंगल हो पत्रकारिता धर्म
माउंट आबू, ३ जून
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने ज्ञान सरोवर परिसर माउंट आबू में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित मीडिया सम्मेलन के उदघाटन सत्र को मुख्य अतिथि की हैसियत से संबोधित करते हुए कहा कि हजारों वर्षों से भारत देश सकारात्मक सोच व अच्छे समाज की संरचना के लिए चिन्तन का परिचायक रहा है। लेकिन आज इसी देश में उन विषयों में गहन चिन्तन की आवश्यकता अनुभव की जा रही है।
महाभारत व रामायण के प्रमुख पात्रों के हवाले से डॉ. मान ने कहा कि नारदमुनि पत्रकारिता के आदर्श थे क्योंकि उनकी सूचनाओं की विश्वसनीयता पर कभी प्रश्नचिन्ह नहीं लगा। दूरदर्शी चिन्तक होने के नाते उन्होंने हजारों साल पहले जल प्रबंधन की बात की जिसकी जरूरत अब शिद्दत से महसूस की जा रही है। वस्तुपरकता व तटस्थता के मामले में महाभारत काल के संजय को आदर्श माना जाता है। कबीर अपने समय के महान प्रचारक थे जिन्होंने ऐसी वाणी बोलने का उपदेश दिया कि जिसे सुनकर कोई आपा ना खोये। विदुर जैसा विचारक अपने आप में बेमिसाल था। श्रीकृष्ण व अर्जुन के बीच हुआ संवाद संचार का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। इसके विपरीत अब हमारा ९० प्रतिशत समय जब संचार व संवाद में बीत रहा है तो हम कई बार दिशाभ्रम होने की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं।
डॉ. मान ने कहा कि वर्तमान सदी में जब विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका से समस्या का समाधान होता नहीं दिखता तो लोग आशा भरी निगाहों से मीडिया की ओर देखते हैं। यदि लोकमंगल को हम पत्रकारिता का धर्म मान लें और लक्ष्मण रेखा का उल्लंघ्न न करें तो सकारात्मक परिवर्तन लाना मुश्किल नहीं होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईबीएन ७ चेनल के उप प्रबन्ध सम्पादक सुमित अवस्थी ने विभिन्न मंचों से इलेक्ट्रानिक मीडिया की आलोचना का स्टीक जबाब देते हुए कहा कि सकारात्मक समाचार या कार्यक्रम जब टीवी चैनल पर दिखाये जाते हैं तो टीआरपी के विश्लेषण से पता चलता है कि दर्शक उनमें रूचि नहीं ले रहे हैं। इस प्रसंग में उन्होंने शाबाश इंडिया साप्ताहिक कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि आदर्श पत्रकारिता के प्रकाश स्तंभ को संबल प्रदान करने वाले समाचारों और पत्रकारों को शाबाशी देने के लिए पाठकों व दर्शकों को आगे आना चाहिए। समाज को लूटकर खाने वाले लोगों के स्टिंग आपरेशन को सामाजिक बदलाव लाने का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को पहले की तरह ही पवित्र व्यवसाय के रूप में कायम रखना होगा। पत्रकार यदि आदर्शों से जुड़ें और शुभ लक्ष्य से भटके नहीं तो निश्चित रूप से सकारात्मकता की ओर बढ़ते हुए हम स्वयं को बदलेंगे, उससे समाज व देश भी अवश्य बदलेगा।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर एक संस्था का अंकुश है लेकिन सोशल मीडिया बेलगाम चल रहा है। इससे जुडे करोड़ों लोग प्राप्त होने वाली अधकचरी सूचना की विश्वसनीयता की जांच किए बिना उसे जंगल की आग की तरह आगे फैला रहे हैं। आधे से ज्यादा फर्जी खातों व प्रायोजित कार्यक्रमों पर आधारित सोशल मीडिया अच्छे समाज की संरचना के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने वीडियो संदेश के माध्यम से सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं और प्रतिभागियों को आशीवर्चन देते हुए कहा कि जहां शान्ति, स्नेह व समन्वय नहीं होगा वहां सफलता पांव नहीं धरती। नकारात्मक सोचने वाले लोगों को हम अपने पावन लक्ष्य में बाधक न बनने दें। अच्छी भावनाएं विकसित करें, मनन और चिन्तन व शुभभावना से वायुमण्डल को शुद्व करते हुए सादा व पवित्र जीवन अपनाते हुए उच्च विचारों से विश्व परिवर्तन के अभियान में सहभागी बनें।
मीडिया प्रभाग अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि भारतीय मीडिया पूर्णत: जागृत है। जरूरत इस बात की है कि सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए देश के प्रति अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन करें।
नई दिल्ली, 31 मई : आज ” विश्व तम्बाकू निषेध दिवस ” के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मेडिकल प्रभाग and Lok vihar centre and connected centres द्वारा ” राजयोग द्वारा व्यसन मुक्ति ” शीर्षक के अंतर्गत आज प्रातः सकूरपुर क्षेत्र में एक आध्यात्मिक सामूहिक यात्रा का शुभारम्भ स्थानीय adhyaksh Resident Welafre Association , brother pravin kumar ji and Dr M D Gupta ने झंडी दिखाकर की i इस यात्रा में ब्रह्मकुमारी संस्था के सैकड़ो सदस्यों द्वारा नशा विरोधी बैनरों और तख्तियों द्वारा सकूरपुर के विभिन्न आवासीय क्षेत्रो में जन जागृति के लिए लगभग दो घंटे तक चलाया गया I जागो जागो – नशा को त्यागो, नशे का जो हुआ शिकार – उजड़ा उसका घर परिवार और सन्डे हो या मंडे – नशे को मारो डंडे जैसे नारे भी गूंजे I
यह यात्रा संस्था के देशव्यापी अभियान ” मेरा भारत, व्यसन मुक्त भारत ” का एक हिस्सा है I इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक रूप से शराब , तम्बाकू एवं तम्बाकू से बने विभिन्न उत्पाद , नशीले पदार्थो जैसे व्यसनों के दुष्परिणाम के प्रति जन -जागरूकता को बढ़ाने, विश्व स्वास्थ्य संगठन के तम्बाकू विरोधी सन्देश को जन-जन तक फ़ैलाने एवं स्थानीय जनता को स्वस्थ्य आदतों व् सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक करना है I Senior brahmakumaris brothers and sisters , BK Meera, Dr Manju Gupta, BK Laxmi, Dr Reena Tomar and many others were present.
इसके अतिरिक्त आज शाम खाटू श्याम पार्क, सब्जी मंडी, सकूरपुर में 4 से 6 बजे , राजयोगी डाक्टरों द्वारा सम्पूर्ण व्यसन मुक्त जीवन बनाने हेतु निःशुल्क परामर्श, व्यसन मुक्त प्रदर्शनी एवं ज्ञान योग प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिससे सेकड़ो क्षेत्रीय जनता ने लाभ लिया एवं नशा मुक्त जीवन जीने की दृढ प्रतिज्ञा किया I शाम 6 बजे से एक विशेष सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक श्री जीतेन्द्र सिंह तोमर जी के द्वारा किया गया I अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने संस्था के सामाजिक उथ्थान कार्यो की सराहना करते हुए समय प्रति समय ऐसा कार्यक्रम करने में सहयोग देने की भी बात कही I मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारी संस्था के महिपालपुर सेवाकेंद्र की निर्देशिका राजयोगिनी अनुसूया द्वारा सहज राजयोग के प्रयोग से व्यसन मुक्त जीवन जीने की कला विषय पर गहराई से प्रकाश डाला गया I
मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. रीना तोमर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जनता को व्यसन के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए, नशा मुक्त जीवन जीने के व्यवहारिक और आध्यात्मिक तौर-तरीके सिखाए गए I वहीं फेफड़े संक्रमण संस्थान के निर्देशक डॉ. एस. के. गुप्ता ने भी अपने अनुभवयुक्त विचारों को उपस्थित जनसमूह से साझा किया I वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एम. डी. गुप्ता ने जीवन के व्यवहारिक ज्ञान द्वारा व्यसन मुक्त खुशनुमा जीवन जीने के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी I ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (AIIMS) के डॉ. उषा किरण द्वारा राजयोग मैडिटेशन के सफल प्रयोग द्वारा नशा मुक्त जीवन बनाए जाने के ऊपर किये गए रिसर्च प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण जानकारी दिया गया I
सभा में उपस्थित जनसमूह ने शराब, नशीले पदार्थो और तम्बाकू के इस्तेमाल न करने की दृढ प्रतिज्ञा ली I
और अंत में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के लॉरेंस रोड सेवाकेंद्र के संचालिका राजयोगिनी लक्ष्मी जी द्वारा उपस्थित सभा को राजयोग मैडिटेशन की गहन अनुभूति कराया गया, जिसने सभा में उपस्थित जनसमूह को कुछ समय के लिए मंत्रमुग्ध कर दिया I